दिल्लीः एडमंड हेली का नाम इंग्लैंड के प्रसिद्ध खगोलविदों (एस्ट्रोनॉमर्स) में गिना जाता है। इन्होंने ही दुनिया की हेली धूमकेतु से पहचान कराया था। एडमंड हेली ने आज ही के दिन यानी 14 जनवरी1742 में आखिरी सांस ली थी। एडमंड हेली का जन्म 8 नवंबर 1656 को इंग्लैंड के शोरडिच में हुआ था। उनके पिता का साबुन का कारोबार था। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के क्वींस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। बाद में ऑक्सफोर्ड से ही मास्टर्स की डिग्री हासिल की।
1705 में एडमंड हेली ने दुनिया को हेली धूमकेतु के बारे में बताया था। वैसे तो पृथ्वी के पास से कई धूमकेतु गुजरते हैं, लेकिन हेली ऐसा धूमकेतु है, जिसे खुली आंखों से भी देखा जा सकता है। इसे देखने के लिए किसी खास उपकरण की जरूरत नहीं होती। हेली धूमकेतु 76 साल में एक बार दिखाई देता है।
धूमकेतु धूल-मिट्टी के बादल की तरह होते हैं, जो सैकड़ों सालों में एक बार दिखाई देते हैं। इस वजह से हेली ऐसा धूमकेतु भी है, जिसे एक जीवनकाल में दो बार देखने की उम्मीद की जा सकती है। आखिरी बार हेली धूमकेतु को 1986 में देखा गया था और अब अगली बार यह 2061 में दिखाई दे सकता है।
पानीपत की तीसरी लड़ाई की शुरुआत हुईः आज ही के दिन यानी 14 जनवरी 1761 में पानीपत की तीसरी लड़ाई शुरू हुई थी। यह युद्ध अफगानिस्तान के शासक अहमद शाह अब्दाली और मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ के बीच हुआ था। इस युद्ध में मराठों की कुल सेना 45,000 थी और अब्दाली के पास 65,000 सैनिक थे। ये लड़ाई सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक ही चली।
लड़ाई में दो बजे तक मराठाओं का पलड़ा भारी था, लेकिन तभी पेशवा के पुत्र विश्वास राव को गोली लग गई और वे शहीद हो गए। विश्वासराव की मृत्यु के बाद भाऊ पागल हो उठे। वे हाथी से उतरे और घोड़े पर बैठकर अब्दाली की सेना में घुस गए। उनकी भी जान चली गई। मराठा सेना में इस घटना से भगदड़ मच गई और वे हार गई।
इसके बाद महिलाओं को अलग कर लिया गया। पुरूषों का कत्ले आम शुरू हुआ। अनुमान है कि एक लाख से अधिक लोगों को कत्ल किया गया । इनमें चालीस हजार तीर्थयात्री भी थे। यह मराठा सेना की सबसे बड़ी क्षति थी । इतिहास का काला दिन माना गया। महाराष्ट्र का शायद कोई घर ऐसा नहीं था जिसका परिजन इस युद्ध में शहीद न हुआ था। पानीपत में खून की नदियां बहा कर और कटे हुये सिरों का ढेर लगाकर अहमदशाह दिल्ली लौटा और उसने उन सब को कत्ल किया जिनको दिल्ली की सुरक्षा के लिये मराठों ने तैनात किया था। अब्दाली का यह कत्ले आम और लूट का सिलसिला अक्टूबर 1760 से शुरू हुआ था जो फरवरी 1761 तक चला । इसमें 14 जनवरी 1761 बुधवार का दिन मकर संक्रांति की तिथि सबसे भीषण रक्तपात से भरी थी।
आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 14 जनवरी को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर….
1551 : मुगल काल में अकबर के नवरत्नों में से एक अबुल फजल का जन्म।
1641 : यूनाइटेड ईस्ट इंडिया कंपनी ने मलक्का शहर पर विजय प्राप्त की।
1659 : एलवास के युद्ध में पुर्तगाल ने स्पेन को पराजित किया।
1741 :मराठाओं और अफगानों के बीच पानीपत का तीसरा युद्ध शुरू हुआ।
1742 : दुनिया का हेली कॉमेट से परिचय कराने वाले इंग्लैंड के सबसे प्रसिद्ध खगोलविद एडमंड हेली का निधन।
1758 : इंग्लैंड के राजा ने ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में लड़ाई में जीती हुई संपत्ति अपने पास रखने का अधिकार दिया।
1760 : फ्रांसीसी जनरल लेली ने पुडुचेरी अंग्रेज़ों को सौंपा।
1809 : इंग्लैंड और स्पेन ने ‘नेपोलियन बोनापार्ट’ के खिलाफ गठबंधन किया।
1867: पेरू ने स्पेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया।
1898 : जोयी डार्लिंग ने टेस्ट मैच का पहला छक्का जड़ा।
1907 : जमैका में भूकंप से किंगस्टन शहर तबाह हो गया और लगभग 900 से ज्यादा लोग मारे गए।
1912 : रेमंड पोंकारे फ्रांस के प्रधानमंत्री बने।
1918: फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री जोसेफ कैलाक्स को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
1964: टेस्ट गेंदबाज रमेशचंद्र गंगाराम नाडकर्णी ने आज के दिन लगातार 21 मेडन ओवर फेंकने का रिकॉर्ड बनाया था।
1969 : भारत के दक्षिणी राज्य मद्रास का नाम बदलकर तमिलनाडु किया गया।
1974 : विश्व फुटबाल लीग की स्थापना की गई।
1977 : फॉर्मूलावन रेस में फर्राटा भरने वाले पहले भारतीय नारायण कार्तिकेयन का जन्म।
1991 : जॉर्ज सेरानो एलियास ने ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
1994: 300 वर्ष में पहली बार ब्रिटेन के शाही परिवार के किसी सदस्य ने कैथोलिक धर्म अपनाया. एक प्राइवेट सर्विस में डचेस ऑफ केन्ट कैथोलिक चर्च की सदस्य बनीं।
1994 : टीएम-17 रूसी मानवयुक्त अंतरिक्ष यान चांद पर उतरा।
2002: ब्रिटेन सरकार ने घोषणा की कि करीब 11 महीने तक देश में फैली फुट एंड माउथ बीमारी को मध्यरात्रि में खत्म माना जाएगा।
2007 : नेपाल में अंतरिम संविधान को मंजूरी मिली।
2009 : सरकार ने विदेशी पत्रों के फेसीमाइल (प्रति) संस्करणों से शत-प्रतिशत विदेशी निवेश को मंज़ूरी देने की घोषणा की।
2012 : इराक के बसरा में आत्मघाती हमले से 53 मारे गए और 130 लोग घायल हुए।
2016 : सामाजिक कार्यकर्ता और मशहूर साहित्यकार महाश्वेता देवी का निधन।