दिल्लीः आज ही के दिन यानी 13 जनवरी 1949 में भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा का जन्म पंजाब में हुआ था। जुलाई 1966 में उनका नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में एडमिशन हुआ। 21 साल की उम्र में वे एयरफोर्स से जुड़े और वहां वे सुपरसोनिक लड़ाकू विमान उड़ाया करते थे। पाकिस्तान के साथ 1971 की जंग में उन्होंने 21 बार उड़ान भरी थी और उस वक्त वे 23 साल के भी नहीं हुए थे। राकेश शर्मा जब 25 साल के थे, तभी एयरफोर्स के सबसे बेहतरीन पायलट बन गए थे।
राकेश शर्मा की उम्र जब 35 साल थी, तब वे अंतरिक्ष में गए थे। अंतरिक्ष में जाने वाले राकेश शर्मा 128वें इंसान थे और पहले भारतीय थे। राकेश शर्मा को 50 फाइटर पायलटों के टेस्ट के बाद चुना गया था। उनके अलावा रवीश मल्होत्रा को भी चुना गया था और दोनों को रूस में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। हालांकि, रवीश मल्होत्रा बैकअप के तौर पर थे। इसरो और सोवियत संघ (अब रूस) के ज्वॉइंट मिशन के तहत राकेश शर्मा ने 3 अप्रैल 1984 को सोयूज टी-11 से अंतरिक्ष यात्रा शुरू की थी। अंतरिक्ष में उन्होंने 7 दिन 21 घंटे और 40 मिनट बिताए थे।
अंतरिक्ष से सोयूज टी-11 की क्रू के साथ ज्वॉइंट कॉन्फ्रेंस के जरिए देश ने पहली बार अंतरिक्ष में मौजूद अपने नागरिक के साथ बात की थी। उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा ने पूछा था कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है? उन्होंने हिंदी में जवाब दिया था कि सारे जहां से अच्छा।
अंतरिक्ष से लौटने के बाद राकेश शर्मा ने फिर से जेट पायलट के तौर पर अपनी जिंदगी शुरू की। उन्होंने जगुआर जैसे लड़ाकू विमान उड़ाए। राकेश शर्मा को हीरो ऑफ द सोवियत यूनियन अवॉर्ड से भी नवाजा गया है। वे इकलौते भारतीय हैं, जिन्हें ये सम्मान मिला है। इसके साथ ही उन्हें अशोक चक्र से भी सम्मानित किया गया है।
पहली बार दुनिया ने देखा था मिकी माउसः आज ही के दिन यानी 12 जनवरी 1930 को मशहूर कॉमिक कैरेक्टर मिकी माउस पहली बार कॉमिक स्क्रिप्ट में दिखा था। न्यूयॉर्क मिरर में छपने वाली इस कॉमिक की स्क्रिप्ट वॉल्ट डिजनी लिखते थे। धीरे-धीरे मिकी माउस का किरदार बहुत मशहूर हो गया। अगले कुछ ही महीनों में इस कॉमिक को 24 देशों के 40 अखबारों में छापा जाने लगा।
कोलकाता में सांप्रदायिक दंगे हुएः कलकत्ता (अब कोलकाता) में आज़ादी से पहले 1946 में भी भयानक दंगे हुए थे जिनमें लगभग दो हज़ार लोग मारे गए थे।
आज ही के दिन 1964 में भारत के पूर्वी राज्य पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता में हिंदू और मुसलमानों के बीच भयानक सांप्रदायिक दंगे हुए थे जिनमें कम से कम 100 लोग मारे गए थे और 400 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे। दंगों की चपेट में कोलकाता के अलावा आस-पास के ज़िले भी आ गए थे।
पुलिस ने लगभग सात हज़ार लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन फिर भी दंगों पर क़ाबू पाने में सफलता नहीं मिल रही थी। शहर के पांच थाना क्षेत्रों में मुसलमानों के घरों को आग लगाने और लूट-पाट की घटना के बाद प्रशासन ने वहाँ 24 घंटे का कर्फ़्यू लगाने का फ़ैसला किया था।
पुलिस और सैन्य बलों को बलवाइयों और उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए थे। छुरेबाज़ी और बम फेंकने की कई घटनाएं हुईं थी लेकिन दंगों में ज़्यादातर मुसलमानों की संपत्ति को नुक़सान पहुंचा था।
लगभग 70 हज़ार मुसलमान अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए थे और लगभग 55 हज़ार लोग सेना की सुरक्षा में शिविरों में सो रहे थे। जनवरी 1964 में भारत-प्रशासित कश्मीर की राजधानी श्रीनगर की एक मस्जिद से इस्लाम धर्म के संस्थापक पैग़ंबर मोहम्म्द से जुड़ी एक ख़ास चीज़ के ग़ायब होने की ख़बर के बाद दंगे भड़के थे।
इसकी प्रतिक्रिया में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान और आज के बांग्लादेश में दंगे भड़के जिनमें 29 हिंदू मारे गए थे। उसका बदला लेने के लिए बंगाल के गाँवों में मुसलमानों के ख़िलाफ़ हमले होने लगे और बाद में कोलकाता भी इसकी चपेट में आ गया। जनवरी के आख़िर तक दंगों पर क़ाबू पा लिया गया था लेकिन उसी साल मार्च में फिर दंगे भड़के थे जिनमें 21 मुसलमान मारे गए थे।
दक्षिणी इराक़ पर अमेरिका ने हमला कियाः अमेरिका और उसके सहयोगियों ने दक्षिणी इराक़ में नो फ़्लाई ज़ोन लागू करने के लिए 1993 में आज ही के दिन इराक़ पर हवाई हमले की शुरूआत की थी।
अमेरिका का आरोप था कि इराक़ पहले खाड़ी युद्ध(1991) के बाद संयुक्त राष्ट्र के ज़रिए तय किए गए नो फ़्लाई ज़ोन का उल्लंघन कर रहा था।
अमेरिका के साथ ब्रिटेन और फ़्रांस के विमानों ने भी इस हमले में हिस्सा लिया था। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता मार्लिन फ़िट्ज़वाटर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, इराक़ की सरकार को ये बात समझ लेनी चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के क़रारदादों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इसके बाद मार्च 2003 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने ये कहते हुए एक दफ़ा फिर इराक़ पर हमला किया कि इराक़ के पास महाविनाश के हथियार हैं।
अमेरिकी सेना ने इराक़ पर क़ब्ज़ा भी कर लिया लेकिन इराक़ के पास ऐसा कोई हथियार नहीं पाया गया। इराक़ के तत्कालीन राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को गिरफ़्तार किया गया था और 2006 में उन्हें फांसी दे दी गई थी। आइए एक नजर डालते देश और दुनिया में 13 जनवरी को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर…
1607 : स्पेन में दिवालिया होने की घोषणा के बाद ‘बैंक ऑफ जेनेवा’ का पतन।
1709 : मुगल शासक बहादुर शाह प्रथम ने अपने भाई कमबख्श को हैदराबाद में पराजित किया।
1818 : उदयपुर के राणा ने मेवाड़ के संरक्षण के लिये ब्रिटेन से समझौता किया।
1822 : यूनान की नेशनल असेंबली द्वारा देश के आधुनिक झंडे का डिजाइन एपिडाडोर में पहली बार उनके नौसैनिक ध्वज के लिए अपनाया गया।
1849 : द्वितीय ब्रिटिश-सिख युद्ध के दौरान चिलियांवाला की लड़ाई शुरू हुई।
1874 : राजा की रक्षा के लिए अमेरिकी सैनिकों को होनोलूलू भेजा गया।
1893 : ब्रिटेन में स्वतंत्र लेबर पार्टी इसकी पहली बैठक शुरू हुई।
1910 : पहली बार रेडियो का प्रसारण हुआ।
1910 : न्यूयॉर्क में दुनिया का पहला सार्वजनिक रेडियो प्रसारण शुरु हुआ। यह प्रसारण 20 किलोमीटर दूर समंदर में मौजूद जहाज पर भी सुना जा सकता था।
1915 : इटली के एवेज्जानो शहर में विनाशकारी भूकंप में 30 हजार से अधिक लोग मारे गए।
1926 : प्रसिद्ध फिल्म निर्माता एवं निर्देशक शक्ति सामंत का जन्म।
1930 : पहली बार मिकी माउस कॉमिक स्ट्रिप का प्रकाशन हुआ।
1938 : प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित शिवकुमार का जन्म हुआ।
1948 : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिन्दू-मुस्लिम एकता बनाए रखने के लिए कोलकाता में आमरण अनशन शुरू किया।
1949 : अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय विंग कमांडर राकेश शर्मा का जन्म।
1961 : पूर्व ब्रिटिश नौसेना के विमान वाहक एचएमएस प्रतिशोध को ब्राजील के नौसेना में मिनास गेरैस के रूप में नियुक्त किया गया।
1966 : अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया।
1976 : भारत के प्रसिद्ध तबला वादक अहमद जान थिरकवा का निधन।
1978 : नासा ने पहली अमेरिकन महिला अंतरिक्षयात्री का चयन किया।
1988 : चीन के राष्ट्रपति चिंग चियांग कुमो का निधन।
1993 : अमेरीका और उसके सहयोगियों ने दक्षिणी इराक़ में नो फ़्लाई ज़ोन लागू करने के लिए इराक़ पर हवाई हमले की शुरूआत की।
1998 : सेंट जेम्स थियेटर, ‘पट्टी लाबेल ऑन द ब्रॉडवे’ न्यूयॉर्क शहर में खुला ।
1999 : नूरसुल्तान नजरबायेव दोबारा कजाखस्तान के राष्ट्रपति चुने गए।
2006 : ब्रिटेन ने परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान पर सैन्य हमले से इनकार किया।
2007: महिलाओं के प्रति भेदभाव दूर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का 37वां अधिवेशन न्यूयार्क में हुआ।
2009 : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारुख़ अब्दुल्ला नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष बनाए गए।
2013 : सत्तरवें गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स में टाइम वार्नर इंक फिल्म ‘एग्रो’ ने सर्वश्रेष्ठ ड्रामा और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता।
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