वाराणसीः उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शुक्रवार को दुनिया की सबसे लंबी क्रूज यात्रा (Cruise Travel) की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आभासी तरीके से हरी झंडी दिखाकर गंगा विलास क्रूज को काशी से रवाना किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी वाराणसी में मौजूद रहे। गंगा विलास क्रूज 3200 किमी की यात्रा तय करेगा और ये सफर 51 दिनों का होगा। गंगा पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को आज दो सौगातें दी। पहली सौगात है गंगा विलास क्रूज और दूसरी पांच स्टार टेंट सिटी। इस दौरान उन्होंने देशवासियों को संबोधित भी किया। उन्होंने हर-हर महादेश के उद्घोष के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। चलिए अब आपको पीएम मोदी के भाषण के प्रमुख बातों की जानकारी देते हैं…

  • प्रधानमंत्री मोदी ने हर-हर महादेव से भाषण की शुरुआत की। कहा कि गंगा हमारे लिए सिर्फ एक जलधारा नहीं है। यह भारत की तपस्या की साक्षी है। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि गंगा किनारे विकास के बजाय वह पिछड़ते चले गए। इसी वजह से गंगा किनारे के लाखों लोगों का पलायन हुआ। इसीलिए हमने नमामि गंगे शुरू की।
  • उन्होंने कहा किइस क्रूज में सवार विदेशी टूरिस्ट साथियों से कहूंगा कि भारत के पास सब कुछ है। इंडिया को शब्दों में डिफाइन नहीं किया जा सकता है। इंडिया को अनुभव किया जा सकता है। हिंदुस्तान के धर्म, कला, संस्कृति, पर्यावरण, नदियों और समृद्ध खानपान से रूबरू होने का सुअवसर मिलेगा। भारत आइए, ये आपकी सोच से भी परे है।
  • गंगा विलास क्रूज जहां से गुजरेगा वहां विकास की नई लाइन तैयार करेगा। शहरों के बीच लंबी रिवर क्रूज यात्रा के अलावा हम छोटे क्रूज को भी बढ़ावा देंगे। इसके लिए सुविधाएं विकसित की जा रही है। नदी जल मार्ग अब भारत का नया सामर्थ्य बनेगा। गंगा पर बन रहा राष्ट्रीय जलमार्ग पूरे देश के लिए एक मॉडल की तरह विकसित हो रहा है। ये राष्ट्रीय जलमार्ग ट्रांसपोर्ट, ट्रेड और टूरिज्म के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है।
  • उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश में वॉटर-वे का थोड़ा-बहुत ही उपयोग था। यह हाल तब था जबकि भारत में वॉटर-वे का पुरातन इतिहास था। 2014 के बाद हमने देश की बड़ी नदियों में जलमार्ग के विकास के लिए कानून बनाए। 2014 में 5 राष्ट्रीय जलमार्ग देश में थे। आज 24 राज्यों में 111 जलमार्गों को विकसित करने पर काम हो रहा है।”

यात्रा की अवधि- 51 दिन। दूरी- 3200 किलोमीटर। किराया- 19 लाख रुपए, सुइट का किराया 38 लाख।

क्रूज का रूट: गंगा-भागीरथी-हुगली रिवर सिस्टम (नेशनल वॉटर वे 1), कोलकाता से धुबरी (इंडो बांग्ला प्रोटोकॉल रूट) और ब्रह्मपुत्र (नेशनल वॉटर वे 2)। रास्ते में 27 नदियां पड़ेंगी। गंगा, भागीरथी, हुगली, विद्यावती, मातला, सुंदरवन रिवर सिस्टम्स-5, मेघना, पद्मा, जमुना और ब्रह्मपुत्र जैसी 27 नदियां बीच में पड़ेंगी।

इन पांच  राज्यों और बांग्लादेश से गुजरेगा क्रूज: उत्तर प्रदेश , बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम और बांग्लादेश। वाराणसी, पटना, कोलकाता, ढाका, गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ समेत 50 प्रमुख पर्यटन स्थल शामिल हैं।

सुविधाएं: 18 सुइट, रेस्टोरेंट, बार, स्पा, सनडेक, जिम और लाउंज। 40 सीटों वाले रेस्तरां में कॉन्टिनेंटल और इंडियन फूड के साथ बफे काउंटर हैं। आउटडोर सिटिंग में स्टीमर चेयर्स और कॉफी टेबल के साथ एक बार है। बाथ टब वाला बाथरूम, कन्वर्टिबल बेड्स, फ्रेंच बालकनी, LED टीवी, तिजोरी, स्मोक अलार्म्स, लाइफ वेस्ट और स्प्रिंकलर्स भी हैं।

खासियत: 62.5 मीटर लंबा और 12.8 मीटर चौड़ा, 40 हजार लीटर का फ्यूल टैंक और 60 हजार लीटर का वाटर टैंक। अप स्ट्रीम में क्रूज की रफ्तार 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटा है। डाउन स्ट्रीम में क्रूज की रफ्तार 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा है।

क्या है टेंट सिटी में खासः काशी में गंगा किनारे 30 हेक्टेयर में 265 टेंट लगाकर पर्यटकों के लिए लग्जरी टेंट सिटी बनाई गई हैं, जिनमें रहकर आप 5 स्टार जैसे होटल की लग्जरी सुविधाओं का लुफ्त उठा सकते हैं। उगते सूरज और गंगा आरती का नजारा, गेम्स और हॉर्स राइडिंग आपको सुकून देंगे।

 

प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किए जाने के बाद अब 15 जनवरी से यहां पर्यटकों का आना जाना शुरू हो जाएगा। टेंट सिटी का यह टूरिज्म प्रोजेक्ट पांच साल के लिए है। हर साल बाढ़ के समय कुछ महीनों के लिए टेंट सिटी को हटा दिया जाएगा। गंगा का जलस्तर सामान्य होते ही टेंट सिटी को फिर बसा दिया जाएगा।

टेंट सिटी से दिखेगा खूबसूरत गंगा आरती का नजाराः टेंट सिटी की डिजाइन काशी के मंदिरों के शिखर की तरह दिखेगी। रोजाना सूर्योदय होते ही घंटों-घड़ियालों की आवाज के साथ गंगा आरती होगी और सुबह की शुरुआत लाइव राग के साथ होगी। बनारस घराने की शहनाई, सारंगी, सितार, संतूर, तबला के साथ जुगलबंदी यहां सुनने को मिलेगी। टेंट सिटी में चंदन, गुलाब लैवेंडर की सुगंध फैलेगी।

पर्यटक उठा सकेंगे बनारसी खाने का लुत्फः टेंट सिटी में स्वाद के लिए मलइयो, ठंडई, चाट, बनारसी पान और बनारस का खास खान-पान रिसॉर्ट और रेस्टोरेंट में परोसा जाएगा। टेंट सिटी में इनडोर और आउटडोर गेम जैसे स्नूकर, कैरम, बैडमिंटन, वॉलीबॉल आदि के अलावा बोटिंग की सुविधा मिलेगी। सर्दी से बचाव के लिए यहां बॉन फायर की सुविधा है।

फिटनेस के लिए खास इंतजाम: यहां योग, स्पा, लाइब्रेरी और आर्ट गैलरी की सुविधा का लुत्फ उठाने के अलावा कैमल और हॉर्स राइडिंग भी की जा सकेगी। यहां 32 फीट ऊंचा एक गंगा टॉवर बनाया जाएगा, जहां से पर्यटक घाटों की अद्भुत छटा देख सकेंगे। टूरिस्ट के सुरक्षित गंगा स्नान के लिए यहां फ्लोटिंग बाथ जेटी बनाई गई है।

हस्तशिल्प उत्पाद बाजार: उत्तर प्रदेश के GI और ODOP उत्पादों समेत अन्य हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट को भी यहां एक नया बाजार मिलेगा। टेंट सिटी में एक बड़ा डाइनिंग हाल और कॉन्फ्रेंस के लिए भी सुविधा युक्त हाल है, जहां 800 डेलीगेट्स एक साथ आ सकते हैं।

 

कैटेगरी………………… साइज——————पर पर्सन (ट्विन शेयरिंग)……. एक्स्ट्रा पर्सन के लिए

गंगा दर्शन विला…….900 स्क्वायर फीट———20 हजार रुपए———-  14 हजार रुपए

काशी सुइट…………576 स्क्वायर फीट——    12 हजार रुपए————8500 रुपए

प्रीमियम एसी टेंट……504 स्क्वायर फीट——– 10 हजार रुपए———– 7000 रुपए

डीलक्स एसी टेंट…….392 स्क्वायर फीट——-  7500 रुपए————–5500 रुपए

नोटः टेंट सिटी में रहने वाले पर्यटक मांस और शराब का सेवन नहीं कर सकेंगे। वह बाहर से भी यहां शराब और मांस नहीं ला सकेंगे। यदि कोई मांस और शराब का सेवन करते हुए पाया गया तो उसे टेंट सिटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।

सुरक्षाः टेंट सिटी में सुरक्षा के लिए अस्थायी पुलिस चौकी बनाई गई है और अग्निशमन विभाग का दस्ता तैनात किया गया है। इसके साथ ही टेंट सिटी की बैरिकेडिंग कर निगरानी के लिए CCTV कैमरों के साथ प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड भी लगाए गए हैं।

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