दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल में इसी महीने फेरबदल हो सकता है। इसको लेकर इन दिनों मंत्रालयों में बेचैनी और पार्टी मुख्यालय से लेकर पीएमओ (PMO) यानी प्रधानमंत्री कार्यालय तक उच्च गहमागहमी है। हर जगह से यह संकेत मिल रहे हैं कि मोदी कैबिनेट में बड़े फेरबदल होने वाला है। सूत्रों सूत्रों का कहना है कि यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पुनर्गठन होगा।
आपको बता दें कि यही टीम इस साल 10 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव है। इस वजह से पार्टी संगठन से लेकर मंत्रालयों तक में जल्द बदलाव कर लेना चाह रही है, ताकि चुनावों में मजबूती के साथ उतरा जा सके। माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर को नई और अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। वहीं, गुजरात चुनाव के रणनीतिकार माने जाने वाले सीआर पाटिल को दिल्ली में अहम भूमिका में लाया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि अभी तक यह तय नहीं है कि उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण पद मिलेगा या कैबिनेट मंत्री बनाए जाएंगे। वहीं, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के लिए भी नई जगह तलाशी जा रही है।
हालांकि कौन हटेगा, कौन शामिल होगा इस मुद्दे पर पार्टी में खामोशी है। हर किसी का यही कहना है कि इस बारे में सिर्फ एक शख्स (पीएम मोदी) को ही पता है।
बीजेपी आम चुनाव की तैयारियों में जुटी 20 जनवरी से उन 436 लोकसभा सीटों पर केंद्रीय मंत्रियों की तैनाती करेगी, जहां वह पिछला चुनाव लड़ी थी। मंत्री वहां रोटेशन आधार पर तीन दिन रुकेंगे और केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा करेंगे। सूत्रों का कहना है कि हर मंत्री के जिम्मे 7-8 सीटें होंगी। उन्हें केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और उसके असर की जानकारी जुटाकर रिपोर्ट बनानी होगी।
जानकारी जुटाने के बाद लोकसभा सीट के लिए एक ट्विटर हैंडल बनाकर उससे कम से कम 50 हजार फॉलोअर जोड़े जाएंगे। सोशल मीडिया के जरिए युवाओं, धार्मिक गुरुओं और समुदायों से संवाद स्थापित किया जाएगा।
आपको बता दें कि इस साल यानी 2023 में कर्नाटक, तेलंगाना, मप्र-छग राजस्थान, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा में चुनाव हैं। जम्मू-कश्मीर में भी उम्मीद है। पार्टी के सामने इनमें से 6 राज्यों में सरकार बचाने की चुनौती है। ऐसे में मंत्रिमंडल में वहां के नेताओं को प्रतिनिधित्व देने पर जोर रहेगा। सरकार की ओर से साफ संकेत हैं कि नॉन परफॉर्मिंग मंत्रियों को ड्रीम टीम में स्थान नहीं मिलेगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मौजूदा समय में संगठन में अनुभवी, तेजतर्रार नेताओं की कमी। इसलिए कम से कम तीन कैबिनेट मंत्री संगठन में लाए जा सकते हैं। वहीं, एक पूर्व ब्यूरोक्रेट कैबिनेट मंत्री को हटाए जाने की चर्चा है।
मोदी मंत्रिमंडल में संभावित बदलाव में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से नुमाइंदगी बढ़ने की संभावना है। माना जा रहा है कि पांच मंत्रियों का अतिरिक्त प्रभार कम किया जा सकता है। वहीं, ओबीसी, अनुसूचित जाति और आदिवासी को तरजीह देने जाने की संभावना जताई जा रही है। साथ ही अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक प्रतिनिधि को दिया जाएगा। वहीं सूत्रों का कहना है कि गुजरात की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले पुरस्कृत होंगे।
मोदी मंत्रिमंडल में होने वाले बदलाव में हिमाचल प्रदेश विधानसभा और दिल्ली एमसीडी चुनाव में हार का असर दिखेगा।
सूत्रों का कहना है कि मोदी मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में शिवसेना के शिंदे गुट को एक स्थान दिया जा सकता है। वहीं जेडीयू के हटने से खाली हुई जगह भी बीजेपी को मिलने की उम्मीद है।
कब हो सकता है मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल?: आपको बता दें कि बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 16-17 जनवरी को है। वहीं, 23 जनवरी को जेपी नड्डा बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल पूरा कर रहा है, जबकि बजट सत्र 31 जनवरी से है। ऐसे में नई टीम 18 से 25 जनवरी के बीच मोदी मंत्रिमंडल में बदलाव हो सकता है।
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