दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में सर्दी का सितम जारी है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में बुधवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। कोहरे का असर विमानों और ट्रेनों की आवाजाही पर पड़ा है।  कई विमान देरी से उड़ान भर रहे हैं। आपको बता दें कि ज्यादातर हिस्सों में मंगलवार को भी शीतलहर के साथ घना कोहरा छाया रहा। इसके चलते सड़क, रेल और हवाई यातायात पर असर पड़ा। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में धूप खिलने से भीषण ठंड से कुछ राहत मिली और न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री से. दर्ज किया गया।

नए साल यानी 2023 की शुरुआत से दिल्ली-एनसीआर की सर्दी अपने तेवर दिखा रही है। बीते नौ दिन तक पारा लगातार न्यूनतम स्तर पर बना हुआ है। नए साल में दिल्ली-एनसीआर के निवासियों ने दस सालों में सबसे लंबी यानी 10 दिनों तक शीतलहर का प्रकोप झेला है। इन क्षेत्रों में सर्दी का आलम यह रहा कि शिमला, मसूरी सरीखे पहाड़ पर बसे शहरों से कम तापमान दिल्ली-एनसीआर का रिकॉर्ड किया जा रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो पहाड़ों से आने वाली हवाओं के दिल्ली-एनसीआर के स्थानीय मौसमी दशाओं से मिलने के बाद सर्दी ज्यादा मारक साबित हुई है। इन दिनों में पश्चिमी विक्षोभ का कमजोर रहना इसको और भी ज्यादा गंभीर बना रहा है। मौसम विभाग के उपमहानिदेशक कुलदीप श्रीवास्तव कहते हैं कि इस मौसम में अभी तक जो पश्चिमी विक्षोभ आए हैं, वह काफी कमजोर रहे हैं।

पहाड़ों से लगातार उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाएं आती रहीं। पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव कम होने से मौसम में खास उतार-चढ़ाव नहीं आए और सर्दी बढ़ती रही। बादल भी उस तरह से नहीं हैं।

आईआईटी दिल्ली के शोधार्थी आसिफ मुजतबा बताते हैं कि पहाड़ों का मौसम अमूमन साफ रहता है। वहां धूप चटक रहती है जबकि कंक्रीट से ढंके दिल्ली-एनसीआर में नमी के कारण सुबह हल्की धुंध छा जाती है।

दिन होते-होते यह धुंध 100-300 मीटर ऊपर उठकर हल्के बादल बना लेती है। ऐसे में जमीन पर तापमान कम ही रहता है और धूल के कण के साथ नमी भी बनी रहती है। आसमान में फैले ये हल्के बादल सूरज की किरणों को धरती तक आने से रोकते हैं।

इस वजह से जमीन पर धूप नहीं आ पाती है और तापमान कम हो जाता है। साथ ही ठंड हमेशा बनी रहती है। आसिफ का कहना है कि जो चीज जितनी देर में ठंडी होती है, वह उतनी देर से गरम होती है।

एक बाद सर्दी से घिर जाने के बाद इसको गरम होने में समय लगता है। ऊपर से ठंडी हवाओं का प्रवाह भी बना रहता है। इससे ठंड यहां रुक जाती है।सफर के महानिदेशक गुफरान बेग के मुताबिक, सर्दियों में यह पूरे गंगा-सिंधु के मैदानों में कोहरा छाया रहता है।

कई बार दिन में भी इसका असर रहता है। इससे सूर्य की तपिश हल्की हो जाती है। जबकि पहाड़ों पर ऐसा नहीं होता। वहां धूप खिलने पर तापमान बढ़ जाता है। यही वजह है कि सर्दियों में कई बार दिल्ली-एनसीआर का तापमान पहाड़ के शहरों से भी ज्यादा कम हो जाता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक 14 जनवरी के बाद तापमान में एक बार फिर गिरावट शुरु हो जाएगी। वह कितनी होगी, यह कहना मुश्किल है। मालूम हो कि मंगलवार को भी दिल्ली से ज्यादा न्यूनतम तापमान शिमला व देहरादून में 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

विशेषज्ञ बताते हैं कि दिल्ली जैसा हाल ही राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के इलाकों में रहता है, क्योंकि पश्चिमी हवा का असर यहां भी होता है। पहाड़ों से आने वाली हवाएं काफी सर्द होती है। सर्द हवाएं ही दिल्ली में ठंड लेकर आती है। फिर, दिल्ली के आस-पास कई पहाड़ी क्षेत्र हैं और उन पहाड़ी क्षेत्रों के मौसम का दिल्ली के मौसम पर भी काफी असर पड़ता है।

मौसम विभाग के अनुसार  मंगलवार तड़के 4:30 बजे दिल्ली के पालम में दृश्यता शून्य मीटर रह गई थी। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दृश्यता 50 मीटर रही, जिसके चलते कम से कम 40 घरेलू उड़ानों में देरी हुई। सुबह 5:30 बजे बठिंडा और आगरा में भी दृश्यता शून्य रही। उत्तर रेलवे की 39 ट्रेनें एक से साढ़े पांच घंटे तक की देरी से चल रही थीं।

कंपकंपा देने वाली ठंड से परेशान दिल्ली-एनसीआर के लिए जनवरी का दूसरा सप्ताह राहत लेकर आया। दिल्ली सफदरजंग केंद्र पर सोमवार सुबह जो न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था, वह मंगलवार को बढ़कर 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। एनसीआर में गुरुग्राम सबसे ठंडा रहा। यहां का न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

बात राष्ट्रीय राजधानी की करें, तो दिल्ली के तीन इलाकों में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री से नीचे रहा। इनमें से आयानगर में सबसे कम 4.2, रिज में 4.3 और जाफरपुर में 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। एनसीआर के फरीदाबाद में तापमान 6.3, गाजियाबाद में 6.5, व नोएडा में न्यूनतम तापमान 5.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार को आंशिक बादल छाए रहेंगे तथा सुबह के समय मध्यम स्तर का कोहरा रहेगा। 11 से 13 जनवरी के बीच अधिकतम तापमान 19 से 20 डिग्री के आसपास व न्यूनतम तापमान 6 से 9 डिग्री तक दर्ज होगा। 14 जनवरी के बाद तापमान में फिर से गिरावट देखने को मिलेगी। इस दौरान तापमान 4-5 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार 11 से 13 जनवरी के बीच शीत लहर और कोहरे से राहत मिल सकती है। 12 जनवरी को हल्की बूंदाबांदी होने की भी संभावना है। मालूम हो कि नए साल की शुरूआत से ही दिल्ली शीत लहर की चपेट में रही है। आठ जनवरी को तो न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। दिल्ली में दस साल की सबसे लंबी शीत लहर 2023 में रही है।

दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार की सुबह घना कोहरा छाया रहा। पालम में सुबह 8:30 बजे दृश्यता 50 मीटर रही। दिन चढ़ते कोहरा खत्म होता गया। 11 बजे के बाद धूप निकलने से राहत मिली। दिल्ली में अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 18.7 डिग्री और न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस रहा।

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