दिल्लीः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को बड़ी राहत मिली। शीर्ष अदालत ने यूपी निकाय चुनाव 21 जनवरी तक कराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। न्यायालय ने योगी सरकार को तीन महीने देरी से चुनाव कराने की अनुमति दी। आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 31 जनवरी तक चुनाव कराने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दूसरे पक्षों को भी नोटिस जारी किया है और उन्हें तीन हफ्तों के भीतर जवाब देने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ओबीसी कमीशन को 31 मार्च तक रिपोर्ट सौंपनी होगी, तब तक नियुक्त एडमिनिस्ट्रेटर कोई बड़ा फैसला नहीं लेंगे। हालांकि इस बीच वित्तीय दायित्वों को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है। इस फैसले के बाद तय हो गया कि अब 31 मार्च तक निकाय चुनाव नहीं होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर आदेश जारी किया है। मामले की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कमीशन का कार्यकाल 6 माह रखा गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि राज्य ने आरक्षण को लेकर ध्यान नहीं रखा है। इस मामले में कल यानी गुरुवार को भी सुनवाई होगी।

उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में दिए गए आदेश का हम स्वागत करते हैं। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई समय सीमा के अंतर्गत ओबीसी आरक्षण लागू करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार निकाय चुनाव संपन्न कराने में सहयोग करेगी।

 

 

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