Subscribe for notification
ट्रेंड्स

सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं के बोलने पर अधिक पाबंदी लगाने से किया इनकार, कहा…बयान देने वाला मंत्री ही होगा जिम्मेदारी, सरकार नहीं

दिल्लीः मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की बोलने की आजादी पर अधिक पाबंदी लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। शीर्ध अदालत की पांच जजों की संविधान पीठ ने मंगलवार को कहा कि इसके लिए पहले ही संविधान के आर्टिकल 19(2) में जरूरी प्रावधान मौजूद हैं। न्यायालय ने कहा कि किसी भी आपत्तिजनक बयान के लिए उसे जारी करने वाले मंत्री को ही जिम्मेदार माना जाना चाहिए। इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं होनी चाहिए।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों के लिए बोलने की आजादी पर गाइडलाइन बनाने की मांग की गई थी। नेताओं के लिए बयानबाजी की सीमा तय करने का यह मामला 2016 में बुलंदशहर गैंग रेप केस में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे आजम खान की बयानबाजी से शुरू हुआ था। आजम ने जुलाई, 2016 के बुलंदशहर गैंग रेप को राजनीतिक साजिश कह दिया था। इसके बाद ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ की अगुआई जस्टिस एसए नजीर ने की। वहीं, इसमें जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना भी शामिल रहीं। पीठ ने कहा कि किसी मंत्री के बयान पर सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इसके लिए मंत्री ही जिम्मेदार है। हालांकि, जस्टिस नागरत्ना की राय संविधान पीठ से अलग रही।

वहीं, जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि अनुच्छेद 19(2) के अलावा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ज्यादा प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। हालांकि, कोई मंत्री अपनी आधिकारिक क्षमता में अपमानजनक बयान देता है, तो ऐसे बयानों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। लेकिन, अगर मंत्रियों के बयान छिटपुट हैं, जो सरकार के रुख के अनुरूप नहीं हैं, तो इसे व्यक्तिगत टिप्पणी माना जाएगा।

आपको बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 15 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इस दौरान अदालत ने कहा था कि सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों को ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए, जो देशवासियों के लिए अपमानजनक हों। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि यह व्यवहार हमारी संवैधानिक संस्कृति का हिस्सा है और इसके लिए सार्वजनिक पद पर बैठे लोगों के लिहाज से आचार संहिता बनाना जरूरी नहीं है।

General Desk

Recent Posts

अमेरिकी कोर्ट ने जन्मजात नागरिकता खत्म करने के ट्रम्प के आदेश पर लगाई रोक, बोला…इससे दिमाग चकरा गया

वाशिंगटनः जन्मजात नागरिका को समाप्त करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फैसले पर फेडरल कोर्ट ने गुरुवार को 14…

3 hours ago

CBSE Exams : फोन के साथ पकड़े गए, तो दो साल का प्रतिबंध, जानें बोर्ड ने किया जारी किये है आदेश

दिल्लीः अगर आप 10वीं या 12वीं के छात्र हैं और इस साल 15 फरवरी से शुरू हो रहे बोर्ड की…

4 hours ago

दिल्ली पहुंचे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो, विदेश राज्य मंत्री पावित्रा मार्गेरिटा ने हवाई अड्डे पर किया स्वागत

दिल्लीः इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो गुरुवार रात नई दिल्ली पहुंचे। वह अपने पहले दौरे पर भारत आए हैं। विदेश…

4 hours ago

हमले की झूठी कहानी गढ़ने, दूसरों पर आरोप लगाने की बजाय केजरीवाल दें अपनी पार्टी की अंतर्कलह पर ध्यानः सचदेवा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हमले की झूठी…

7 hours ago

बीजेपी नेताओं की सभाओं में उमड़ता जनसैलाब साफ कह रहा है कि दिल्ली में जनता बदलाव चाहती हैः धामी

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि दिल्ली की जनता बदलाव जाहती है।…

7 hours ago

यूपी जाकर देखें केजरीवाल की किस गति से विकसित हो रहा है राज्यः प्रवीण शंकर

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली बीजेपी के भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल…

12 hours ago