सीधीः पापा…कभी गलती हो जाए तो माफ नहीं किया जा सकता क्या। मुझे टीचर ने सबके सामने गंदी-गंदी गालियां दीं… ये कुछ शब्द हैं उस सुसाइड नोट के, जिसे मरने से पहले एक 14 साल के छात्र अमित प्रजापति ने लिखा था। अमित प्रजापति नवोदय विद्यालय चुरहट में आठवीं कक्षा का छात्र था। बताया जा रहा है कि उसने क्लास के एक अन्य छात्र का कोई सामान चुरा लिया था, जिसकी शिकायत छात्र ने टीचर से कर दी। इसके बाद शिक्षक ने जब उसकी जांच की, तो सामान उससे बरामद हुआ।
रोंगटे खड़े कर देने वाले सुसाइट नोट और खुदकुशी का यह मामला मध्यप्रदेश में सीधी जिले के पड़खुरी 588 गांव का है। अमित प्रजापति नवोदय विद्यालय चुरहट में आठवीं कक्षा में पढ़ता था। उसने घर पर 02 जनवरी को फांसी लगा ली। बताया जा रहा है कि 19 दिसंबर को अजीत पांडे नामक शिक्षक ने क्लास में दूसरे छात्रों के सामने अमित को बेइज्जत किया था। इससे उसके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा और वह तनाव में था।
स्कूल प्रबंधन ने 20 दिसंबर को चोरी की बात अमित के परिवार को बताई। उसके पापा स्कूल आए और 20 दिसंबर को ही अमित को घर ले गए। अमित की मां ने काफी समझाया कि गलतियां हो जाती हैं, तुम अपना मन खराब ना करो, लेकिन अमित दोस्तों के सामने की गई बेइज्जती भूल नहीं पा रहा था। घटना के 14 दिन बाद उसने फांसी लगा ली। अमित के घर में मां-पिता के अलावा दो भाई और एक बहन हैं। अमित सबसे छोटा था। पिता छत्तीसगढ़ में मिट्टी की ईंट बनाने का काम करते हैं। जब बच्चे की मौत हुई उस समय वह छत्तीसगढ़ में ही थे।
चलिए अब आपको बताते हैं कि अमित ने अपने सुशाइड नोट में क्या लिखा है…
प्रणाम पिताजी, मेरे को पता है कि आपको बहुत दुख होगा। मैंने यह रास्ता इसलिए अपनाया क्योंकि मैं बहुत गंदा हो चुका था अंदर से। मैं अपनी गंदी आदत को नहीं छुड़ा पाया। मुझे बहुत ज्यादा स्ट्रेस हो गया था। मुझे बार-बार अपने सर (अजीत पांडे) की याद आ रही थी। अच्छा एक बात बताइए कभी गलती हो जाए तो माफ नहीं किया जा सकता। मुझे ऐसा लगता है कि गलती माफ की जा सकती है।
मैं यह सब अजीत पांडे के कहने पर किया था। उस दिन मुझसे गलती हो गई थी, तो उन्होंने मुझे बहुत गंदी-गंदी गाली दी थी। सभी लड़कों को नीचे भेजकर मुझे बहुत बुरा-भला कहा था। मेरे मम्मी-पापा को भिखारी और भी बहुत बुरा-भला कहा। उन्होंने मुझसे कहा कि जहर खाकर मर जा या कहीं जाकर फांसी लगा ले।
मेरे भाई ने हमेशा मुझे सही रास्ता दिखाया। भाई ने मुझे हमेशा अच्छा ही समझाया। मेरी मां भी बहुत भोली है। मेरी गलती के बाद भी उसने मुझे कहा कि गलती तो सबसे हो जाती है। तुम अपना मन खराब मत करो। मेरे बाद पिताजी आप कभी शराब मत पीना।
अजीत पांडे ने ना जाने कितनों की जिंदगी बर्बाद कर दी। उसे गिरफ्तार करवा दीजिएगा। प्रिंसिपल और मेरे दोस्त आदित्य, अंशुल, सचिन को भी खबर पहुंचा दीजिएगा। मुझे माफ कर देना पापा।
उधर, अमित के पिता आल्हा का आरोप है कि बेटे से नवोदय स्कूल के टीचर ने मारपीट की और गालियां दी थी। मेरा बेटा परेशान था। अजीत पांडे ने बेटे को सभी बच्चों के सामने जलील किया, इसलिए वह परेशान था। इसलिए उसने ये कदम उठाया।
वह शिक्षक अजीत पांडे ने आरोपों पर कहा कि बच्चे को 19 दिसंबर को चोरी के आरोप में पकड़ा था। उस पर कुछ बच्चों ने चोरी का आरोप लगाया था। अमित ने ड्राइंग बॉक्स, कॉपी सहित कुछ रुपए चुराए थे, जिसकी शिकायत पर जांच की गई तो पता चला कि रुपए तथा बाकी सामान उसी ने लिए थे। इसके बाद हमने उसके पेरेंट्स को बताया और समझाकर 20 दिसंबर को घर भेज दिया। अब बच्चे ने आत्महत्या क्यों की, इसका पता नहीं है।
इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि शिक्षक और बच्चों के बीच किस तरह का रिश्ता होना चाहिए। क्या छोटी की गलती के लिए बच्चों को जलील करना उचित है। शिक्षकों को बच्चों के साथ किए जाने वाले बर्ताव के बारे में सोचने की जरूरत है।
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