दिल्ली डेस्कः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस एक बार फिर डराने लगा है। इस बीच अमेरिका में कोविड-19 का नया वैरिएंट XBB15 मिला है, जो इस जानलेवा विषाणु के दूसरे वैरिएंट की तुलना में बेहद खतरनाक है। चीनी मूल के अमेरिकी हेल्थ एक्सपर्ट एरिक फेगल डिंग ने बताया है कि यह पिछले BQ1 वैरिएंट से 120 गुना ज्यादा तेजी से फैलाता है। यह इंसान के इम्यून सिस्टम को चकमा देने में पहले के सभी वैरिएंट से ज्यादा माहिर है।
उन्होंने कहा है कि XBB15 कोरोना का एक सुपर वैरिएंट है। इसके चलते कोरोना से जुड़े मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की दर लगातार बढ़ रही है। उन्होंने ने कहा है कि एक साइंटिस्ट ने न्यूयॉर्क में फैल रहे इस वैरिएंट के मॉडल की स्टडी की है। उन्होंने एक के बाद एक 17 ट्वीट करके आरोप लगाया कि चीन की तरह ही अमेरिका भी कोरोना के नए वैरिएंट का डेटा छिपा रहा है।
स्वाथ्य विशेषज्ञ एरिक ने दावा किया है कि अमेरिका के सीडीसी (CDC) यानी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने पिछले 2 हफ्तों में XBB15 वैरिएंट के सही आंकड़े जारी नहीं किए। उन्होंने सीडीसी के कुछ आंकड़ों की फोटो शेयर की हैं। उनके मुताबिक कोरोना के ये आंकड़ें CDC ने रिलीज नहीं किए थे।
एरिक ने दावा किया कि सेंटर ने नए वैरिएंट से जुड़े मामलों में एकदम 1% से 40% तक का उछाल दिखा दिया। अमेरिका में दिसंबर के महीने में इस नए कोरोना वैरिएंट के मामलों में 40% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
वैरिएंट से जुड़ी अहम बातें…
एरिक ने कहा कि XBB15 सब वैरिएंट अमेरिका में ही पैदा हुआ है। यह सिंगापुर में मिले XBB वैरिएंट से 96% तेजी से फैलता है। उन्होंने बताया कि कारोनै का इस वैरिएंट ने न्यूयॉर्क में अक्टूबर में ही फैलना शुरू कर दिया था।
उन्होंने चेतावनी दी है कि नए वैरिएंट के बाद अस्पताल में कोरोना मरीजों के भर्ती होने की दर में जल्दी कमी नहीं होगी। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि नया वैरिएंट ओमिक्रॉन की तरह नहीं है बल्कि ये एक स्पेशल रिकोंबिनेशन है। जो पहले ही म्यूटेट कर चुके यानी रूप बदल चुके दो कोरोना वैरिएंट से मिलकर बना है।
आपको बता दें कि अमेरिका के कई शहरों में XBB15 वैरिएंट ने दूसरे वैरिएंट्स पर हावी होना शुरू कर दिया है। कनेक्टिकट शहर, अमेरिका के न्यू इंग्लैंड में भी इसके मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहां भी इसके कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर बढ़ी है।
क्या वैक्सीन नए वैरिएंट पर असरदार साबित होगीः इस सवाल के जवा में एरिक ने बताया है कि अमेरिका की बाइवलेंट BA5 और यूके की बाइवलेंट BA1 वैक्सीन इस पर असरदार साबित हो सकती है। हालांकि, ये दोनों वैक्सीन कितनी असरदार होंगी इसका अभी अनुमान लगाना मुश्किल है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये वैरिएंट ओमिक्रॉन के कई सब वैरिएंट से मिलकर बना है।
अधिक R वैल्यू होने का क्या मतलब हैः आपको बता दें कि R वैल्यू का सीधा-सीधा संबंध केसेज बढ़ने या कम होने की रफ्तार से है। अगर R वैल्यू बढ़ रही है तो इसका मतलब है कि केसेज भी बढ़ेंगे और कम हो रही है तो केसेज भी कम होंगे। केसेज कम होने के लिए जरूरी है कि R वैल्यू 1 से कम हो। फिलहाल जहां R वैल्यू ज्यादा है वहां केसेज भी बढ़ने लगे हैं। पहली और दूसरी लहर के दौरान भी कुछ ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिला था।
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