दिल्ली डेस्कः जानलेवा विषाणु कोरोना वायरस एक बार फिर पूरी दुनिया को डराने लगा है। इसके कारण चीन में हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं। इस बीच अमेरिका ने चीन से आने वाले यात्रियों पर पाबंदियां बढ़ा दी हैं। न्यूज एजेंसी एएफपी (AFP) की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि जिनपिंग सरकार ने कोरोना नियमों में जिस तरह ढील दी है, उसके बाद संक्रमण बेकाबू हो गया है। अमेरिका प्रशासन ने कहा कि चीन से हमें सही जानकारी भी नहीं मिल रही है, जिसके चलते वहां से आने वाले सभी यात्रियों की निगरानी की जाएगी।
अमेरिका ने इस फैसले के पीछे महामारी को लेकर डब्ल्यूएच (WHO) यानी विश्व स्वास्थ संगठन की चेतावनी का हवाला भी दिया है। अमेरिकी अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि भारत, जापान और मलेशिया पहले ही चीन से आने वाले यात्रियों पर कई प्रतिबंध लगा चुके हैं।
हीं अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन के ज्यादातर अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की कमी हो गई है। कुछ अस्पताल तो ऐसे हैं जहां एक वॉर्ड में पहले 15 लोगों का स्टाफ था और अब वहां महज 2 या 3 मेडिकल स्टाफर ही सर्विस दे रहे हैं।
उधर, न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने चीन की हेल्थ मिनिस्ट्री के हवाले से एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि कोविड को बी कैटेगरी में इसलिए रखा गया है, क्योंकि यह ज्यादा खतरनाक नहीं और इसीलिए हर दिन इसका डेटा जारी करना भी जरूरी नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक- कोविड सांस से संबंधित सामान्य बीमारी से ज्यादा कुछ नहीं है।
उधर, चीन के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड मैनेजमेंट ने मंगलवार को कहा कि वह महीने में सिर्फ एक बार ही कोविड डेटा जारी करेगा। सेंटर के मुताबिक, कोविड अब बी कैटेगरी की बीमारी में शुमार है, लिहाजा हर दिन का डेटा देना जरूरी नहीं है।
आपको बता दें कि चीन ने एक कदम और उठाया है। अब 8 जनवरी से जो लोग दूसरे देशों से चीन आएंगे उन्हें क्वारंटाइन होने की जरूरत नहीं होगी। चीन की सरकार ने इसके पहले अपने तमाम इंटरनेशनल बॉर्डर्स भी खोलने का फैसला किया था। इस फैसले का फायदा सबसे ज्यादा उन लोगों को होगा जो दूसरे देशों में हैं और देश लौटकर अपने परिवारों का हालचाल जानना चाहते हैं।
एक ओर चीन जहां हालात सामान्य बताने की कोशिश कर रहा है, तो दूसरी तरफ न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट कुछ और सच्चाई बयां करती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक- चीन के कई अस्पतालों में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। तिनजियान की मेडिकल यूनिवर्सिटी और जनरल हॉस्पिटल के कुछ वीडियोज सामने आए हैं।
वीडियोज में देखा जा सकता है कि कोविड क्राइसिस कम होने के बजाए बेकाबू होता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा खामियाजा मेडिकल स्टाफर को भुगतना पड़ रहा है। ये आए दिन संक्रमित हो रहे हैं। कुछ अस्पतालों का कहना है कि उनका ज्यादातर स्टाफ पॉजिटिव है और उन्हें बहुत कम लोगों के साथ काम करना पड़ रहा है।
एक डॉक्टर जूडी प्यू ने कहा कि आमतौर पर हमारे साथ 10 से 16 नर्स का स्टाफ रहता है। अब हमारा 90% स्टाफ संक्रमित है। लिहाजा, हम सिर्फ दो नर्स के सहारे दिन-रात काम कर रहे हैं।
दुनिया में 66 करोड़ 24 लाख से ज्यादा मामले
वहीं, worldometer के मुताबिक, दुनिया में अब तक 66 करोड़ 24 लाख 16 हजार 471 मामले सामने आ चुके हैं। 11 जनवरी 2020 को चीन के वुहान में 61 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी। ये दुनिया में कोविड से हुई पहली मौत थी। इसके बाद सिलसिला बढ़ने लगा। अब तक 66 लाख 87 हजार 746 मौतें हो चुकी हैं।
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