दिल्लीः प्रधानममंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों से मन की बात की। आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले पीएम (PM) मासिक कार्यक्रम का इस साल का आखिरी और अब तक 96वां कार्यक्रम दौरान था। इस दौरान उन्होंने देशवासियों से नए साल का जश्न सावधान पूर्वक बनाने की अपील की। साथ ही आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में योग एवं आयुर्वेद के सम्मिलन को प्रमाण आधारित प्रभावी उपचार का माध्यम साबित होने पर खुशी जाहिर की और आशा व्यक्त की कि भारतीय चिकित्सा पद्धतियों का प्रयोग देश में रोगों के उन्मूलन एवं किफायती उपचार में मील का पत्थर सिद्ध होगा।

पीएम मोदी ने नए साल की आहट के बीच कहा कि आप भी देख रहे हैं कि दुनिया के कई देशों में कोरोना बढ़ रहा है। इसलिए हमें, मास्क और हाथ धुलने जैसी सावधानियों का और ज्यादा ध्यान रखना है। हम सावधान रहेंगे, तो सुरक्षित भी रहेंगे और हमारे उल्लास में कोई रुकावट भी नहीं पड़ेगी।’  उन्होंने कहा कि 2022 में हर क्षेत्र में भारत का दमखम देखने को मिला। उन्‍होंने कहा, ‘2022 वाकई कई मायनों में बहुत ही प्रेरक रहा, अद्भुत रहा | इस साल भारत ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किये और इसी वर्ष अमृतकाल का प्रारंभ हुआ। इस साल देश ने नई रफ़्तार पकड़ी, सभी देशवासियों ने एक से बढ़कर एक काम किया।’

वाजपेयी को किया यादः प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया। आपको बता दें कि आज पूर्व पीएम वाजपेयी की जयंती है। उन्होंने कहा, आज हम सभी के श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपयी जी का जन्मदिन भी है। वे एक महान राजनेता थे, जिन्होनें देश को असाधारण नेतृत्व दिया। हर भारतवासी के ह्रदय में उनके लिए एक खास स्थान है।’ उन्‍होंने बताया, ‘मुझे कोलकाता से आस्था जी का एक पत्र मिला है। इस पत्र में उन्होंने हाल की अपनी दिल्ली यात्रा का जिक्र किया है।“

आयुर्वेद पर बोले पीएम मोदीः ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कहा,  “सत्य को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती, जो प्रत्यक्ष है, उसे भी प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन बात जब आधुनिक मेडिकल विज्ञान की हो, तो उसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है – प्रमाण। सदियों से भारतीय जीवन का हिस्सा रहे योग और आयुर्वेद  जैसे हमारे शास्त्रों के सामने प्रमाण आधारित शोध की कमी, हमेशा-हमेशा एक चुनौती रही है – परिणाम दिखते हैं, लेकिन प्रमाण नहीं होते हैं। खुशी की बात है कि प्रमाण आधारित उपचार के युग में, अब योग और आयुर्वेद, आधुनिक युग की जाँच और कसौटियों पर भी खरे उतर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही मैं वर्ल्‍ड आयुर्वेद कांग्रेस के लिए गोवा में था। इसमें 40 से ज्यादा देशों के डेलिगेट्स शामिल हुए और यहां 550 से अधिक साइंटिफिक पेपर्स प्रजेंट किए गए। भारत सहित दुनियाभर की करीब 215 कंपनियों ने यहां एग्जिबिशन में अपने प्रोडक्‍टस को डिस्‍प्‍ले किया। चार दिनों तक चले इस एक्‍सपो में एक लाख से भी अधिक लोगों ने आयुर्वेद से जुड़े अपने एक्‍सपीरियंस को एंजॉय किया। आयुर्वेद कांग्रेस में भी मैंने दुनिया भर से जुटे आयुर्वेद एक्‍सपर्ट्स के सामने एविडेंस बेस्‍ड रिसर्च का आग्रह दोहराया। जिस तरह कोरोना वैश्विक महामारी के इस समय में योग और आयुर्वेद की शक्ति को हम सभी देख रहे हैं, उसमें इनसे जुड़ी एविडेंस बेस्‍ड रिसर्च बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी।

कालाजार मुक्‍त भारतकी कामनाः

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कालाजार पर बात करते हुए कहा, “बीते कुछ वर्षों में हमने स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी कई बड़ी चुनौतियों पर विजय पाई है। इसका पूरा श्रेय हमारे मेडिकल एक्‍सपर्ट्स, साइंटिस्‍ट्स और देशवासियोँ की इच्छाशक्ति को जाता है। हमने भारत से स्‍मॉलपॉक्‍स, पोलिया और गिनी वॉर्म जैसी बीमारियों को समाप्त करके दिखाया है। सबके प्रयास से, ‘कालाजार’ नाम की ये बीमारी, अब, तेजी से समाप्त होती जा रही है। जरा सोचिए, हमारा देश जब ‘कालाजार’ से भी मुक्त हो जाएगा, तो ये हम सभी के लिए कितनी खुशी की बात होगी।“

मोदी ने कहा,“ सबका प्रयास की इसी भावना से, हम, भारत को 2025 तक टी.बी. मुक्त करने के लिए भी काम कर रहे हैं। बीते दिनों, जब, टी.बी. मुक्त भारत अभियान शुरू हुआ, तो हजारों लोग, टी.बी. मरीजों की मदद के लिए आगे आएं। ये लोग निक्षय मित्र बनकर, टी.बी. के मरीजों की देखभाल कर रहे हैं और उनकी आर्थिक मदद कर रहे हैं। जनसेवा और जनभागीदारी की यही शक्ति, हर मुश्किल लक्ष्य को प्राप्त करके ही दिखाती है।”

नमामि गंगेके बारे में क्या बोले पीएमः मोदी ने कहा कि हमारी परंपरा और संस्कृति का मां गंगा से अटूट नाता है। ऐसे में सदियों से कल-कल बहती मां गंगा को स्वच्छ रखना हम सबकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है । इसी उद्देश्य के साथ, आठ साल पहले, हमने, ‘नमामि गंगे अभियान’ की शुरुआत की थी ।” हम सभी के लिए यह गौरव की बात है, कि, भारत की इस पहल को, आज, दुनियाभर की सराहना मिल रही है। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने ‘नमामि गंगे’ मिशन को ईकोसिस्‍टम को रीस्‍टोर करने वाले दुनिया के टॉप टेन इनिशिएटिव्‍स में शामिल किया है। ये और भी खुशी की बात है कि पूरे विश्व के 160 ऐसे इनिशिएटिव्‍स में ‘नमामि गंगे’ को यह सम्मान मिला है।

स्‍वच्‍छ भारतमिशन पर लोगों की सराहना कीः  पीएम मोदी ‘मन की बात’ में कहा ‘मुझे खुशी है कि ‘स्वच्छ भारत मिशन’ आज हर भारतीय के मन में रच-बस चुका है। साल 2014 में इस जन आंदोलन के शुरू होने के साथ ही, इसे, नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए, लोगों ने, कई अनूठे प्रयास किये हैं और ये प्रयास सिर्फ समाज के भीतर ही नहीं बल्कि सरकार के भीतर भी हो रहे हैं। लगातार इन प्रयासों का परिणाम यह है – कूड़ा कचरा हटने के कारण, बिन जरुरी सामान हटने के कारण, दफ्तरों में काफी जगह खुल जाती है, नया स्‍पेस मिल जाता है।

 

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