दिल्लीः कोरोना वायरस एक बार फिर कहर बरपाने लगा है। इस महामारी की साया में जीवन व्यतित करते हुए लोगों को करीब तीन साल हो चुके हैं। इस दौरान अधिकतर लोग जान चुके हैं कि अगर गले में दर्द के साथ जुकाम, भयंकर खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बुखार और बदन दर्द हो रहा है, तो यह जानलेवा कोविड-19 हो सकता है।
हालांकि इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि कोरोना के लक्षण में कुछ अजीबोगरीब लक्षण हमेशा जुड़े रहे हैं। आज हम ऐसे ही कुछ सिम्पटम्स की जानकारी देने जा रहे हैं, जो विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड-19 के लक्षण हो सकते हैं।
हेयरी टंग या कटीली जीभः कोरोना वायरस का एक लक्षण जिसने काफी लोगों को परेशान किया, वह है हेयरी टंग। सैन फ्रांसिस्को की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के इन्फेक्शियस डिजीज स्पेशलिस्ट डॉ पीटर चिन-होंग कहते हैं कि कोविड से पहले भी वायरल इंफेक्शन, स्मोकिंग, एंटीबॉयोटिक और खराब हाइजीन के कारण हेयरी टंग की समस्या लोगों को हुई है, लेकिन कोरोना के दौरान कुछ लोग इससे परेशान दिखे।
लक्षणः इसमें जीभ पर काले बाल जैसे उग आते हैं। कई लोगों को जीभ पर जलन भी महसूस होती है। हालांकि, कुछ ही दिनों में यह ठीक भी हो जाती है। इसके अलावा कई लोगों के मुंह में सफेद परत भी जमा हो सकती है। यह परत न सिर्फ जीभ पर बल्कि पूरे मुंह में जमा हो सकती है। इसका ट्रीटमेंट आमतौर पर 10 से 14 दिन का होता है।
कारणः हम सभी जानते हैं कि हमारी जीभ की सेल्स जल्दी-जल्दी खुद को बदलती हैं, लेकिन जब पुरानी डेड सेल्स जीभ पर बनी रहें और जीभ पर परत बना लें तो हेयरी टंग या कटीली जीभ की समस्या होती है। यह परत मोटी हो जाती है और इस पर काले बाल जैसी ग्रोथ हो जाती है। कई बार फंगल इंफेक्शन की वजह से मुंह में सफेद रंग की परत भी जमा हो जाती है। कमजोर इम्यूनिटी और एंटीबॉयोटिक्स के इस्तेमाल से ऐसी समस्या होती है।
क्या करें- इस समस्या से बचने के लिए ओरल हाईजीन का ध्यान रखें। टंग क्लीनर या टूथ ब्रश से जीभ को अच्छी तरह साफ करें। स्मोकिंग और तम्बाकू से दूर रहें।
क्या भारत में लक्षण में यह दिखा हैः इसका जवाब हां है। भारत में कोरोना के कुछ मरीजों में हेयरी टंग या कटीली जीभ का लक्षण देखा गया।
नसों में झनझनाहटः कोरोना वायरस के मरीजों को कई बार ऐसा लगता है कि उन्हें ढेरों सुईयां चुभोई जा रही हैं। वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च में सामने आया कि ये प्रॉब्लम उन लोगों में ज्यादा देखी गई, जिन्हें कोविड है या पहले कोविड हो चुका है।
लक्षणः हाथों-पैरों की नसों में झनझनाहट, दर्द और हाथ-पैर का सुन्न होना
कारणः डॉक्टरों के मुताबिक कोविड से लड़ने वाली इम्यून सेल्स नसों को प्रभावित करती हैं। ऐसा भी हो सकता है कि कोरोना वायरस हाथ-पैर में जाने वाली नसों को नुकसान पहुंचा रहा हो।
क्या करें- नसों में सिर्फ झनझनाहट हो रही है तो घबराने की जरूरत नहीं है। अगर नसों में दर्द है तो डॉक्टर को दिखाएं। ऐसे में अक्सर डॉक्टर टायलिनोल और मोट्रिन नाम की दवाएं देते हैं। अगर कोविड की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी नसों में दर्द बहुत ज्यादा है तो डॉक्टर से सलाह लें।
क्या भारत में यह लक्षण में दिखा हैः हां, भारतीय पेशेंट को भी नसों में झनझनाहट महसूस हुई।
रैशेजः कोरोना वायरस के मरीजों की स्किन पर रैशेज या लाल चकत्ते भी हो सकते हैं। इसके अलावा कई तरह की दूसरी स्किन संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
लक्षणः चेहरे पर खुजली वाले दाने, चिकनपॉक्स जैसे दाने, एक पैटर्न में रैशेज, सूजन, रैशज का हार्ड हो जाना शामिल हैं।
कारणः फिलहाल कोविड ही इसका कारण बताया जा रहा है।
क्या करें- विशेषज्ञों के मुताबिक अगर स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम्स कोविड ठीक होने के बाद भी बनी हुई हैं तो एक अच्छे डर्मेटोलॉजिस्ट यानी स्किन रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।
क्या भारत में यह लक्षण में दिखा हैः हां, भारत में कुछ कोरोना पेशेंट्स को रैशेज हुए।
हेयर लॉसः कोरोना वायरस का एक लक्षण बाल झड़ना भी है। कोविड पॉजिटिव और कोविड से रिकवर हो चुके लोगों में बाल झड़ने की समस्या देखी गई है।
लक्षणः रोजाना 50 से 100 बाल झड़ना नॉर्मल है। इससे ज्यादा झड़े तो डॉक्टर को दिखाएं।
कारणः विशेषज्ञों का कहना है कि बाल झड़ने की मुख्य वजह शारीरिक और मानसिक तनाव है। यह अभी साफ नहीं है कि कोरोना वायरस से या उससे जुड़े स्ट्रेस की वजह से बाल झड़ रहे हैं।
क्या करें- बाल झड़ रहे हैं और बहुत ज्यादा झड़ चुके हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। जो बाल झड़े हैं वो कुछ समय में वापस भी आ जाएंगे।
क्या भारत में यह लक्षण में दिखा हैः हां, भारत में कोरोना के लक्षण में हेयर लॉस भी कुछ लोगों ने महसूस किया।
कोविड टोः जानलेवा विषाणु कोरोना से संक्रमित होने के बाद कई लोगों के पैरों में यह समस्या हो सकती है। इंफेक्शन के ठीक होने पर कोविड टो की कंडीशन में आराम हो जाता है।
लक्षणः पैरों की अंगुलियों में रैशेज और छाले निकल आते हैं। इसमें पैरों की अंगुलियां सूज जाती हैं और नीली पड़ जाती हैं। जिन लोगों में ये लक्षण देखें गए हैं वो गंभीर संक्रमण से गुजर रहे थे।
कारणः कुछ डॉक्टरों की थ्योरी है कि कोविड की वजह से हमारे शरीर की छोटी ब्लड वैसल्स में खून के थक्के जम जाते हैं। इस वजह से ब्लड सप्लाई रुक जाती है और पैरों का रंग नीला पड़ जाता है।
क्या करें- सूजन खुद ही ठीक हो जाएगी, इसलिए उसे लेकर परेशान न हों।इसके लिए हाईड्रोकोर्टीसोन क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या भारत में यह लक्षण में दिखा हैः इसका जवाब हां है। भारत के कुछ कोरोना पेशेंट ने इंफेक्शन के दौरान अपने पैरों के रंग को बदलते हुए देखा।
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