मोतिहारीः बिहार के मोतिहारी में शुक्रवार की शाम एक दर्दनाक हादसा है। चंपापुर गांव के पास एक ईंट-भट्ठे की चिमनी में ब्लास्ट हो गया, जिसके कारण चिमनी का ऊपरी हिस्सा टूटकर वहां काम कर रहे मजदूरों पर गिर गया। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक मलबे में 25 लोग दब गए। इस हादसे के तुरंत बाद आसपास के लोगों ने मजदूरों को निकाला, जिसमें 8 की मौत हो गई। वहीं, 15 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि 10 से अधिक लोग के लापता है। यह शाम करीब साढ़े चार बजे घटित हुई। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
यह घटना मोतिहारी में रामगढ़वा थाना क्षेत्र के चंपापुर गांव के पास हुई। स्थानीय लोगों ने बताया कि चिमनी में इस साल का पहला फूंक हुआ था, जिसके लिए शुक्रवार शाम को भोज का आयोजन था। चिमनी करीब 2.30 बजे फूंका गया था। इसकी खुशी में ग्रामीण तथा अन्य लोग वहां जामा थे। चिमनी से धुंआ निकलते ही बलास्ट हो गया और उपरी हिस्सा करीब 30-40 फीट में टूटकर नीचे गिर गया। जिससे नीचे बैठे लोग उसके मलबा में दब गए।
इस हादसे के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। इस घटना की जानकारी मिलते ही डीएम के साथ एसडीओ और एसडीपीओ पहुंचे हैं। अधिकारी बेतिया से SDRF की टीम का इंतजार कर रहे हैं। इसके के बाद दबे हुए लोगों का रेस्क्यू शुरू किया जाएगा। चिमनी का बाकी आधा हिस्सा लटका हुआ है, इसकी वजह से वहां सभी डरे हुए है। दबे लोगों को बाहर नहीं निकालने जा पा रहे हैं।
कई लोगों को रामगढ़वा हॉस्पिटल में भी भर्ती कराया गया तो बेहद गंभीर को रक्सौल के एसआरपी हॉस्पिटल में लाया गया। एक घायल ने बताया कि अचानक हुए धमाका से माहौल गमगीन हो गया। वहां 50-60 लोग काम कर रहे थे। जिसमें कई लोग मर गए हैं। अन्य घायल हुए हैं, जिनमें कुछ की हालत काफी खराब हैं। डीएम एसके अशोक ने बताया कि 8 लोगों की मौत हुई है। दस लोग के मिसिंग होने की संभावना है। रेस्क्यू टीम को लगाया गया है। प्रथम दृष्ट्या चिमनी के कमजोर होने के कारण ब्लास्ट होकर टूटने की संभावना है। घटना की जांच कराई जाएगी।
मृतकों में से चिमनी मालिक मो ईरशाद और नरिरगिर गांव निवासी अनिल बैठा की पहचान हुई है। अन्य मृतकों की पहचान नहीं हो सकी है। घायलों में चिमनी पार्टनर नूरूल हक के साथ कर्मी अमरेश कुमार, मुकेश राम, आलमगीर, अब्दुल हक, अजय कुमार एवं राकेश कुमार का इलाज रक्सौल के एसआरपी अस्पताल में चल रहा है। इसमें सबकी हालत गंभीर बनी हुई है। सभी को आईसीयू में रखा गया है।
जिस अस्पताल में घायलों को भर्ती कराया गया है, जिसके अस्पताल के निदेशक सह मुख्य चिकित्सक डॉ. सुजीत कुमार ने बताया कि सभी मरीजों की हालत काफी गंभीर है। रामगढ़वा में भी कुछ लोगों का इलाज चल रहा है।