वाशिंगटः अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद में हुई हिंसा मामले में ट्रम्प दोषी करार दिए गए हैं। इस मामले जांच कर रही कांग्रेस कमेटी ने डोनाल्ड ट्रम्प को दोषी ठहराया है। आपको बता दें कि यह हिंसा 6 जनवरी 2021 को अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडेन की शपथ के पहले हुई थी। इस दिन ट्रम्प के हजारों समर्थक संसद भवन में घुस गए थे और तोड़फोड़ तथा आगजनी की थी।
कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को अपनी 154 पेज की रिपोर्ट में ट्रम्प के खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने की सिफारिश की। इसके लिए 1000 चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए थे।
उधर, पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने खुद पर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने ट्रुथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा, “मुझ पर लगे सभी आरोप झूठे हैं। जांच कमेटी जिस मामले की जांच कर रही है, इस पर पहले भी इम्पीचमेंट के रूप में मुकदमा चलाया जा चुका है। एक बार फिर वही आरोप लगाना मुझे और रिपब्लिकन पार्टी को साइडलाइन करने की साजिश है।“
वहीं, न्यूज एजेंसी AFP ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कांग्रेस कमेटी ने ट्रम्प पर विद्रोह भड़काने, आधिकारिक कार्रवाई में बाधा डालने, साजिश रचने, झूठे बयान देने और सरकार को धोखा देने के आरोप लगाए हैं। इसके साथ राष्ट्रपति चुनाव में हार के फैसले को पलटने, टैक्स से जुड़े मामले छिपाने और व्हाइट हाउस से गुप्त दस्तावेज ले जाने के मामलों की जांच भी की जा रही है।
अब क्या होगाः आपको बता दें कि जांच कमेटी की रिपोर्ट में की गई सिफारिश को मानना कंपल्सरी नहीं है। यह एक रिकमेंडेशन है। इसका मतलब कि ट्रम्प पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा या नहीं, इसका फैसला जस्टिस डिपार्टमेंट करेगा।
इस समिति का गठन 18 महीने पहले हुआ था। ये ट्रम्प के अलावा उनके 5 साथियों पर लगे आरोपों की भी जांच कर रही है। इन पर भी कैपिटल हिंसा भड़काने की साजिश के आरोप हैं। कमेटी में डेमोक्रेटिक पार्टी के 7 सांसद और रिपब्लिकन पार्टी के 2 सांसद शामिल हैं। इसके चेयरपर्सन बेनी थॉम्पसन हैं। जांच में एक हजार चश्मदीदों के इंटरव्यू लिए गए। साथ ही एक हजार से ज्यादा दस्तावेजों की जांच की गई। इसके बाद 154 पेज की रिपोर्ट में ट्रम्प के खिलाफ सबूत जुटाए गए।
क्या है ट्रम्प पर आरोपः
- कैपिटल् हिल हिंसा शुरू होने के 187 मिनट बाद तक ट्रम्प डायनिंग रूम में बैठकर टीवी पर हिंसा देख रहे थे।
- डोनाल्ड ट्रम्प किसी की बात सुनने तैयार नहीं थे। उन्हें कई बार हिंसा रोकने और लोगों को वापस भेजने के लिए कदम उठाने कहा गया था।
- ट्रम्प ने कानून प्रवर्तन या राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के प्रमुखों से हिंसा को रोकने के लिए मदद नहीं मांगी।
- डोनाल्ड ट्रम्प यह मानने को तैयार नहीं थे कि चुनाव खत्म हो गया है और वे हार गए हैं। हिंसा के एक दिन बाद सामने आए वीडियो में उन्होंने इस बात का जिक्र किया था।
- ट्रम्प ने यह कहने से भी इनकार कर दिया था कि भीड़ ने कानून तोड़ा है। उन्होंने भीड़ को देशभक्त बताया। उन्होंने लोगों से कहा कि वे इस दिन को हमेशा याद रखें। ट्रम्प को इस बात का कोई पछतावा नहीं है।
- 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल में हिंसा कोई दुर्घटना नहीं थी। यह ट्रम्प का अंतिम स्टैंड था। ट्रम्प ने दंगों को अंजाम दिया और तख्तापलट की कोशिश की।
- व्हाइट हाउस के पूर्व वकील पैट सिपोलोन की गवाही के आधार पर समिति ने माना कि व्हाइट हाउस में किसी ने भी हिंसा की निंदा नहीं की।
आपको बता दें कि 06 जनवरी 2021 को डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थक अमेरिकी संसद में घुस गए थे। उन्होंने हिंसा भड़काई थी, जिसमें 5 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन समर्थकों को ट्रम्प ने एक ट्वीट में क्रांतिकारी भी बताया था। यह सब 2020 राष्ट्रपति चुनाव के रिजल्ट को बदलने के लिए हुआ था, जिसमें जो बाइडेन की जीत हुई थी।