स्पोर्ट्स डेस्कः फुटबॉल को नया बादशाह मिल गया है। लैटिन अमेरिकी देश अर्जेंटीना ने फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल में फ्रांस को हराकर फीफा विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया है। अर्जेंटीना ने रविवार की देर रात गत विश्व विजेता फ्रांस को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से शिकस्त दी। अर्जेंटीना 36 साल बाद वर्ल्ड चैम्पियन बना।

फाइनल मैच की शुरुआत से ही अर्जेंटीना ने दबदबा बना लिया था। पहला गोल पेनल्टी के दम पर लियोनेल मेसी ने दागा। वहीं दूसरा एंजेल डी मारिया ने किया, लेकिन, दूसरे हाफ में किलियन एमबापे किलर साबित हुए। उन्होंने महज 97 सेकंड में दो गोल दाग कर फ्रांस की वापसी करवा दी। फिर मैच एक्स्ट्रा टाइम में गया। पहले 15 मिनट में भी कोई गोल नहीं हुआ, लेकिन अगले 15 मिनट में मेसी ने गोल दागकर अर्जेंटीना को 3-2 से बढ़त दिलाई। फिर एमबापे ने पेनल्टी लेकर मैच 3-3 से बराबरी पर ला दिया। इसके बाद मैच पेनल्टी शूटआउट में गया और अर्जेंटीना जीत गया। इसी के साथ फुटबॉल में यूरोप का तिलिस्म भी 20 साल बाद टूट गया। ट्रॉफी यूरोप से बाहर चली गई।

मैक्रों ने दी खिलाड़ियों को सांत्वनाः फीफा विश्व कप का फाइनल मुकाबला देखने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी कतर पहुंचे थे। उन्होंने रविवार को अर्जेंटीना से हारने के बाद फ्रांस की फुटबॉल टीम को सांत्वना दी। पेनल्टी शूटआउट में तनावपूर्ण हार के बाद, मैक्रों फ्रांसीसी खिलाड़ियों से मिलने मैदान में पहुंच गए। इसकी बहुत सारी तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं। इनमें से एक में, मैक्रों फ्रांस के किलियन एम्बाप्पे को समझाते हुए दिख रहे हैं। आपको बता दें कि फ्रांस के लिए एम्बाप्पे ने इस मुकाबले में हैट्रिक बनाई, लेकिन वह टीम के काम नहीं आई।

फीफा विश्व कप के फाइनल में अर्जेंटीना ने शुरू से ही फ्रांस पर दबाव बनाए रखा। मैच के 21वें मिनट में अर्जेंटीना के एंजल डी मारिया फ्रांस के पेनल्टी बॉक्स की ओर बॉल लेकर दौड़े। वह लेफ्ट विंग से दौड़ लगाकर बॉक्स के अंदर पहुंचे, लेकिन, फ्रांस के ओस्मान डेम्बेले ने उन पर फाउल कर दिया। फाउल के बाद रेफरी ने अर्जंटीना को पेनल्टी दे दी। लियोनेल मेसी ने पेनल्टी ली और बॉल को बॉटम राइट कार्नर पर शूट करके नेट के अंदर पहुंचा दिया।

इसके बाद 36वें मिनट में फ्रांस के गोलकीपर ह्यूगो लॉरिस एंजल डी मारिया की तरफ दौड़े, लेकिन, डी मारिया ने इतने में गोल की तरफ शॉट मार दिया। बॉल सीधा नेट में गई और स्कोर अर्जेंटीना के फेवर में 2-0 हो गया। गोल स्कोर करने के बाद डी मारिया अपने इमोशंस कंट्रोल नहीं कर पाए और रो पड़े। सभी टीम के खिलाडियों ने उन्हें गोल की बधाई दी।

जिरूड और डेम्बले हुएः फीफा विश्व कप के फाइनल मुकाबले के पहले हाफ में 2 गोल से पीछे होने के बाद फ्रांस को अपनी स्ट्रैटर्जी बदलनी पड़ी। इस कारण मैनेजर ने अपने स्टार स्ट्राइकर ओलिवर जिरूड और विंगर ओस्मान डेम्बले को 41वें मिनट में ही मैदान के बाहर बुला लिया। उनकी जगह विंगर मार्कस थूराम और मुआनी आए। ओलिवर जिरूड और ओस्मान डेम्बले का मैच से एंटी जल्दी बाहर हो जाना आश्चर्यजनक था, क्योंकि दोनों ही फुटबॉल के बहुत बड़े चहरे है।

अर्जेंटीना ने 11वें मिनट में कार्नर लिया। इस दौरान अर्जेंटीना के रोमेरो फ्रांस के गोलकीपर ह्यूगो लॉरिस से जा भिड़े। इसके बाद कुछ देर तक लॉरिस फील्ड पर ही लेते रहे। मेडिकल टीम के आने के बाद उन्होंने खेलना जारी रखा।

मैच के दूसरे हाफ में फ्रांस के कीलियन एम्बाप्पे ने गेम बदल दिया। 2-0 से पीछे चल रही फ्रांस को एम्बाप्पे ने वापसी दिलाई। एम्बाप्पे पहले पेनल्टी के जरिए गोल दागा। इसके बाद 82वें मिनट में एक बार एम्बाप्पे ने अपना दमदार खेल दिखाया और मैच में अपना दूसरा गोल दागते हुए मुकाबला 2-2 से बराबर कर दिया।

निर्धारित 90 मिनट के खेल के दौरान दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर थीं। इसके बाद मैच एक्स्ट्रा टाइम में गया। इस दौरान 108वें मिनट में लियोनेल मेसी ने गोल मारा। मेसी ने मैच के दौरान अपना दूसरा गोल दागर अर्जेंटीनाई टीम को 3-2 से बढ़त दिलाई। इस समय सभी फैंस को लग रहा था कि मैच अर्जेंटीना के पाले में है।

इस दौरान 118वें मिनट में अर्जेंटीना के गोंजालो मोंटिएल ने फाउल किया। उनके हाथ से बॉल लगी। इसके चलते फ्रांस को पेनल्टी मिली। मौके को न गवांते हुए कीलियन एम्बाप्पे ने अपना और टीम का तीसरा गोल दागकर मैच को फिर से 3-3 से बराबर कर दिया।

फ्रांस ने काउंटर अटैक किया। इसी बीच अर्जेंटीना के डिफेंडर ओटामेंडी ने बॉल को मारा लेकिन बॉल फ्रांस के कोलो मुआनी के पास पहुंच गई। वे अर्जेंटीना के गोलकीपर एमिलियानो मार्टिनेज के सामने थे। मार्टिनेज बाहर निकले और शॉट को अविश्वसनीय तरीके से बचाव किया।

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