भारत ने अग्नि-5 मिसाइल का किया परीक्षण, मारक रेंज में पूरा एशिया,आधा यूरोप, रूस, यूक्रेन सहित पूरा चीन

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दिल्ली डेस्कः भारत ने अपने सबसे ताकतवर मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण ऐसे समय में हुआ है, जब अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच कुछ दिन पहले झड़प हुई है। भारत ने अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल की नाइट परीक्षण गुरुवार को किया। एटमी ताकत वाली इस मिसाइल ने 5 हजार किलोमीटर दूर जाकर अपने टारगेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया। अग्नि-5 ती मारक क्षमता के दायरे में अब पूरा एशिया,आधा यूरोप, रूस और यूक्रेन के साथ-साथ चीन की राजधानी बीजिंग सहित पूरा चीन आ गया है।

अग्नि-5 के परीक्षण का समय और इसकी खबियां बेहद खास है।  अग्नि-5 को नई टेक्नोलॉजी और उपकरणों के साथ परीक्षण किया गया है। नए रूप में मिसाइल पहले की तुलना में काफी हल्की होगी। मिसाइल बनाने में इस्तेमाल की गई नई तकनीकों और उपकरणों की जांच करने के उद्देश्य से ही यह परीक्षण किया गया था।

आपको बता दें कि भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल अग्रि-5 लंबी दूरी तक सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 5000 किमी दूर दुश्मन के ठिकाने को तबाह करने की ताकत रखती है। इसके रेंज में पूरा चीन आ जाता है। कुछ रिपोर्टों में दावा किया जाता है कि यह 8 हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है। यह मिसाइल 1500 किलोग्राम का न्यूक्लियर वॉरहेड लेकर उड़ सकती है।

29 हजार 401 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार
अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ (DRDO) यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन  ने बनाया है। ये भारत के पास मौजूद लंबी दूरी की मिसाइलों में से एक है।

अग्नि-5 मिसाइल का वजन 50 हजार किलोग्राम और लंबाई 17.5 मीटर है। इसके ऊपर 1500 किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार लगा सकते हैं। इस मिसाइल में तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर हैं जो सॉलिड फ्यूल से उड़ते हैं। इसकी गति साउंड की स्पीड से 24 गुना ज्यादा है। यह एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह 29 हजार 401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है। अग्नि-5 को सड़क और रेल प्लेटफॉर्म से भी छोड़ा जा सकता है। ऐसे में इसे बड़ी आसानी से देश के किसी भी कोने में तैनात किया जा सकता है। मौसम की परिस्थितियों का भी इस पर कोई असर नहीं होता है।

अग्नि- 5 कुल  कितने परीक्षण हुए हैं भारत ने अग्नि-5 का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया था। इसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को इसकी टेस्टिंग हुई थी। अक्टूबर 2021 में आठवीं और नौवीं टेस्टिंग 15 दिसंबर 2022 को की गई।

आपको बता दें कि भारत 1989 से ही अग्नि सीरीज की मिसाइलों पर काम कर रहा है। इसे डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है। एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से भारत ने इसका सफल परीक्षण किया। डीआरडीओ अग्नि के अलग-अलग वैरियंट के जरिए और शक्तिशाली बनाने की तैयारी में जुटा है।

इंटरकॉन्टिनेंटल एटॉमिक रेडी बैलिस्टिक मिसाइल को ओडिशा के तट से दूर अब्दुल कलाम द्वीप से दागा गया था। ये टेस्ट चीना और भारतीय सैनिकों के बीच हाल ही में हुई झड़प के कुछ दिनों बाद किया गया है, हालांकि इसकी योजना पहले बनाई गई थी।

अग्नि-5 के परीक्षण को लेकर चीन की प्रतिक्रियाः चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने कहा है कि दक्षिण एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में सभी का साझा हित है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष इस दिशा में रचनात्मक प्रयास करेंगे। लिजान ने कहा कि भारत न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास नहीं कर सकता है। इस बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव 1172 में पहले ही स्पष्ट नियम हैं।

क्या है UNSC  का प्रस्तावः अग्नि-5 के परीक्षण को लेकर चीन UNSC के प्रस्ताव 1172 के बारे में बात कर रहा है। सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 1172 जून 1998 में किए गए परमाणु परीक्षण के बाद लागू किया गया था। प्रस्ताव में भारत और पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को बंद करने और दोनों देशों से और परमाणु परीक्षणों से परहेज करने को कहा गया था। इसमें दोनों देशों से न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों के डेवलपमेंट को रोकने का आग्रह भी किया गया था। हालांकि भारत इस प्रस्ताव को मानने के लिए बाध्य नहीं है।

किन-किन देशों के पास है ICBMमौजूदा समय में इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) दुनिया के मुट्ठीभर देशों के पास ही हैं। इनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजराइल, ब्रिटेन,चीन और उत्तर कोरिया शामिल हैं। भारत इस ताकत से लैस होने वाला दुनिया का 8वां देश होगा।

अहम जानकारियां….

  • परमाणु-सक्षम अग्नि V बैलिस्टिक मिसाइल 5000 किलोमीटर से अधिक की दूरी के टारगेट को भेद सकती है।
  • मिसाइल पर नई तकनीकों और उपकरणों को मान्य करने के लिए परीक्षण किया गया था।
  • ये परीक्षण अरुणाचल  प्रदेश के तवांग में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़पों के कुछ दिनों बाद किया गया, लेकिन इसकी योजना पहले बनाई गई थी।
  • रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि यह अग्नि-V की नौवीं उड़ान है। इस मिसाइल का यह एक और नियमित परीक्षण था।
  • यह मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस है। यानी एक साथ मल्टिपल टार्गेट के लिए लॉन्च की जा सकती है।
  • यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है। इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा।
  • अग्नि-5 के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।
  • अग्नि-5 मिसाइल का इस्तेमाल भी बेहद आसान है, इस वजह से देश में कहीं भी इसकी तैनाती की जा सकती है।

पाकिस्तान-चीन के पास मौजूद मिसाइलें-

  • पाकिस्तान की गौरी-2 मिसाइल की रेंज 2300 किलोमीटर और शाहीन-2 मिसाइल की रेंज 2500 किलोमीटर है। पाकिस्तान शाहीन-3 पर भी काम कर रहा है, जिसकी रेंज 2700 किलोमीटर तक हो सकती है।
  • चीन के पास भारत के मुकाबले ज्यादा रेंज और आधुनिक तकनीक की मिसाइल है। चीन की डीएफ-31 मिसाइल की रेंज 8000 किलोमीटर और डीएफ-41 मिसाइल की रेंज 12000 किलोमीटर है।

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