Don’t underestimate of power of common man: 28वें कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में छा गए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ.सी.वी आनंद बोस

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कोलकाता: ‘Don’t underestimate of power of common man’…फिल्म चेन्नै एक्सप्रेस का यह डायलॉग बोलकर गुरुवार को यहां के नेताजी इंडोर स्टेडियम में बंगाल के राज्यपाल डॉ.सी.वी आनंद बोस छा गए। डॉ. बोस ने 28वें कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में कहा कि रॉयल बंगाल टाइगर यह त्योहार है। यह फिल्म फेस्टिवल सितारों के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए है। रा इस अवसर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन, पश्चिम बंगाल के ब्रांड अम्बास्डर शाहरूख खान, जया बच्चन, रानी मुखर्जी, अभिनेता एवं तृणमूल सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, फिल्म निर्देशक महेश भट्ट, पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली, सिंगर अरिजीत सिंह, कुमार शानू सहित और कई हस्तियां शामिल हुए।

28वें कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन के अवसर पर राज्यपाल बोस ने कहा, “रॉयल बंगाल टाइगर यह त्योहार है। यह फिल्म फेस्टिवल सितारों के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए है। वे सभी आम आदमी के लिए सितारे हैं। सितारे आएंगे और जाएंगे, लेकिन आम आदमी रहेगा। यही आम आदमी फिल्म देखता है तो स्टार स्टार बनते हैं और कहलाते हैं। इसलिए कभी भी आम आदमी को कम न समझे।” इसके अंत में उन्होंने शाहरुख खान की फिल्म चेन्नै एक्सप्रेस का डायलॉग ‘डोन्ट अंडरएस्टीमेट द पावर ऑफ कॉमन मैन’ का उल्लेख किया।

इस दौरान राज्यपाल बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ की और सीएम ममता को काव्यात्मक और कलात्मक भी बताया। उन्होंने दुनिया के विभिन्न फिल्म समारोहों का जिक्र करते हुए कहा, “जैसे रॉयल बंगाल टाइगर जंगल में सर्वश्रेष्ठ में से एक है, वैसे ही रॉयल बंगाल टाइगर फिल्म फेस्टिवल की दुनिया में है। यह कोलकाता फिल्म फेस्टिवल वास्तव में रॉयल बंगाल टाइगर है। फिल्म फेस्टिवल तो दुनिया में बंगाल का नाम ही सबसे ऊपर है।“

उन्होंने महान कवि हरिवंशराय बच्चन की कविता सुनाई और कहा, “जीवन में एक सितारा था, माना, वह बेहद प्यारा था, वह डूब गया तो डूब गया। अंबर के आनन को देखो, कितने इसके तारे टुटे, कितने इसके प्यारे छूटे, जो छूट गए फिर कहाँ मिले पर बोलो टूटे तारों पर, कब अंबर शोक मनाता है? जो बीत गई सो बात गई।“ इन्हीं पक्तियों के साथ उन्होंने कहा कि हमेशा आगे चलने वाला ही गिना जाता है। बंगाल आज उसी राह है पर इतिहास से लेकर अब तक बंगाल का योगदान अतुलनीय है।

28वें कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 42 देशों की 183 फिल्मों को फिल्म फेस्टिवल के लिए चुना गया है। फेस्टिवल के लिए 57 देशों की कुल 1078 फिल्मों ने आवेदन किया था। कोलकाता के 10 स्थानों पर लगभग 215 शो प्रदर्शित किए जाएंगे। महोत्सव के दौरान सत्यजीत रे पर एक प्रदर्शनी, टॉक शो और फिल्मों पर चर्चा, और कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी।

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