दिल्लीः अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों में झड़प का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि चीनी सैनिकों ने जैसे ही टेम्परेरी वॉल पर लगी तारबंदी को तोड़कर भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की, वहां मुस्तैद भारतीय सैनिकों ने इनका जमकर मुकाबला किया और इन्हें खदेड़ दिया। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि यह भारतीय-चीनी सैनिकों की भिड़ंत का है। हालांकि, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
दरअसल, 300 से अधिक चीनी सैनिक 17 हजार फीट ऊंची चोटी पर कब्जे की फिराक में थे। ठीक वैसे ही, जैसे 1999 में करगिल में पाकिस्तानी सेना ने किया था।
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे 2 मिनट 47 सेकेंड के इस वीडियो में भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों का जमकर मुकाबला कर रहे हैं। चीनी सैनिकों के हाथ में डंडे, कंटीली लाठियां दिख रही हैं। कंधों पर आधुनिक राइफलें टंगी हैं। वे अपने साथ वीडियोग्राफी के लिए ड्रोन भी लेकर आए थे। इसके अलावा इलेक्ट्रिक बैटन से लैस थे। वहीं भारतीय सैनिक भी कंटीले डंडे लेकर खड़े थे। जैसे उन्होंने तार तोड़कर घुसने की कोशिश की भारतीय सैनिक टूट पड़े। चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया।
इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ ने लोकसभा में बयान दिया और कहा कि हमारी सेनाएं भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी प्रयास को रोकने के लिए तत्पर हैं। विश्वास है सदन सेनाओं की वीरता और साहस को समर्थन देगा। यह संसद बिना किसी संशय के भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और क्षमता का अभिनंदन करेगी।
तवांग झड़प को लेकर संसद में भारी हंगामा हुआ। गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के बाहर कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर चीन ने कब्जा नहीं किया। कांग्रेस ने प्रश्न काल चलने नहीं दिया। शाह ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन का प्रश्न काल में जिक्र था। इस फाउंडेशन को चीन से 1.38 करोड़ रुपए मिले थे। कांग्रेस शासन में 1962 में चीन ने हजारों एकड़ जमीन हड़प ली थी।
उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दिया। इसके बाद चीन ने भी अपना बयान जारी किया। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, चीन ने कहा कि भारतीय सीमा पर हालात स्थिर हैं। हमने भारत से कहा है कि वह सीमा पर शांति स्थापित करने में हमारी मदद करे। वहीं शाम तक चीनी सेना के एक प्रवक्ता का भी बयान सामने आया।
चीनी सेना PLA के वरिष्ठ अधिकारी और वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता लॉन्ग शाओहुआ ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने अवैध तरीके से बॉर्डर क्रॉस किया और चीनी सैनिकों के रास्ते में आए, जिससे दोनों ओर से विवाद बढ़ गया। हमने पेशेवर तरीके से मानकों के तहत मजबूत जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद सीमा पर हालात स्थिर हुए। आइए अब आपको बताते हैं कि सीमा को लेकर क्या कहता है पीएलए पैटर्न…
- रक्षा सूत्रों का कहना है कि इस क्षेत्र में भारतीय सेना की ‘कवच वॉल’ को PLA के सैनिक हर गश्त के दौरान पीछे धकेलने की साजिश करते रहते हैं।
- चीन के मंसूबे इस बात से पता चलते हैं कि घुसपैठ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। 2006 से 2010 के बीच चीनी सेना ने घुसपैठ की 300 कोशिशें की थीं।
- 2015 से 2020 के बीच घुसपैठ की घटनाएं 300 से बढ़कर 600 तक पहुंच गईं। कब्जा बढ़ाकर चीन नई यथास्थिति बनाना चाहता है।
- दुनिया की सबसे लंबी विवादित सीमा पर 76 हॉट स्पॉट पश्चिमी सेक्टर और 7 पूर्वी सेक्टर में हैं। दोनों सेक्टरों में घुसपैठ का पैटर्न चीन की विस्तारवादी नीति का संकेत देता है। पश्चिमी सेक्टर में घुसपैठ ईस्टर्न से 3 गुना अधिक है। 2020 में यह पैटर्न पश्चिम में 10 गुना अधिक था।
- भारतीय सैनिकों को भी चीनी सैनिकों की हरकतों का अंदेशा हो गया था और वो भी ऐसे ही हथियारों से उनका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पहले से तैयार बैठे थे। जब दोनों सेनाओं का आमना-सामना हुआ तो भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को जमकर पीटा। इसके बाद डरे चीनी उल्टे पांव वहां से भागे। झड़प में चीन के कई सैनिकों की हडि्डयां टूटी थीं। भारत के 6 जवान घायल हुए।
- 9 दिसंबर की झड़प के बाद अब यहां सामान्य गश्त बहाल हो चुकी है। हालांकि, सेना पूरे सेक्टर में हाई अलर्ट पर है। सैनिकों को निर्देश है कि चीनी सेना को किसी भी विवादित इलाके में घुसने से बलपूर्वक रोक दिया जाए।