दिल्ली डेस्कः दिल्ली में 2013 में चुनाव में शीला दीक्षित के हारने के साथ कांग्रेस का जो गिराव शुरू हुआ। अब पार्टी अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष करती दिखाई दे रही है। 2020 से लेकर अब तक अनिल चौधरी दिल्ली कांग्रेस की कमान संभाल रहे हैं। जब से उन्हें कमान दी गई है, तब से दिल्ली कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता अजय माकन, अरविंद सिंह लवली, सुभाष चोपड़ा, संदीप दीक्षित नाराज चल रहे हैं।
2020 का विधानसभा चुनाव हो या फिर अभी का MCD चुनाव, दिल्ली कांग्रेस न तो कोई मुद्दा गढ़ पाई है, न ही कोई ऐसा चेहरा है, जो दिल्ली की जनता के दिल में जगह बना पाया। एक वक्त पर दिल्ली में जो स्थिति कांग्रेस की होती थी, अब आम आदमी पार्टी ने वो पूरी जगह कैप्चर कर ली है।
आप के लिए क्या बदलाः
एमसीडी में जीत के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि 15 साल की कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ा था, दिल्ली से और अब 15 साल की MCD को भी उखाड़ दिया है। इसका मतलब ये है कि लोग नफरत की राजनीति को पसंद नहीं करते। लोग बिजली, सफाई, इन्फ्रास्ट्रक्चर को वोट देते हैं।
वहीं उत्तर-पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि जो लोग 200 सीटें जीतने का दावा करते थे, उनके लिए ये नतीजे हार ही हैं। इन लोगों को अपना चेहरा देखना चाहिए।
इस जीत से AAP के नेताओं पर लग रहे करप्शन के आरोपों से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। MCD जीतकर अब पार्टी अपने मंत्री सत्येंद्र जैन के मामले को लेकर हुई आलोचना का सामना कर सकेगी। साथ ही शराब घोटाला मामले में सिसोदिया के खिलाफ जारी जांच में भी इसका फायदा मिलेगा।
जीत के साथ ही AAP एक बार फिर ‘कट्टर ईमानदार’ वाली छवि को भुनाने की कोशिश करेगी। केजरीवाल खुले मंच से पार्टी और नेताओं की ‘कट्टर ईमानदार’ छवि की बात करते रहे हैं। सत्येंद्र जेल को जेल भेजे जाने पर भी उन्होंने जैन को कट्टर ईमानदार बताया था।
आप का यह दावा और मजबूत होगा कि केंद्रीय एजेंसियां बदले की नीयत से काम कर रही हैं। सिसोदिया और केजरीवाल समेत पार्टी के नेता लगातार केंद्र सरकार पर नेताओं के खिलाफ एजेंसियों के इस्तेमाल के आरोप लगाते रहे हैं।
शराब घोटाला मामले में CBI ने मनीष सिसोदिया के आवास पर दबिश दी थी। CBI की चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम न होना पहले ही AAP के पक्ष में रहा है। इसके अलावा AAP फ्रीबीज (मुफ्त सुविधाएं) की नीति के प्रचार को तेज कर सकती है।
एमसीडी चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने कई दांव चले, लेकिन नतीजों से साफ है कि MCD चुनाव में इस बार साफ-सफाई और कूड़े के ढेर का मुद्दा ही हावी रहा। जीत हासिल करने के लिए बीजेपी की ओर से कथित शराब घोटाले के लिए मनीष सिसोदिया और हवाला कांड में फंसे सत्येंद्र जैन के जेल के वीडियो रिलीज कर आप को भ्रष्टाचारी बताया गया, लेकिन बीजेपी का यह दांव भी कामयाब नहीं हुआ।
बीजेपी चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल पर काउंसलर के टिकट बेचने का भी आरोप लगाया, लेकिन जनता पर इसका कोई खास असर नहीं हुआ।
वहीं इस चुनाव में आप की रणनीति एकदम साफ रही। शुरू से आखिरी तक वह MCD में बीजेपी के 15 साल के कार्यकाल को घेरती रही। अरविंद केजरीवाल खुद गाजीपुर लैंड साइट पर कूड़े के पहाड़ पर पहुंच गए और इस मुद्दे को सेंटर स्टेज पर ले आए। केजरीवाल ने कहा कि अगर उनकी पार्टी को MCD मिलती है तो वो विदेश से एक्सपर्ट बुलवाकर कूड़े का ढेर साफ करेंगे।