पीलीभीतः उत्तरप्रदेश के पीलीभीत में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक 10 साल की बच्ची की हत्या उसके चाचा, पिता और दादा ने ही चाकू गोदकर हत्या कर दी गई। वह भी सिर्फ इसलिए कि बच्ची का चाचा रेप के केस में फंसा हुआ था। ऐसे में तीनों आरोपियों ने साजिश रची कि रेप पीड़िता के पति को कत्ल के झूठे केस में फंसा देंगे, तो दबाव बनाकर रेप का केस हटवाया जा सकेगा।
यह वारदाता पीलीभीत के अमरिया थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव में घटित हुई। बच्ची का नाम अनम था। वह 3 दिसंबर को खेत में तड़पती हुई मिली थी। उसके पेट पर चोट का गहरा जख्म था। आंतें बाहर आ गई थीं। चेहरे और हाथ पर भी चोट के निशान थे। करीब आधे घंटे तक तड़पने के बाद उसने परिवार के सामने ही दम तोड़ दिया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक परिवार ने अपने रिश्तेदार शकील पर हत्या का आरोप लगाया, लेकिन उनकी ये चाल कामयाब नहीं हो पाई। पुलिस जांच में पता चला कि बच्ची अनम के अब्बू अनीस, चाचा शादाब और दादा शहजादे ने रंजिश का बदला लेने के लिए उसकी हत्या की।
साजिश में अनीस और शादाब के दो और भाइयों सलीम और नसीम के नाम भी आए। इसके बाद पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
बताया जा रहा है कि मृतक बच्ची अनम के चाचा शादाब को साल 2019 गांव के पास रहने वाली एक लड़की से प्यार हो गया। बात शादी तक पहुंची, तो लड़की का परिवार तैयार नहीं हुआ। बहुत कहने के बाद भी जब परिवार नहीं माना तो शादाब ने उस लड़की के साथ भाग कर शादी कर ली। लड़की पारसी समाज की थी। इसलिए लड़की के भाई शकील ने शादी का विरोध किया। उस दिन से दोनों परिवारों में दुश्मनी हो गई। इसी बीच, शकील ने अपनी पत्नी के साथ रेप का मामला शादाब के खिलाफ दर्ज करा दिया।
इस मामले में हाल ही में कोर्ट से वारंट जारी किया गया था। इसके बाद, शादाब के परिवार वाले अपने बेटे को बचाने के लिए परेशान होने लगे। शादाब और दादा शहजादे को जब कुछ नहीं समझ आया तो उन्होंने बच्ची अनम की हत्या में शकील को फंसाने की साजिश रची। ताकि शादाब से रेप के मुकदमे में समझौता करने का दबाव शकील पर बना सकें। उन्होंने इस घिनौनी वारदात में बच्ची अनम के पिता अनीस को भी शामिल कर लिया।
बताया जा रहा है कि अनम को मारने का प्लान पिता अनीस, चाचा शादाब और दादा शहजादे ने 1 महीने पहले से ही बनाना शुरू कर दिया था। बच्ची की हत्या का मास्टरमाइंड उसका चाचा शादाब और दादा था। पिता भी भाई को बचाने के लिए उसमें शामिल हो गया था। बच्ची के हत्यारों का मानना था, बेटी तो बाद में फिर पैदा हो जाएगी, लेकिन अगर भाई जेल गया तो परिवार बिखर जाएगा। इसलिए तीनों ने मिलकर 10 साल की मासूम को बेरहमी से मार दिया।” यह खुलासा आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में किया है।
आरोपी शादाब ने कहा, “इस मामले में परिवार के बाकी लोगों को कुछ नहीं पता था। वो इस बात से अनजान थे। भाभी को भी इस बात की जानकारी नहीं थी। वो तो अनम की मौत के बाद से सदमे में हैं। उनको लगता है अनम वापस आ जाएगी। भाभी की ये हालत देखकर बुरा लगा, लेकिन हम लोग भी मजबूर थे। पर हमें ये नहीं पता था कि हम लोग जिस परिवार को बचाने की कोशिश कर रहे थे, वो अब पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। हमारी गिरफ्तारी के बाद घर में सबको सच पता चल गया है।”