Old compass on vintage map with rope closeup. Retro stale

दिल्लीः भारत 1947 में आजाद हुआ और उसी दिन से महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिल गया था। अमेरिका को देश की महिलाओं को वोट देने का अधिकार देने में 144 साल लग गए थे। ब्रिटेन को तो एक सदी का समय लग गया। कुछ ऐसा ही था न्यूजीलैंड भी, जहां 13 साल के संघर्ष के बाद महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिल पाया था। न्यूजीलैंड दुनिया का पहला देश है, जिसने सबसे पहले महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया था।

न्यूजीलैंड की सरकारी वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यहां महिलाओं को भी वोटिंग का अधिकार मिले, इसके लिए 1880 के आसपास आंदोलन शुरू हुआ। महिलाओं को वोटिंग का अधिकार दिलाने की लड़ाई के लिए वुमंस क्रिश्चियन टेम्परेंस यूनियन (WCTU) बना, जिसकी लीडर केट शेपर्थ थीं।

केट शेपर्थ ने ही महिलाओं को वोटिंग के अधिकार की लड़ाई लड़ी। इसके लिए उन्होंने एक पिटीशन पर साइन करवाई। उन्होंने करीब तीन साल मेहनत की, तब जाकर 32 हजार महिलाओं के साइन मिल पाए। ये उस समय की न्यूजीलैंड की महिला आबादी का करीब एक चौथाई था।

उनकी पिटीशन पर समर्थन मिलने के बाद 8 सितंबर 1893 को बिल लाया गया। इसके बाद 19 सितंबर को लॉर्ड ग्लास्गो ने बिल पर साइन कर इसे कानून बनाया। तब जाकर महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिला। 28 नवंबर 1893 को हुए आम चुनाव में महिलाओं ने पहली बार वोट डाले। पहले चुनाव में 1.09 लाख महिला वोटर थीं, जिसमें से 82% यानी 90,290 महिलाओं ने वोट डाला।

पहली बार महिला ने उड़ाया एयरबस A-300 अमेरिकी कंपनी बोइंग ने एयरबस A-300 विमान का निर्माण किया है। ये विमान काफी बड़ा है। 28 नवंबर 1996 से पहले तक इसे सिर्फ पुरुषों ने ही उड़ाया था, लेकिन 28 नवंबर 1996 को कैप्टन इंद्राणी सिंह ने इसे उड़ाकर इतिहास रच दिया। कैप्टन इंद्राणी सिंह इस विमान की कमांडर भी थीं।

वो दुनिया की पहली महिला हैं, जो एयरबस A-300 की कमांडर रहीं। इंद्राणी को 1986 में पायलट का लाइसेंस मिला और कुछ वक्त बाद वो एयर इंडिया के बोइंग 737 की पायलट बन गईं। इंद्राणी सिंह अब गरीब बच्चों को पढ़ाती भी हैं।

मार्गरेट थैचर ने दिया इस्तीफाः 1990 में आज के ही दिन यानी 28 नवंबर को ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ने सत्ता छोड़ दी थी। वह भी 28 नवंबर का ही दिन था जब नार्वे ने दूसरी बार यूरोपीय संघ की सदस्यता ठुकराने का फैसला किया था। इससे पहले 1972 में भी नार्वे ने यूरोपीय संघ की सदस्यता के खिलाफ मत दिया था। ब्रिटेन में आयरन लेडी के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाली थैचर ने ब्रिटेन की महारानी को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद डाउनिंग स्ट्रीट का अपना सरकारी आवास खाली कर दिया था। उन्होंने 11 वर्ष तक ब्रिटेन की प्रधानमंत्री का पद संभाला। 1827 के बाद वह देश में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली प्रधानमंत्री रहीं। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 28 नवम्बर को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1520: फर्डिनान्द मैगलन ने प्रशांत महासागर को पार करने की शुरुआत की।
1660: लंदन में द रॉयल सोसायटी का गठन हुआ।
1676: बंगाल की खाड़ी के तट पर पूर्वी भारत के महत्वपूर्ण बंदरगाह पुड्डचेरी पर फ्रांसीसियों का कब्जा।
1814: द टाइम्स ऑफ लंदन को पहली बार ऑटोमैटिक प्रिंट मशीन से छापा गया।
1821: पनामा ने स्पेन से आजाद होने की घोषणा की।
1872 : विलहेल्म रीस विश्व के सबसे ऊंचे सक्रिय ज्वालामुखी कोटोपाक्सी के शीर्ष पर पहुंचने वाले पहले पर्वतारोही बने।
1893 : न्यूजीलैंड के राष्ट्रीय चुनाव में पहली बार महिलाओं ने मतदान किया।
1912: इस्माइल कादरी ने तुर्की से अल्बानिया के आजाद होने की घोषणा की।
1919 : लेडी एस्टर ब्रिटिश हाउस ऑफ कामंस के लिए चुनी गईं। वह इस सदन में पहुंचने वाली पहली महिला बनीं।
1954: महान भौतिकशास्त्री एनरिको फर्मी का निधन हुआ।
1956: चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई भारत दौरे पर आए।
1962: बंगाल के प्रसिद्ध दृष्टिहीन गायक केसी डे का निधन।
1966: डोमनिकन रिपब्लिक ने संविधान अपनाया।
1967: ब्रिटेन में फुट एंड माउथ बीमारी को फैलने से रोकने के लिए तमाम तरह की घुड़दौड़ पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी गई।
1979: टीई901 विमान दुर्घटना न्यूजीलैंड में अब तक का सबसे बड़ा हादसा हुआ, जिसमें 257 लोग मारे गए थे. जिसमें 237 यात्री और 20 क्रू मेंबर शामिल थे।
1990 : ब्रिटेन की लौह महिला मार्ग्रेट थैचर ने औपचारिक रूप से महारानी को अपना इस्तीफा सौंप दिया और डाउनिंग स्ट्रीट छोड़ा।
1994 : नोर्वे ने यूरोपीय संघ की सदस्यता दूसरी बार ठुकराई।
1997: प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजराल ने अपने पद से इस्तीफा दिया।
2000 : नीदरलैंड की संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर विशेष परिस्थितियों में इच्छा मृत्यु की इजाजत दी।
2012: सीरिया की राजधानी दमिश्क में दो कार बम धमाकों में 54 की मौत हुई और 120 घायल हुए।
2020 : भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 41,322 नये मामले सामने आने के साथ संक्रमण के कुल मामले 93.51 लाख के पार पहुंचे।

 

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