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वाहन पर तिरंगा झंडा लगाने से पहले जान लें ये नियम, नहीं तो जाना पड़ सकता है जेल

दिल्लीः तिरंगा झंडा… हमारा राष्ट्रीय ध्वज, हमारे देश की आन-बान और शान है। इसकी सलामती के लिए हमारे वीर जवान अपना प्राण तक न्योछावर कर देते हैं। देशवासी 26 जनवरी और 15 अगस्त को इसे अपने घर कार, साइकिलों और अन्य वाहनों में भी लगाकर घूमते हैं। इसके पीछे लोगों की देशभक्ति की भावना छुपी हुई होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय ध्वज को फहराने को लेकर भी कई नियम हैं। राष्ट्र ध्वज को हर कोई कहीं भी ऐसे ही बिना नियम कायदे के नहीं लगा सकता। यह भारतीय झंडा संहिता का उल्लंघन है।

हरियाणा के गुरग्राम के डीएलएफ फेज थ्री में इसी नियम को तोड़ने के चलते पुलिस ने कार्रवाई की है। गलती सिर्फ इतनी थी कि कार मालिक ने तिरंगे झंडे को अपनी कार के बोनट में लगा लिया था। बस इसी चूक के चलते पुलिस ने चालक के खिलाफ कार्रवाई की। अगर आप भी ऐसी ही ध्वज को लेकर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। तो चलिए अब हम आपको राष्ट्र ध्वज को लेकर कुछ नियम बताने जा रहे हैं।

सबसे पहले गुरुग्राम को मामला जान लीजिएः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरग्राम के डीएलएफ फेज थ्री में कार के बोनट में तिरंगा झंडा लगाने पर गुरुग्राम पुलिस ने चालक के विरुद्ध कार्रवाई की है। पुलिस ने जब गाड़ी को रोका तो चालक ने बताया कि उनके मालिक ने यह झंडा लगवाया है, जबकि इसको लेकर उनके पास किसी प्रकार की अनुमति नहीं थी। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

क्या है नियम…कौन लगा सकता है तिरंगा झंडाः केंद्रीय गृह मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर इसके बारे में जानकारी दी गई है। राष्ट्रीय ध्वज फहराने संबंधी भारतीय झंडा संहिता 2002 बनाई गई है। इसमें झंडारोहण को लेकर कई नियम बनाए गए हैं और बताया गया है कि किस तरह से राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इस झंडा संहिता में कुछ लोगों को कार में झंडे फहराने के विशेष अधिकार दिए गए हैं। आपको बता दें कि राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, राज्यपाल और उप राज्यपाल, प्रधानमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा और लोकसभा उपाध्यक्ष, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों पोस्टों के अध्यक्ष, विधानसभाओं के अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा हाईकोर्ट के न्यायाधीश अपनी गाड़ी पर तिरंगा लगा सकते हैं।

सजा का प्रावधानः तिंरगा झंडा यानी राष्ट्र ध्वज के अपमान पर देश के कानून में सजा का भी प्रावधान है। प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के सेक्शन 2 के तहत तिरंगे झंडे का अनादर करने पर 3 साल की जेल या जुर्माना दोनों हो सकता है। एक बात और, जब कोई विदेशी मेहमान सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई कार में यात्रा करता है तो राष्ट्रीय ध्वज कार के दाईं ओर लगता है, वहीं संबंधित देश का झंडा कार के बाईं ओर लगाना होता है।

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