संवाददाता-नरेन्द्र कुमार वर्मा , प्रखर प्रहरी
दिल्लीः 17 वीं शताब्दी में औरंगजेब की मुगल सेना से लोहा लेने वाले असम के अहोम साम्राज्य के सेनापति लचित बोरफुकन की 400 वीं जयंती का भव्य समारोह दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया। तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री भी हिस्सा लेंगे। समारोह के दूसरे दिन अमित शाह भी विज्ञान भवन पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 17 वं सदी में अगर लचित बोरफुकन जैसे महान योध्दा ने मुगल सेना को परास्त नहीं किया होता तो भारत का पूर्वात्तर इलाका अलग-थलग होता।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद की जो लौ लचित ने प्रज्वलित की थी उससे सारे असम में राष्ट्रभक्ति की प्रबल भावना का संचार हुआ। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतमहोत्सव में लचित जैसे वीर योध्दाओं को सारा देश नमन कर रहा है। अमित शाह ने कहा कि भारत के नए इतिहास में अब लचित बोरफुकन के सैन्य कौशल, बहादुरी और दृढटसंकल्प का भी अध्ययन किया जा रहा है।
पूर्वोत्तर की महान नदी ब्रह्मपुत्र में लचित बोरफुकन ने सबसे पहले अहोम साम्राज्य की नौसेना का गठन करके मुगल सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। असम के इतिहास में लचित बोरफुकन को सबसे महान योध्दा के तौर पर याद किया जाता है। सराईघाट की लड़ाई में 1000 तोपों के बेड़े के साथ मुगल सेना ने अहोम राज्य पर आक्रमण कर दिया था। शत्रु के आक्रमण के दौरान लचित तेज ज्वर से पीड़ित थे उनके सैनिकों ने उन्हें युध्द में जाने से मना किया था। मगर लचित बोरफुकन के जवाब दिया मैं किसी भी हाल में अपनी जन्मभूमि पर विदेशी आक्रांताओं के कदम नहीं पड़ने दूंगा। ब्रह्मपुत्र नदी में जब वह अपनी नौकाओं के सहारे मुगल सेना पर सिंह की तरह झपटे तो उनका युध्द कौशल देखकर मुगल सेना के पांव उखड़ गए और सारी सेना भाग खड़ी हुई।
असम के मुख्यमंत्री डॉक्टर हिमंत बिस्वा सरमा ने लचित बोरफुकन की 400 वीं जयंती को भव्य तरीके से आयोजित करने का फैसला किया। इस अवसर पर दिल्ली के विज्ञानभवन में असम की संस्कृति और इतिहास को प्रदर्शित करने वाली एक शानदार प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। अहोम साम्राज्य के युध्द कौशन और हथियारों के साथ वीर सैनिकों की गाथाओं को प्रदर्शनी में देखा जा सकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि महावीर लचित बारफुकन की स्मृति में गुवाहटी में एक भव्य स्मारक का निर्माण किया जाएगा जिसके प्रांगण में लचित बोरफुकन की 105 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल ने कहा कि लचित विजयी योध्दा, उत्कृष्ट सैन्य रणनीतिकार और अहोम साम्राज्य के महान सेनापति थे। देश भर में अब लचित बोरफुकन की वीरता और त्याग की जानकारी प्रसारित की जाएगी। असम सरकार व्दारा 3 दिन तक दिल्ली के विज्ञान भवन में लचित बोरफुकन की जयंती के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में असम सरकार के तमाम मंत्री, सांसद, विधायक, इतिहासकार, प्रशासनिक अधिकारियों, धर्मगुरुओं और विभिन्न यूनिवर्सिटी के छात्रों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में लचित बोरफुकन के जीवन पर आधारित एक लघु फिल्म को भी गृहमंत्री अमित शाह ने रिलीज किया।