दिल्लीः पृथ्वी पर जीवन कैसे पनपा? और इंसान कैसे आए? इस बात पर आज भी कोई एकमत नहीं है, लेकिन, हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि हमारे पूर्वज बंदर थे और समय के साथ धीरे-धीरे हमने खुद को विकसित किया। हम बंदर से इंसान कैसे बने? इस बात का पता लगाया था इंग्लैंड के महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने।
डार्विन की किताब ‘ऑन द ओरिजन ऑफ स्पेशीज बाय मीन्स ऑफ नेचुरल सिलेक्शन’ 24 नवंबर 1859 को ही पब्लिश हुई थी। इस किताब में एक चैप्टर था, ‘थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन’। इसी में बताया गया था कैसे हम बंदर से इंसान बने।
चार्ल्स डार्विन का मानना था कि हम सभी के पूर्वज एक हैं। उनकी थ्योरी थी कि हमारे पूर्वज बंदर थे। कुछ बंदर अलग जगह अलग तरह से रहने लगे, इस कारण धीरे-धीरे जरूरतों के अनुसार उनमें बदलाव आने शुरू हो गए। उनमें आए बदलाव उनके आगे की पीढ़ी में दिखने लगे।
उन्होंने समझाया था कि ओरैंगुटैन (बंदरों की एक प्रजाति) का एक बेटा पेड़ पर, तो दूसरा जमीन पर रहने लगा। जमीन पर रहने वाले बेटे ने खुद को जिंदा रखने के लिए नई कलाएं सीखीं। उसने खड़ा होना, दो पैरों पर चलना, दो हाथों का उपयोग करना सीखा।
पेट भरने के लिए शिकार करना और खेती करना सीखा। इस तरह ओरैंगुटैन का एक बेटा बंदर से इंसान बन गया। हालांकि, ये बदलाव एक-दो सालों में नहीं आया बल्कि इसके लिए करोड़ों साल लग गए।
चार्ल्स और एलन चांद पर कदम रख लौटेः चांद की जमीन पर आज तक 12 लोग कदम रख चुके हैं और ये सभी अमेरिकी हैं। नील आर्मस्ट्रांग ने जब चांद की जमीन पर कदम रखा और अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का ये मिशन सफल हुआ, तो उसने 14 नवंबर 1969 को अपोलो-12 मिशन लॉन्च किया।
इस मिशन में चार्ल्स पेटे कोनराड और एलन बीन पहुंचे। चांद की जमीन पर कदम रखने वाले चार्ल्स कोनराड तीसरे और एलन बीन चौथे व्यक्ति हैं। इनके साथ रिचर्ड गॉर्डन भी थे, लेकिन वे यान में बैठे हुए थे। वे चांद पर नहीं उतरे थे। अपोलो-12 मिशन 10 दिन, 4 घंटे, 36 मिनट और 25 सेकंड का था। कोनराड और एलन 31 घंटे तक चांद की जमीन पर रहे थे।
अपोलो-12 की खास बात यही थी कि इसे जहां उतरना था, वहीं उतरा था। ये चांद पर Ocean Of Storms यानी तूफानों का समुद्र पर उतरा था। जबकि, अपोलो-11, जिसमें नील आर्मस्ट्रांग थे, वह सही जगह पर नहीं उतरा था। अपोलो-12 की सही तस्वीरें मिल सकें, इसके लिए नासा ने इस बार कलर कैमरा भेजा था, लेकिन गलती से एलन बीन ने कैमरा सूरज की तरफ कर दिया, जिससे ये खराब हो गया।
20 नवंबर को गलती से चंद्रयान का एक रॉकेट चांद की सतह पर गिर गया, जिससे अगले 1 घंटे तक चांद पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। अपोलो-12 का चंद्रयान 24 नवंबर 1969 को दोपहर 3 बज कर 58 मिनट और 24 सेकंड पर प्रशांत महासागर में गिरा। इसका यान अभी वर्जिनिया एयर एंड स्पेस सेंटर में रखा हुआ है। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 24 नवम्बर को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-
1759 – इटली में विसूवियस पर्वत शिखर पर ज्वालामुखी विस्फोट।
1859 – चार्ल्स डार्विन की ‘आन द ओरिजिन आफ स्पेशीज’ का प्रकाशन हुआ।
1871 – नेशनल राइफल एसोसिएशन (एनवाईसी) का में गठन किया गया।
1926 – प्रख्यात दार्शनिक श्री अरविंदो ने पूर्ण सिद्धि की प्राप्ति की।
1963 – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ़ कैनेडी के हत्यारे ली हार्वे ऑस्वाल्ड हत्या की गई।
1966 – कांगो की राजधानी किंसासा पहला टीवी स्टेशन खोला गया।
1986 – तमिलनाडु विधानसभा पहली बार एक साथ विधायकों को सदन से निष्कासित किया गया।
1988 – दल बदल कानून के तहत पहली बार लोकसभा सांसद लालदूहोमा को अयोग्य करार दिया गया।
1989: चेकेस्लोवाकिया में तत्कालीन कम्युनिस्ट पार्टी के पूरे नेतृत्व ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे कर एक नए युग की शुरुआत की।
1992 – चीन में घरेलू विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 141 लोगों की मौत हुई।
1998 – एमाइल लाहौद लेबनान के राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
1999 – एथेंस में सम्पन्न विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में भारत की कुंजुरानी देवी रजत पदक जीता।
2001 – नेपाल में माओवादियों के हमले में सेना और पुलिस के 38 जवानों की मौत हुई।
2003 – हिंदी फिल्मों की हॉस्य अभिनेत्री उमा देवी का निधन।
2006 – पाकिस्तान और चीन में एक मुक्त व्यापार क्षेत्र संधि पर हस्ताक्षर किये तथा अवाक्स बनाने पर भी सहमति हुई।
2007 – पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ आठ वर्षों के निर्वासन के बाद स्वदेश पहुँचे।
2008 – मालेगाँव बम ब्लास्ट के मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर एटीएस द्वारा अश्लील सीडी दिखाने का आरोप लगाया।
2018 – भारतीय महिला मुक्केबाज एम सी मेरीकॉम ने 10वीं महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।