Subscribe for notification
लाइफस्टाइल

गणित में FAIL हो रहा था बच्चा, डॉक्टर की दवा से आए 95 फीसदी मार्क्स, जानें क्या है कैलकुलेशन ठीक करने का फॉमूला

दिल्लीः आप अपने बच्चे का गणित कमजोर होने से परेशान है, तो इस खबर को ध्यान से पढ़िए। आप का ही नहीं, बहुत से लोगों का बच्चा गणित में कमजोर होता है, जबकि अन्य सभी सब्जेक्ट में उसके मार्क्स अच्छे आते हैं। इससे परेशान होकर परिजन बच्चे के लिए अलग से ट्यूशन लगवा देते हैं। हैदराबाद के एक माता-पिता गणित में कमजोर अपने बच्चे को लेकर काफी परेशान थे, लेकिन बच्चे को मारने-डांटने की जगह उन्होंने इसके लिए दूसरा रास्ता अपनाया। वे अपने बच्चे को ले गए सीधे डॉक्टर के पास। वह भी जनरल फिजिशियन नहीं, सीधे न्यूरोलॉजिस्ट के पास।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक बच्चे का मन गणित में नहीं लगता था। इसमें उसके मार्क्स भी कम आते थे। पेरेंट्स सारे उपाय कर थक गए थे। हार कर उन लोगों ने डॉक्टर का सहारा लिया। मेडिकेशन का बच्चे पर इतना इफेक्ट हुआ कि उसने ट्रीटमेंट के बाद गणित में 95 फीसदी से ज्यादा स्कोर कर दिखाया।

इस बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि हां, मैंने कैसे एक स्टूडेंट को गणित में पास होने में मदद की, जो उसके गणित के टीचर मैनेज नहीं कर पाए। उन्होंने बताया कि एक 15 साल के लड़के को उसके माता-पिता मेरे क्लिनिक लेकर आए और कुछ दिमाग बढ़ाने की गोलियां और टॉनिक देने को कहा, ताकि बच्चे का गणित में इंटरेस्ट और स्किल अच्छी हो सके और वह परीक्षा पास कर पाए। मैं ऐसा नहीं कर सकता है। मैंने उसके कुछ टेस्ट किए ताकि गणित में कमजोर होने की सही वजह का पता लगा सकूं। अब आपके जेहन में कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे। तो चलिए इस खबर से संबंधित कुछ सवालों का जवाब आपको देते हैं।

सवाल- क्या बच्चे को कोई बीमारी थी…
जवाब- बच्चे के हालात को सुनने के बाद मैंने इसके बारे में पढ़ा और समझा। जो उसकी सिचुएशन थी उससे मैंने समझा कि ऐसी स्थिति में ब्रेन कुछ समय के लिए एपिलेप्सी यानी मिर्गी का शिकार हो जाता है। कोई भी कठिन सवाल देखते ही दिमाग से एपिलेप्टिक फॉर्म डिस्चार्ज होता है। जिससे ब्रेन का मौजूदा स्टेज काम नहीं करता है।

जिसमें ऊपर लिखी हुई समस्याएं जब आती हैं तो इस बीमारी को मेडिकल लैंग्वेज में कैलकुलेशन इंड्यूस्ड सीजर कहते हैं। डॉक्टर ने बच्चे की दवाई शुरू की और रिजल्ट अच्छा आया। अब आपको डॉ. सुधार के अनुसार आपको बताते हैं कि बच्चों के गणित में मन क्यों नहीं लगाता है और उनके अच्छे मार्क्स क्यों नहीं आते हैं…

सवाल- बच्चों को गणित का सब्जेक्ट मुश्किल क्यों लगता है?
जवाब-डॉ. सुधीर के मुताबिक इसके 2 कारण हैं:

पहला इंटरेस्ट- बहुत से बच्चों को गणित में इंटरेस्ट ही नहीं होता है, जिसकी वजह से उन्हें ये मुश्किल लगता है।

दूसरा डर- गणित के प्रश्न को देखकर ही कई बच्चे डर जाते हैं। उन्हें लगता है ये कठिन है, जबकि कठिन से कठिन चीज को प्रैक्टिस से आसान बनाया जा सकता है। बच्चे अक्सर जब किसी सब्जेक्ट से डरते हैं, तो उसे अवॉयड करते हैं। ज्यादा से ज्यादा टाइम दूसरे सब्जेक्ट को देते हैं। इस वजह से उनके लिए ये सब्जेक्ट और भी मुश्किल हो जाता है।

सवाल- क्या हर बच्चा न्यूरोलॉजिस्ट की मदद से गणित में अच्छे नंबर ला सकता है?
जवाब- नहीं, डॉ. सुधीर के मुताबिक  अगर बच्चे को कैलकुलेशन इंड्यूस्ड सीजर है, तभी वह न्यूरोलॉजिस्ट की मदद से मार्क्स अच्छे ला सकता है। हर केस में ऐसा नहीं है।ऐसा नहीं है कि इस बीमारी को लोग जानते ही नहीं है। 100-200 केस रिपोर्ट हो चुके हैं। लोग इलाज करवाने आते हैं और बच्चा इस वजह से ठीक हो जाता है।

सवाल- पेरेंट्स को ये कैसे पता लगेगा कि उनके बच्चे को कैलकुलेशन इंड्यूस्ड सीजर है…
जवाब- एक दिन में किसी पेरेंट्स को इस बारे में पता नहीं चल पाएगा। बच्चे पर लगातार नजर रखनी होगी।

सवाल- क्या यह बीमारी सिर्फ बच्चों को होती है या बड़ों को भी हो सकती है-
जवाब- वैसे तो ये बीमारी ज्यादातर बच्चों में नोटिस की गई है, लेकिन यह बड़ों को भी हो सकती है। बड़े लोग जॉब करते हैं, काउंटिंग के लिए कैलकुलेटर का ऑप्शन होता है। बच्चों को एग्जाम में ऐसा कोई ऑप्शन नहीं मिलता है। इसलिए वो प्रैक्टिस भी बिना कैलकुलेटर के करते हैं। बच्चे दिमाग से गणित को सॉल्व करने की कोशिश करते हैं और कैलकुलेशन इंड्यूस्ड सीजर ब्रेन से रिलेटेड बीमारी है।

सवाल- किन-किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है?
जवाब- कैलकुलेशन इंड्यूस्ड सीजर से पीड़ित बच्चों के पेरेंट्स को इन 7 बातों का ध्यान रखना चाहिए…

  • बच्चे को टाइम पर दवा दें। देखें कि दवा का साइड इफेक्ट तो नहीं है।
  • एलर्जी, रैशेज या व्यवहार में बदलाव हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
  • रात में टाइम पर सोने दें। कम से कम 7-8 घंटे की नींद पूरी होनी चाहिए।
  • बच्चे को टाइम से खाना खिलाएं। खाने की वजह से शरीर में ग्लूकोज की कमी हो सकती है। जो बच्चे के लिए सही नहीं है।
  • बच्चे को ज्यादा स्ट्रेस न लेने दें। उसे बार-बार डांटें नहीं। इससे वो टेंशन में आ सकता है।
  • 2-3 महीने में बच्चा नॉर्मल लगेगा, इसका मतलब ये नहीं कि दवा बंद कर दें।
  • 3 साल तक बच्चे को डॉक्टर की देखरेख में दवा टाइम पर खिलाते रहें।

यह भी हो सकता है कि आपका बच्चा गणित में कमजोर न हो। वह किसी और सब्जेक्ट में या पढ़ाई में ही कमजोर हो। इसके कुछ और कारण भी सकते हैं। उन बीमारियों या परेशानियों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए नीचे दी गई जानकारियों को ध्यान से पढ़ें…

थायराइड- अगर बच्चा पढ़ाई में कमजोर है, तो हो सकता है उसकी बॉडी में थायराइड की समस्या हो। इसके लिए आपको डॉक्टर से मिलकर इसका टेस्ट करवाना होगा। तभी इस बारे में पता चल सकता है। थायराइड की वजह से बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है।

विटामिन B12 की कमी- ये देश की सबसे कॉमन समस्या है। जो हमारे ब्रेन के फंक्शन के लिए बहुत जरूरी है। वेजिटेरियन खाने में विटामिन B12 की कमी होती है। नॉन-वेजिटेरियन में ये भरपूर होता है। फिर भी कुछ नॉन-वेजिटेरियन लोगों की आंतों में एंटीबॉडी की मौजूदगी के कारण विटामिन B12 कम हो सकता है। इसकी वजह से बच्चे पढ़ाई में कमजोर हो सकते हैं।

लर्निंग डिसेबिलिटी- ये न्यूरोलॉजिकल यानी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्या है। ये बीमारी बच्चों को बचपन से भी हो सकती है। इसमें बच्चों को बोलने, लिखने, पढ़ने, सुनने और शब्दों को बोलने में काफी दिक्कत आती है। सीखने में उसका मन नहीं लगता और वह चीजों से जी चुराने या उनसे भागने की कोशिश करता है।

विल्सन डिसीज- जब किसी के शरीर में कॉपर यूरिन के जरिए बाहर नहीं निकल पाता है, तो ये ब्रेन में जम जाता है। ऐसे में बच्चा अगर पढ़ाई में अच्छा रहता भी है, तो धीरे-धीरे कमजोर होता चला जाता है।

बच्चे के गणित में कमजोर होने में दिमाग की क्या भूमिका और इसका साइंस…

विशेषज्ञों के मुताबिक हमारे दिमाग में हर चीज की एक स्पेसिफिक लोकेशन है जैसे- म्यूजिक का, ट्यून का और उसके लिरिक्स का। बात गणित की है, तो कैलकुलेशन भी होगा। दिमाग में एक पैराइटल लोब होता है, जो कैलकुलेशन में काम करता है। इस लोब में अगर कोई खराबी आ जाए। स्ट्रोक, ट्यूमर या लकवे जैसी बीमारी के कारण ब्लड सप्लाई ब्लॉक हो जाए, तो वो इंसान सही कैलकुलेशन नहीं कर पाएगा। इससे गणित के प्रश्न सॉल्व करना भी बच्चे के लिए नामुमकिन हो सकता है क्योंकि वो पार्ट ही डैमेज हो जाता है। इस सिचुएशन में बच्चा कभी कैलकुलेशन नहीं कर पाता है।

दोबारा बता रहा हूं कि जिसे याद रखें कि कैलकुलेशन इंड्यूस्ड सीजर ब्रेन से रिलेटेड बीमारी है, लेकिन इसमें बच्चे को जल्दी ठीक किया जा सकता है और बच्चा कैलकुलेशन की समस्या को दूर करके गणित में अच्छे मार्क्स ला सकता है।

डांट पड़ने पर बच्चों का कैसे रिएक्ट करता है… डॉ. सुधीर कुमार के मुताबिक ऐसे में दो ही तरह के इफेक्ट पड़ते हैं। एक तो नेगेटिव और दूसरा पॉजिटिव। नेगेटिव इफेक्ट में बच्चे को डिप्रेशन और निराशा महसूस होती है। वो सोचता है कि मैं किसी काम का नहीं हूं। पॉजिटिव इफेक्ट में बच्चा सोचता है कि मैंने गलती की है, लेकिन अब मैं अच्छा करूंगा।

ऐसे में ये आइडेंटिफाई यानी पहचान करना बहुत मुश्किल है कि डांट का बच्चे पर निगेटिव असर होगा या पॉजिटिव।

माता-पिता को क्या करना चाहिए

  • पहला, बच्चे का मेडिकल कॉलम चेक कराएं। अगर उसे कोई दिक्कत है, तो उसका ट्रीटमेंट करवाएं।
  • दूसरा, बच्चे का इंटरेस्ट किस चीज में है, ये ध्यान दें। जरूरी नहीं वो पढ़ाई में अच्छा हो, वो जिस भी चीज में अच्छा है या उसका इंटरेस्ट है। उसमें बच्चे को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • इसके अलावा कमजोर बच्चे को दूसरे बच्चों से कम्पेयर न करें। उससे पूछें कि उसे किस चीज में इंटरेस्ट है।
General Desk

Recent Posts

पूर्व गृह सचिव अजय भल्ला मणिपुर, वीके सिंह मिजोरम गवर्नर बने, केंद्र सरकार ने पांच राज्यों के राज्यपाल बदले

दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल बनाया है। इसके साथ पूर्व सेना…

8 hours ago

पानी के लिए तरस रही है दिल्ली की जनता और झूठे सपने बेच रहे हैं केजरीवालः सचदेवा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने मंंगलवार को दिल्ली में पीने की…

9 hours ago

कांग्रेस ने हमेशा अंबेडकर का अपमान किया, मजाक उड़ा और लज्जित किया हैः विजेंद्र

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कांग्रेस…

10 hours ago

झूठ बोलने के माहिर खिलाड़ी हैं केजरीवालः सचदेवा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के दिल्ली प्रदेश  के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा प्रहार…

11 hours ago

आप सरकार ने दिल्ली को 7000 करोड़ रुपये के घाटे में लाकर खड़ा कियाः बांसुरी

संवाददाताः संतोष कुमार दिल्लीः बीजेपी नेता एवं नई दिल्ली से सांसद बांसुरी मंगलवार को आम आदमी पार्टी पर दिल्लीवासियों से…

11 hours ago

जिस गद्दे पर ट्रेनी डॉक्टर का शव था, उस पर संघर्ष के सबूत नहीं, फोरेंसिक रिपोर्ट से आया कोलकाता रेप-मर्डर केस में ट्विस्ट

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस में सेंट्रल फोरेंसिक…

20 hours ago