मुंबईः पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी कहा कि सावरकर ने डर के मारे अंग्रेजों से माफी मांगी थी। उन्होंने सबूत के तौर पर एक चिट्ठी दिखाई थी और सावरकर को अंग्रेजों का सर्वेंट बताया था। अब महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया पर दो चिटि्ठयां पोस्ट की हैं और दावा है कि ये चिटि्ठयां महात्मा गांधी ने अंग्रेज अफसरों लॉर्ड चेम्सफोर्ड और ड्यूक ऑफ कनॉट को भेजी थीं। इनमें से एक की आखिरी लाइन में लिखा है- योर एक्सिलेंस ओबीडिएंट सर्वेंट एमके गांधी। दूसरी चिट्‌ठी के आखिरी में लिखा है- योर रॉयल हाइनेस फेथफुल सर्वेंट एमके गांधी।

इसके साथ ही फडणवीस ने अपनी पोस्ट में राहुल के लिए लिखा कि कल आपने मुझे एक पत्र की अंतिम पंक्तियां पढ़ने को कहा था। चलो, अब कुछ दस्तावेज आज मैं आपको पढ़ने देता हूं। हम सब के आदरणीय महात्मा गांधी जी का यह पत्र आपने पढ़ा? क्या वैसी ही अंतिम पंक्तियां इसमें मौजूद हैं, जो आप मुझे पढ़वाना चाहते थे?

कांग्रेस सांसद राहुल ने कहा, “ये देखिए मेरे लिए सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट। ये सावरकर जी की चिट्ठी है। इसमें उन्होंने अंग्रेजों को लिखा है। मैं आपका सबसे ज्यादा ईमानदार नौकर बने रहना चाहता हूं। ये मैंने नहीं सावरकर जी ने लिखा है। फडणवीस जी देखना चाहते हैं तो देख लें। सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की। सावरकर जी ने ये चिट्ठी साइन की।“

उन्होंने कहा, “गांधी, नेहरू और पटेल सालों जेल में रहे और कोई चिट्ठी नहीं साइन की। सावरकर जी ने इस कागज पर साइन किया, उसका कारण डर था। अगर डरते नहीं तो कभी साइन नहीं करते। सावरकर जी ने जब साइन किया तो हिंदुस्तान के गांधी, पटेल को धोखा दिया था। उन लोगों से भी कहा कि गांधी और पटेल भी साइन कर दें।“

राहुल के इस बयान पर शिंदे ने एतराज जताते हुए कहा कि महाराष्ट्र के लोग हिंदू विचारक व्यक्ति का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। वीर सावरकर के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महाराष्ट्र में श्रद्धेय स्वतंत्रता सेनानी का अपमान किया गया और कुछ ऐसे भी लोग थे जो इसे सहते रहे। सावरकर का अपमान करने वालों के प्रति एक नरम रुख अपनाया जा रहा है। शिंदे का इशारा उद्धव ठाकरे की ओर था।

वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी पार्टी सावरकर का बहुत सम्मान करती है। हम स्वतंत्रता सेनानी पर राहुल गांधी की टिप्पणी का समर्थन नहीं करते हैं। हमारे मन में वीर सावरकर के लिए बहुत सम्मान और विश्वास है और इसे मिटाया नहीं जा सकता। केंद्र सरकार सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं देती?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here