दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत छत्तीसगढ़ के चार दिवसीय दौरे पर है। डॉ.भागव का छत्तीसगढ़ दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। आरएसएस की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रांत प्रचार प्रमुख कनीराम ने कहा कि डॉ. भागवत सोमवार को स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण का अनावरण करेंगे और जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

आपको बता दें कि जूदेव बड़े पैमाने पर घर-वापसी कार्यक्रमों का आयोजन करके ईसाई आदिवासियों को हिंदू धर्म में वापस लाने के अपने प्रयासों के लिए जाने जाते थे। उनके बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव भी इसी तरह के प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्होंने मोहन भागवत के इस कदम का स्वागत करते हुए इसे पूरे आदिवासी समुदाय के लिए एक सम्मान बताया है।

कनीराम ने बताया कि इन कार्यक्रमों का आयोजन आरएसएस के एक प्रमुख संगठन वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा किया जा रहा है, जो आदिवासी बहुल दूरदराज के इलाकों में वनवासियों के लिए कल्याणकारी कार्य करता है। आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के लिए आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है।

कनीराम ने कहा कि मंगलवार को डॉ. भागवत सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में आरएसएस के सरगुजा और कोरिया जिले की इकाई द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जाने वाले ‘पथ संचालन’ कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख एक कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे जहां संघ के सदस्य मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि भागवत 17 नवंबर को अपनी यात्रा का समापन करने से पहले 16 नवंबर को अंबिकापुर में संघ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक की अध्यक्षता करें

आपको बता दें यह दूसरा मौका होगा जब कोई आरएसएस प्रमुख सरगुजा पहुंच रहे हैं. इससे पहले वर्ष 2009 में सुदर्शन यहां आए थे, लेकिन अंदर खाने से खबर है कि आरएसएस प्रमुख भागवत का ये दौरा बहुउद्देशीय है। इसे लेकर तैयारियां भी जोरों पर है।.

बहुउद्देशीय है संघ प्रमुख का छत्तीसगढ़ दौरा.. आरएसएस को नजदीक से जानने वाले और कुछ राजनैतिक समीक्षकों से चर्चा में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सरगुजा दौरे की कुछ खास वजह सामने आई है। सबसे पहली वजह ये है कि संघ सरगुजा में अपनी शाखाओं का विस्तार करने का प्रयास करेगा, क्योंकि 2025 में संघ के 100 साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे में संघ का ये प्रयास रहेगा कि 100 साल पूरा होने तक छत्तीसगढ़ के खासकर आदिवासी इलाके सरगुजा और बस्तर में संघ की शाखाओं का विस्तार हो सके।

इस बीच आरएसएस का कहना है कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर अनुसूचित जनजातियों के लोगों का धर्मांतरण कराया जाता है। उनकी इस यात्रा से राज्य में संघ परिवार के विस्तार को बढ़ावा मिलने की संभावना है। इसके अलावा 31 फीसदी से अधिक आदिवासी आबादी वाले राज्य में अगले साल होने वाले चुनावों में बीजेपी को भी वापसी की उम्मीद दिख रही है।

आपको बता दें कि हाल ही में रायपुर में का वार्षिक योजना कार्यक्रम संपन्न हुआ था। इसमें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन सचिव बीएल संतोष ने भी भाग लिया था।

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