दिल्लीः बात 1969 की है। इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं। राम मनोहर लोहिया के शब्दों में इंदिरा गांधी की भूमिका उस समय ‘गूंगी गुड़िया’ से ज्यादा नहीं थी। पार्टी में उनको सुनने वाले बहुत कम थे। उस समय कांग्रेस में कुछ बुजुर्ग नेताओं का सिंडिकेट हावी था।
ऐसे समय में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला था और इंदिरा गांधी चाहती थीं कि वीवी गिरि को राष्ट्रपति बनना चाहिए, लेकिन पार्टी में सक्रिय सिंडिकेट ने नीलम संजीव रेड्डी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था। इसके बाद इंदिरा गांधी ने बगावत कर दी और रेड्डी हार गए। आपको बता दें कि मोरारजी देसाई को वित्त मंत्री पद से हटाने के बाद से ही सिंडिकेट के नेता इंदिरा से नाराज थे। रेड्डी की हार ने उन्हें और परेशान कर दिया। उन्हें लगता था कि अगर प्रधानमंत्री ही पार्टी के नेता को सपोर्ट नहीं करेंगी, तो कौन करेगा।
कांग्रेस के उस समय के अध्यक्ष एस निजालिंगप्पा के खिलाफ सिग्नेचर कैम्पेन शुरू हो गया। इंदिरा भी अलग-अलग राज्यों में जाकर कांग्रेसियों को अपने पक्ष में लामबंद कर रही थीं। इंदिरा समर्थकों ने स्पेशल कांग्रेस सेशन बुलाने की मांग की, ताकि नया प्रेसीडेंट चुना जा सके। गुस्से में निजालिंगप्पा ने इंदिरा को ओपन लेटर लिखा और इंटरनल डेमोक्रेसी खत्म करने का आरोप लगाया। इंदिरा ने भी निजालिंगप्पा की बैठकों में भाग लेना बंद कर दिया।
01 नवंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की दो जगहों पर मीटिंग हुईं। एक प्रधानमंत्री आवास में और दूसरी कांग्रेस के जंतर-मंतर रोड कार्यालय में। तब कांग्रेस कार्यालय में हुई मीटिंग में इंदिरा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निकाल दिया गया और संसदीय दल से कहा गया कि वह अपना नया नेता चुन लें। इंदिरा ने फौरन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों की मीटिंग बुलाई, जिसमें कांग्रेस के 429 सांसदों में से 310 ने भाग लिया।
इंदिरा ने कांग्रेस के दो टुकड़े कर दिए। इंदिरा की पार्टी का नाम रखा गया कांग्रेस (R) और दूसरी पार्टी हो गई कांग्रेस (O)। तब इंदिरा ने सीपीआई और डीएमके की मदद से कांग्रेस (O) के अविश्वास प्रस्ताव को गिरा दिया।
प्रथम गोलमेज सम्मेलन की शुरुआतः भारत को आजादी भले ही 1947 में मिली हो, उस समय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व कर रही कांग्रेस कार्यसमिति ने फरवरी 1930 में ही पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करने के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने का फैसला कर लिया था। जब दांडी मार्च के बाद महात्मा गांधी ने नमक कानून तोड़ा तो ब्रिटिश सरकार सक्रिय हुई और उसने भारत में संवैधानिक सुधारों के लिए राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस या गोलमेज सम्मेलन आयोजित किए।
इन गोलमेज सम्मेलनों की शुरुआत 12 नवंबर 1930 को हुई और लंदन में यह बातचीत 19 जनवरी 1931 तक चली। इसकी अध्यक्षता ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड ने की थी, जिसमें 89 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। यह पहली ऐसी बातचीत थी, जिसमें ब्रिटिश शासकों ने कथित तौर पर भारतीयों को समानता का दर्जा दिया था। कांग्रेस के प्रमुख नेता उस समय जेल में थे और महात्मा गांधी के साथ-साथ जवाहरलाल नेहरू ने भी सम्मेलन का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 12 नवम्बर को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-
1781 : अंग्रेजों ने नागापट्टनम पर कब्जा किया।
1841 : टेक्सास का शहर जॉन नेली ब्रायन द्वारा स्थापित किया गया।
1847 : ब्रिटेन के चिकित्सक सर जेम्स यंग सिंप्सन ने एनेस्थेटिक के रूप में पहली बार क्लोरोफार्म का प्रयोग किया।
1896 : भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी सालिम अली का जन्म।
1908 : बुलगारिया ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।
1918 : ऑस्ट्रिया एक गणतंत्र बना।
1925 : अमेरिका और इटली ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये।
1927 : महात्मा गांधी ने सिलोन की अपनी पहली और आखिरी यात्रा की।
1930 : लंदन में भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा के लिए पहले गोलमेज सम्मेलन की शुरुआत हुई।
1936 : केरल के मंदिर सभी हिंदुओं के लिए खुले।
1940 : भारतीय फिल्म अभिनेता अमजद खान का जन्म।
1946 : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं भारत रत्न से सम्मानित पंडित मदन मोहन मालवीय का उत्तर प्रदेश में निधन हुआ।
1956 : मोरक्को , सूडान और ट्यूनिशिया संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुए।
1969 : तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कांग्रेस से निष्कासित किया गया।
1970 : पूर्वी पाकिस्तान (अब बंगलादेश) और पश्चिम बंगाल में आए चक्रवती तूफान ‘भोला’ से मची तबाही में करीब पांच लाख लोगों की मौत हुई।
1974 : दक्षिण अफ्रीका नस्लीय नीतियों के कारण संयुक्त राष्ट्र महासभा से निलंबित।
1984 : एक रुपया का ब्रितानी नोट गायब, सिक्के चालू किए गए।
1990 : जापान में सम्राट आकिहितो का परम्परानुसार राज्याभिषेक।
1995ः नाइजीरिया राष्ट्रमंडल की सदस्यता से निलंबित हुआ।
2001 : न्यूयॉर्क में अमेरिकी एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार सभी 260 यात्री मारे गए।
2002ः संयुक्त राष्ट्र ने स्विट्जरलैंड के संघीय ढांचे के आधार पर साइप्रस के लिए एक नई शांति योजना तैयार की।
2006 : अंतरराष्ट्रीय संधि ‘प्रोटोकॉल ऑन एक्सप्लोसिव रेमनेन्ट्स ऑफ वार’ लागू हुई।
2008 : देश का पहला मानव रहित अंतरिक्ष यान चंद्रयान-1 चन्द्रमा की अन्तिम कक्षा में स्थापित हुआ।
2009 : भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के ‘अतुल्य भारत’ अभियान को वर्ल्ड ट्रेवल अवार्ड-2009 से नवाजा गया।
2015 : लेबनान में एक आत्मघाती बम विस्फोट में 43 मारे गए।