स्पोर्ट्स डेस्कः खेल में हार जीत लगे रहता है। जब दो टीमें खेलती है, तो किसी एक को हारना ही पड़ता है, लेकिन रविवार को ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड क्रिकेट ग्राउंड में जिस तरह से टीम इंडिया खेली, उसे देखकर लगा ही नहीं कि ये भी कोई क्रिकेट मैच था। भारतीय क्रिकेटरों का खेल गिल्ली-डंडा से भी बदतर लगा। भारत के बैटर पस्त, बॉलर बदहवास, फील्डर या तो दिख नहीं रहे थे, और दिखे भी तो बस गेंद से पिछड़ते हुए।
रो-हिट, किंग कोहली, मिस्टर 360 डिग्री, कुंगफू पंड्या, स्विंग का किंग… बस कहने के। बल्ला लेकर 8 खिलाड़ी मैदान पर उतरे, 6 लौट आए, टोटल 168 रन बनाकर। वो भी खींचतान कर।
वहीं, इंग्लैंड के दो बल्ले मैदान पर आए और हर ओवर में तकरीबन 10.62 रन पीटते हुए 16 ओवर में खेल खत्म कर दिया। भारत और इग्लैंड के खिलाफ खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में एलेक्स हेल्स का स्ट्राइक रेट 183 था, रन 86, 4 चौके और 7 छक्के। कप्तान जोस बटलर का स्ट्राइक रेट 163 था, रन 80, 9 चौके और 3 छक्के।
टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में हुए टोटल 16 सेमीफाइनल में किसी टीम की ये सबसे बड़ी हार, या सबसे बड़ी जीत है। जीत-हार के लिहाज से एक रिकॉर्ड बना है और एक की बराबरी हुई है।
इंग्लैंड ने भारत को हराकर सेमीफाइनल में सबसे अधिक 10 विकेट से जीत का रिकॉर्ड बनाया है। साथ ही सबसे कम ओवर में जीत की बराबरी भी की। टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड ने ही 16 ओवर में श्रीलंका को हराया था। 12 साल पहले, यानी 2010 में। ये मैच वेस्टइंडीज में खेला गया था। तो चलिए अब एक नजर डालते हैं भारत की गलतियों पर जिसकी वजह से इंग्लैंड को कामयाबी मिली…
भारत की गलतियां… पावर प्ले में अर्शदीप ने एक ओवर में 8 रन दिए। उनका चार भारतीय बॉलर्स में सबसे कम इकॉनमी थी। रोहित ने उन्हें दूसरा ओवर नहीं दिया, जबकि वे शुरुआत में विकेट दिलाते हैं। उन्हें दूसरा ओवर नहीं देना कप्तान के तौर पर रोहित की बड़ी गलती रही।
- भुवनेश्वर कुमार जब पहला ओवर लेकर आए तो उन्हें स्विंग मिल रही थी, लेकिन तीसरी ही गेंद पर रोहित ने पंत को आगे से कीपिंग करने को कहा। यानी भुवनेश्वर के आगे गेंद डालकर स्विंग कराने के चांस एकदम खत्म हो गए। अक्षर पटेल ने ज्यादातर छोटी लेंथ की गेंदें फेंकी, जिन्हें बटलर और हेल्स ने बाउंड्री में तब्दील किया।
- टी-20 वर्ल्ड कप के दूसरे समीफाइन के दौरान इंग्लैंड ही हावी दिखी। इंडिया बल्लेबाजी के दौरान भी प्रेशर में रही और गेंदबाजी के दौरान। गेंदबाज 10वें ओवर के बाद ही हिम्मत हार गए। लड़ाई का जज्बा दिखाई नहीं दिया।
- मैच के दूसरे ही ओवर में केएल राहुल ने क्रिस वोक्स को विकेट दिया। बाहर जाती गेंद को उन्होंने कीपर को थमा दिया। यहीं से दबाव बढ़ गया और पावर प्ले में बल्लेबाजी धीमी रही।
- ओपनिंग करने आए कप्तान रोहित शर्मा 27 रन बनाने के बाद 9वें ओवर में आउट हो गए। तब जरूरत थी कि वे कम से कम 15 ओवर तक बल्लेबाजी करें।
- आदिल रशीद ने बढ़िया गेंदबाजी की। उन्होंने 4 ओवर में सिर्फ 20 रन दिए। उनके आखिरी ओवर में सूर्या ने आक्रामक शॉट खेलने की कोशिश की और आउट हुए। इस ओवर के बाद अटैक करते तो रनरेट भी बढ़ता और दबाव भी न पड़ता।