दिल्लीः आज मंगलवार यानी 8 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण काल के दौरान आसपास की हर चीज प्रभावित होती है, जिसका व्यक्ति के जीवन पर अच्छा या बुरा प्रभाव जरूर पड़ता है। ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई नियम भी बताए गए हैं।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहण कालमें गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष कार्य करने से गुरेज करना चाहिए। ऐसा करने से उनके गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा असर पड़ सकता है। तो चलिए अब हम आपको बताने जा रहे हैं, वे कार्य जिसे गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में करने से गुरेज करना चाहिए।
नुकीली चीजें- गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के दौरान नुकीली चीजों जैसे चाकू, कैंची, सूई आदि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। मान्यता है कि इस नियम का पालन न करने पर होने वाले शिशु के किसी भी अंग को हानि पहुंच सकती है।
बाहर न जाएं- गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान घर के बाहर निकलने से भी बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि गर्भवती महिला अगर ग्रहण देख लेती है तो उसका सीधा असर उसके होने वाले बच्चे की शारीरिक और मानसिक सेहत पर पड़ता है। जिसकी वजह से शिशु गंदे लाल चिन्हों के साथ पैदा होता है। जन्म के बाद बच्चे के शरीर पर कोई न कोई दाग जरूर पड़ जाता है।
ग्रहण के दौरान बना खाने से बचें- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बना हुआ खाना नहीं खाना चाहिए। कहा जाता है कि इस समय में पड़ने वाली हानिकारक किरणें खाने को दूषित कर देती हैं।ऐसे में अगर घर पर खाना बना हो तो उसमें तुरंत तुलसी के पत्ते डाल दें। ग्रहण खत्म होने के बाद उन्हें निकाल दें। ऐसा करने से ग्रहण के बाद भी खाना शुद्ध रहता है।
ग्रहण के बाद नहाना अवश्य चाहिए- ऐसी मान्यता है कि ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिला को जरूर नहा लेना चाहिए वर्ना उसके शिशु को त्वचा संबधी रोग लग सकते हैं। ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए।
शारीरिक संबंध बनाने से भी बचे- ग्रहण काल के दौरान पति-पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। इसके अलावा ग्रहण के दौरान सोने से, किसी दवा का सेवन करने से और भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करने से भी बचना चाहिए।
हार्मोनल बदलाव: प्राचीन काल से माना जाता है कि ग्रहण का असर भ्रूण के विकास पर पड़ता है और इससे प्रेगनेंट महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव भी आते हैं। इन बदलावों की वजह से प्रेगनेंट महिला को मूड स्विंग्स, एंग्जायटी और क्रेविंग होती है। हालांकि, इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है लेकिन फिर भी भारत में इस खतरे से बचने के लिए गर्भवती महिला को ग्रहण के दौरान बाहर निकलने से मना किया जाता है।