बिजनेस डेस्कः टेस्ला के मालिक एवं दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने गुरुवार को ट्विटर डील फाइनल कर दी। इसके बाद मस्क ने शुक्रवार को कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पराग अग्रवाल, मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) नेड सेगल और लीगल अफेयर्स एंड पॉलिसी चीफ विजया गड्डे को कंपनी से हटा दिया।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्विटर तीनों अधिकारियों को नौकरी से हटाए जाने पर हर्जाने के तौर पर कुल 100 मिलियन डॉलर यानी 823 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इनमें पराग अग्रवाल को सबसे ज्यादा 50 मिलियन डॉलर यानी करीब 412 करोड़ रुपए मिलेंगे। वहीं नेड सेगल को 37 मिलियन डॉलर (304 करोड़ रुपए) और विजया गड्डे को 17 मिलियन डॉलर यानी करीब 140 करोड़ रुपए कंपनी देगी।
वहीं, रिसर्च फर्म इक्विलर ने अप्रैल में कहा था कि अगर अग्रवाल को टर्मिनेट किया जाता है तो उन्हें 4.2 करोड़ डॉलर यानी 346 करोड़ रुपए मिलेंगे। इक्विलर ने उनकी बेस सैलरी और बाकी इक्विटी अवॉर्ड्स के आधार पर यह आंकलन किया था।
आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में जैक डोर्सी के इस्तीफे के बाद पराग अग्रवाल को कंपनी का CEO बनाया गया था। पराग नवंबर में CEO बनने से पहले ट्विटर के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर थे। साल 2021 में उन्हें सैलरी और दूसरे भत्तों के रूप में 3.04 करोड़ डॉलर मिले थे। CEO के रूप में अग्रवाल का वेतन सालाना एक मिलियन डॉलर यानी 9 करोड़ 24 लाख रुपए बताया गया था।
वहीं अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क कंपनी के 7,500 एम्प्लॉइज में से 75%, यानी करीब 5,600 कर्मचारियों को नौकरी से हटा सकते हैं। उन्होंने ट्विटर डील के दौरान संभावित निवेशकों से यह बात कही थी। हालांकि यह रिपोर्ट आने के बाद ट्विटर के जनरल काउंसल सीन एडगेट ने इससे इनकार किया है। कर्मचारियों को ईमेल भेज कर कहा कि कंपनी छंटनी को लेकर कोई प्लान नहीं बना रही है।
ट्विटर के नए मालिक मस्क ने डील होते ही ट्वीट किया- चिड़िया आजाद हुई। इससे पहले कहा, ‘मैं चाहता हूं टिवटर पर लोग फिल्में देखें और वीडियो गेम खेलें।’
अपडेट्सः
- एलन मस्क ने गुरुवार (27 अक्टूबर) को इस डील पर मुहर लगाई।
- मस्क ने पराग और दो ऑफिसर्स पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट्स की संख्या को लेकर उन्हें और ट्विटर इन्वेस्टर्स को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
- मस्क ने संकेत दिया कि आगे चलकर ट्विटर की ऐड पॉलिसी में भी बदलाव किया जाएगा। मस्क ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि ट्विटर सबसे बेहतरीन एडवर्टाइजिंग प्लेटफॉर्म हो, जहां सभी उम्र के यूजर्स फिल्में देख सकें या वीडियो गेम खेल सकें।’
- मस्क का कहना है कि मैंने ज्यादा पैसा कमाने के लिए नहीं, बल्कि इंसानियत की मदद करने लिए ट्विटर से डील की है। कोर्ट ने मस्क को मौजूदा शर्तों पर ट्विटर डील को 28 अक्टूबर तक फाइनल करने के लिए कहा था।
- मस्क ने 14 अप्रैल को 43 अरब डॉलर में ट्विटर खरीदने का ऑफर दिया था। मस्क ने कहा था कि ट्विटर में निवेश शुरू करने से एक दिन पहले के भाव से 54% प्रीमियम पर 54.20 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से 100% हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश कर रहा हूं। यह ऑफर मेरा सबसे अच्छा और आखिरी ऑफर है और यदि इसे स्वीकार नहीं किया जाता है, तो मुझे एक शेयरधारक के रूप में अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करने की जरूरत होगी।
आपको बता दें कि मस्क के पास ट्विटर की 9.2 फीसदी हिस्सेदारी पहले से थी। 4 अप्रैल को इसकी जानकारी सामने आई थी। मस्क ने भले ही शुरुआती फाइलिंग में 43 अरब डॉलर का ऑफर दिया था, लेकिन ट्विटर की डील को मंजूरी के बाद ये आंकड़ा 44 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। हालांकि, बाद में मस्क ने कहा कि स्पैम अकाउंट की सही जानकारी नहीं होने के कारण वह डील को कैंसिल कर रहे हैं। डील कैंसिल होने के बाद ट्विटर कोर्ट पहुंच गया था।