दिल्लीः आज छठ महापर्व का दूसरा दिन यानी खरना है। महालक्ष्मी माता के प्रिय दिन शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुए चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। व्रति शनिवार को खरना का व्रत करेंगे,  जबकि रविवार को प्रथम तथा सोमवार को द्वितीय अर्घ्य देकर पारण कर सूर्योपासना का चार दिवसीय अनुष्ठान संपन्न करेंगे। व्रतियों ने नहाय-खाय के दिन शुद्ध घी तथा सेंधा नमक से बनी कद्दू की सब्जी, चने की दाल तथा चावल तैयार कर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। इस प्रसाद को आसपास के लोगों के बीच भी वितरण किया। चलिए अब हम आपका खरना के शुभ मुहूर्त के बारे में बताते हैं-

खरना का मुहूर्त– आज छठ महापर्व का दूसरा दिन खरना है। इस वर्ष यह 29 अक्टूबर को पड़ रही है। द्रिक पंचांग के अनुसार चतुर्थी प्रातः 08:13 बजे शुरू होगी, पंचमी 30 अक्टूबर को प्रातः 05:49 बजे तथा ब्रह्म मुहूर्त 29 अक्टूबर को प्रातः 05:02 से प्रातः 05:52 तक चलेगा।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय– खरना के दिन 29 अक्टूबर को सुबह 06:43 बजे सूर्योदय होगा और 29 अक्टूबर को शाम 06:04 बजे सूर्यास्त होगा।

खरना की तैयारी- छठी व्रतियों द्वारा नहाय-खाय के साथ ही खरना के व्रत की भी तैयारी शुरू कर दी गई है। गेहूं को सूखाकर उसे जाता या मील में पिसवाया जा रहा है। इस दौरान महिलाएं छठ मइया के गीत भी गाती सुनी जा रही हैं। महिलाएं शनिवार को घाट पर जाएंगी। वहां सरोवरों में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना करने के बाद घर लौटकर शुद्ध घी में चुपड़ी रोटी व नया गुड़ तथा नया चावल की खीर तैयार करेंगी। सूर्यदेव को भोग लकाकर ग्रहण करेंगे। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के लिए काफी लोग व्रतियों के घर पहुंचते हैं। नाते-रिश्तेदारों में भी वितरण किया जाता है।

रविवार को व्रती भगवान सूर्य को घाटों पर पहला अर्घ्य देंगे। वह गांव-घर-मुहल्लों से टोली में निकलेंगे और घाट तक जाएंगे। महिलाएं गीत गाते हुए घाट तक जाती हैं। कुछ महिला-पुरुष व्रती घर से घाट तक दंडवत करते जाते हैं। घर के युवा सदस्य सिर पर डाल-दउरा लेकर जाते हैं, तो किशोर ईंख लेकर पहुंचते हैं। हर कोई इस पर्व में व्यस्त ही दिखता है। यह ऐसा पर्व है, जिसमें बच्चे से लेकर वृद्ध तक को स्वच्छता अपनाना पड़ता है। व्रतियों के लिए अलग शुद्ध विस्तर लगता है।

नहाय-खाय के दिन लौकी और चने की दाल खाना शुभ माना गया है। इसको लेकर शुक्रवार को शहर के एकता चौक, सब्जी मंडी, पटेल चौक, जेपी चौक आदि जगहों पर व्रतियों ने लौकी की खूब खरीदारी की। कुछ लोगों ने जरूरतमंद व्रतियों के बीच लौकी का वितरण भी किया गया।

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