दिल्ली डेस्कः जिन अंग्रेजों ने करीब दो सौ साल तक भारतवासियों को गुलाम बनाकर रखा, अब उन्हीं पर एक भारतवंशी राज करेगी। भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के पहले अश्वेत प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और पेनी मोर्डंट चुनाव में खड़े होने के लिए आवश्यक 100 सांसदों का समर्थन नहीं जुटा सके। आपको बता दें कि सुनक ने संसद में भगवद गीता को साक्षी मानकर यॉर्कशायर से सांसद के रूप में शपथ ली थी। ऐसा करने वाले वह ब्रिटेन के पहले सांसद थे। तो चलिए अब हम आपको बताते हैं कि कौन और ऋषि सुनक और उनकी लोकप्रियता की क्या है वजह…

ऋषि सुनक के माता-पिता दोनों भारतीय मूल के हैं। सुनक के माता-पिता फार्मासिस्ट हैं। वह 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन चले गए। सुनक के पिता यशवीर सुनक डॉक्टर थे। उनकी मां उषा सुनक एक केमिस्ट की दुकान चलाती थीं। ऋषि सुनक ने इंफोसिस प्रमुख नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की है। उनकी दो बेटियों का नाम कृष्णा और अनुष्का है।

बोरिस जॉनसन की सरकार में राजकोष के चांसलर रहते हुए ऋषि सुनक ने डाउनिंग स्ट्रीट पर अपने आवास पर दिवाली के दीये जलाए। ऋषि सुनक अक्सर अपनी विरासत के बारे में बात करते हैं। वह यह बताना नहीं भूलते हैं कि उनके परिवार ने उन्हें कैसे अक्सर मूल्यों और संस्कृति के बारे में याद दिलाया।

अधिकांश भारतीय परिवारों की तरह ऋषि सुनक के परिवार में शिक्षा पालन-पोषण का एक प्रमुख पहलू था। ऋषि सुनक ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री ली थी। वह एक पूर्व निवेश बैंकर भी हैं। ऋषि सुनक अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ अक्सर अपने ससुराल वालों से मिलने बेंगलुरु जाते रहते हैं।

ऋषि सुनक से जुड़ी जानकारियां-

  • सुनक के दादा- दादी का जन्म भारत में हुआ था. इसके बाद वे लोग पूर्वी अफ्रीका चले गए।
  • सुनक के पिता एनएचएस जीपी सुनक का जन्म केन्या में हुआ था जबकि माता उषा सुनक का जन्म तंजानिया में हुआ था।
  • 1960 के दशक में सुनक के दादा दादी ब्रिटेन आ गए।
  • 42 वर्षीय सुनक का जन्म ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में 12 मई 1980 को एक भारतीय परिवार के यहां हुआ था। उनके दादा-दादी का ताल्लुक पंजाब से था।
  • फार्मेसिस्ट मां और डॉक्टर पिता के बेटे सुनक ने इंग्लैंड के सबसे प्रसिद्ध स्कूलों में से एक ‘विनचेस्टर’ से पढ़ाई की है। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय गए। उन्होंने ’गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक’ में काम किया और बाद में अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए किया। यहीं उनकी मुलाकात अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति से हुई, जो इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं।
  • सुनक की पढ़ाई-लिखाई विनचेस्टर कॉलेज से हुई और फिर बाद में उन्होंने लिंकन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की.
  • सुनक ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से फुलब्राइट स्कॉलर के रूप में एमबीए किया.
  • ऋषि सुनक 2001 से 2004 तक इनवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में एनालिस्ट रहे.
  • 2006 में चाइल्ड इनवेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट में ऋषि सुनक पार्टनर बने.
  • 2009 में में सुनक ने TCI छोड़कर हेज फंड फर्म को ज्वॉइन कर लिया.
  • सुनक ने ‘हेज फंड’ (जमा निवेश फंड) प्रबंधक क्रिस होन के‘ टीसीआई फंड मैनेजमेंट’ में लगभग तीन वर्षों तक काम किया और फिर पैट्रिक डीगॉर्स के ‘हेज फंड’ ‘थेलेम पार्टनर्स’ में काम करने लगे।
  • उन्होंने अक्षता से 2009 में शादी की और दंपति की दो बेटियां हैं, जिनके नाम कृष्णा और अनुष्का हैं।
  • सुनक 2015 में रिचमंड, यॉर्कशायर से संसद सदस्य बने।
  • उन्होंने संसद में भगवद् गीता पर सांसद के रूप में शपथ ली।
  • फरवरी 2020 में उन्हें ब्रिटेन के कैबिनेट के सबसे महत्वपूर्ण पद, ‘ चांसलर ऑफ एक्सचेकर’ यानी वित्त मंत्री नियुक्त किया गया।
  • बोरिस जॉनसन के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर उन्होंने डाउनिंग स्ट्रीट के अपने आवास पर दिवाली पर दीए जलाए। वह शराब का सेवन नहीं करते हैं।
  • वह अक्सर अपनी विरासत के बारे में बात करते हैं और बताते हैं कि कैसे उनके परिवार ने उन्हें मूल्यों और संस्कृति के बारे में याद दिलाया।
  • जब बोरिस जॉनसन ने कोविड-19 महामारी के कारण पहली बार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया, तो सुनक ने लाखों नौकरियां बचाने के लिए एक व्यापक राहत पैकेज तैयार किया।
  • जॉनसन के करीबी माने जाने वाले सुनक पूर्व प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व से ठीक विपरीत शख्सियत प्रतीत होते रहे।
  • सुनक के जब सितारे चमक रहे थे तब ब्रिटेन की पत्रिकाएं उन्हें ‘डिशी ऋषि’ यानी ‘आकर्षक ऋषि’ कहते थे। मगर उनकी पत्नी अक्षता की कर स्थिति और दौलत के साथ-साथ ‘पार्टीगेट’ कांड में उनका नाम आने और लाखों लोगों के लिए कर बढ़ाने के सुनक के कदम की कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा आलोचना ने उनकी स्थिति बदली और उन्हें ‘फिशी ऋषि’ यानी ‘संदिग्ध ऋषि’ कहा जाने लगा।
  • सुनक दंपति की वित्तीय स्थिति हाल ही में जांच के दायरे में तब आई, जब यह पता चला कि अक्षता अब भी भारतीय नागरिक हैं और उनकी ब्रिटेन में गैर-अधिवासित स्थिति है। इस वजह से उन्हें विदेशी कमाई पर यहां कर नहीं देना पड़ता है और वह भारत वापस जाने की योजना बना रही हैं। अक्षता के गैर-अधिवासी होने की वजह से वह इंफोसिस के शेयर से मिलने वाले लाभांश पर लगभग दो करोड़ पाउंड का कर बचा पाईं।
  • इस साल प्रधानमंत्री पद के लिए प्रचार के दौरान सुनक को कई मोर्चों पर आलोचना का सामना करना पड़ा, जिनमें आलीशान घर, महंगे कपड़े और जूते शामिल थे।
  • सुनक की कुल संपत्ति 70 करोड़ पाउंड की है। यॉर्कशायर में एक आलीशान बंगले के अलावा, सुनक और उनकी पत्नी अक्षता के पास मध्य लंदन के केंसिंग्टन में और एक संपत्ति है।

चुनौतियां:  

  • ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था परेशानी का सामना कर रही है। महंगाई उच्च स्तर पर है तथा ब्याज दर बढ़ रही है। यूक्रेन के युद्ध ने इस साल दूसरी बार ऊर्जा पर होने वाले खर्च को बढ़ा दिया। मुद्रा बाजार में स्टर्लिंग (ब्रिटेन में प्रचलित मुद्रा) कमजोर दिख रहा है।
  • सुनक का पहला काम ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय विश्वसनीयता को बहाल करना होगा, क्योंकि निवर्तमान नेता लिज़ ट्रस की बिना कोष मुहैया कराए कर कटौती की योजना और महंगी ऊर्जा मूल्य गारंटी ने बांड बाजार को हिला दिया था।

2022 की गर्मियों में पीएम पद के चुनाव प्रचार के दौरान ऋषि सुनक को अपने भव्य घर, महंगे सूट और जूते सहित विभिन्न चीजों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था।

ऋषि ने एक बयान जारी कर कहा था कि भगवद गीता अक्सर तनावपूर्ण स्थितियों के दौरान उन्हें बचाती है और उन्हें कर्तव्यपरायण होने की याद दिलाती है।

ऋषि सुनक की कुल संपत्ति 700 मिलियन पाउंड से अधिक है। यॉर्कशायर में एक हवेली के मालिक होने के अलावा ऋषि और उनकी पत्नी अक्षता के पास मध्य लंदन के केंसिंग्टन में एक संपत्ति है। फिट रहने के लिए ऋषि सुनक क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं।

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