Subscribe for notification
ट्रेंड्स

पस्त हुआ रुपयाः गुरुवार को नए रिकॉर्ड के साथ खुला, डॉलर के मुकाबिक 83.06 रुपये पर की कारोबार की शुरुआत

दिल्लीः अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में रुपया शतक जड़ने के लिए उतावला दिखाई दे रहा है। विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने और देश में विदेशी पूंजी की सतत निकासी के बीच अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में रुपया गुरुवार को डॉलर के मुकाबले 6 पैसे की गिरावट के साथ खुला। आज रुपया डॉलर के मुकाबले 83.06 पर खुला। आपको बता दें 30 मई 2014 को एक डॉलर का मूल्य 59.28 रुपये था।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल कीमतों में तेजी तथा निवेशकों में जोखिम लेने की धारणा कमजोर होने से भी रुपये पर असर पड़ा। विशेषज्ञों का कहना है कि डॉलर की बढ़ती कीमतों के बीच घबराहट में रुपये की बिकवाली के चलते रुपया नए निचले स्तर पर आ गया है।

वहीं, एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा है कि डॉलर के बाहर जाने, चीन की मुद्रा में कमजोरी और मासिक अनुबंधों की समाप्ति से पहले कारोबारियों द्वारा अपने सौदे पूरा करने से रुपये का कमजोर हो रहा है। अन्य एशियाई मुद्राओं में भी कमजारी रही। यूरोप और ब्रिटेन के निराशाजनक आर्थिक आंकड़ों ने डॉलर सूचकांक को मजबूती दी, जिससे रुपये पर भी असर पड़ा।

वहीं, रेटिंग एजेंसी फिच ने बुधवार को कहा कि अमेरिका में मौद्रिक नीति मामले में सख्ती बरतने और वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति बढ़ने से जुड़े जोखिमों का सामना करने के लिए भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद है। इसके साथ ही फिच रेटिंग्स ने कहा कि बाह्य दबावों से भारत की साख को लेकर जोखिम सीमित ही है।

फिच ने कहा, “ऐसा लगता है कि अमेरिका में तेजी से मौद्रिक सख्ती किए जाने और वैश्विक स्तर पर जिंसों के बढ़ते दामों से जुड़े जोखिमों से निपटने के लिए भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। एजेंसी ने कहा कि उसे विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत बने रहने की उम्मीद है और भारत का चालू खाते के घाटे (सीएडी) को एक उपयुक्त स्तर पर थामा जा सकेगा और चालू वित्त वर्ष में यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.4 फीसदी तक पहुंच जाएगा जो कि पिछले वित्त वर्ष में 1.2 फीसदी था।“

फिच ने कहा कि सार्वजनिक वित्त की स्थिति रेटिंग के लिए प्रमुख घटक बना हुआ है और भारत बाह्य वित्तपोषण पर सीमित निर्भरता की वजह से वैश्विक उतार-चढ़ाव से सापेक्षिक तौर पर बचा हुआ है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल के नौ महीनों में करीब 100 अरब डॉलर तक घट चुका है। हालांकि अब भी इसका आकार करीब 533 अरब डॉलर है। विदेशी मुद्रा भंडार में आई यह बड़ी गिरावट बढ़ते सीएडी और डॉलर के मुकाबले रुपये को संभालने के लिए रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप को दर्शाती है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार अब भी 8.9 महीनों के आयात व्यय के लिए पर्याप्त है और किसी भी बाहरी संकट का का सामना करने की क्षमता देता है। फिच ने कहा, “इस बड़े विदेशी मुद्रा भंडार से कर्ज पुनर्गठन क्षमता को आश्वासन मिलता है। इसके अलावा अल्पकालिक बाह्य बकाया ऋण भी कुल भंडार का सिर्फ 24 फीसदी ही है।“

General Desk

Recent Posts

भ्रष्टाचार मिटाने की बात करने वाले आपदा वालों ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ेः नड्डा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने AAP पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि…

7 minutes ago

Mahakumbh : प्रयागराज में संगम की रेती पर आला अफसरों का कल्पवास, डीएम जैसे अधिकारी भी कर रहे हैं नियमों का पाल

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम की रेती पर कई आला अफसर कल्पवास कर रहे हैं। इनमें डीएम से…

12 hours ago

क्या है दंडी परम्परा, जिसे धारण करने वाले ही बनते

प्रयागराज: आपने सुदर्शन दंड, नारायण दंड समेत पांच दंड के बारे में सुना होगा, जिसे  दंडी संन्यासी धारण करते हैं।…

12 hours ago

धामी ने दिल्ली को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए लोगों से की बीजेपी को वोट देने की अपील

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्लीवासियों के राष्ट्रीय राजधानी को नई ऊंचाई पर…

24 hours ago

झूठ गढ़ने के मशीन हैं अरविंद केजरीवालः सचदेवा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल को झूठ गढ़ने का मशीन करार…

24 hours ago

AAP वाले हार से इतने डरे हुए हैं कि इन्हें रोज नई-नई घोषणाएं करनी पड़ रही हैंः मोदी

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः पीएम नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली में सत्तारूढ़ AAP पर लोकपाल के गठन जैसे…

1 day ago