संवाददाता-नरेन्द्र कुमार वर्मा
दिल्लीः भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा दिल्ली के विशाल मैदान में आयोजित दो दिवसीय किसान सम्मान सम्मेलन में देशभर से 2 हजार से ज्यादा कृषि स्टार्ट-अप कारोबारियों ने हिस्सा लिया। दो दिवसीय किसान सम्मान सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के बैंक खातों में 16 हजार करोड़ रुपये की किसान सम्मान निधि का हस्तानांतरण भी किया। सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले किसानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के किसान कृषि में विज्ञान और टेक्नोलॉजी का बेहतरीन इस्तेमाल कर रहे हैं। यह सब कृषि क्षेत्र के स्टार्ट-अप कारोबारियों के कारण संभव हो पाया।
उन्होंने कहा कि 2014 में देश में जहां केवल 23 कृषि आधारित स्टार्ट-अप थे जिनकी संख्या आज 2 हजार से ज्यादा हो चुकी है। सम्मेलन में देशभर से आए स्टार्टअप और नवोम्मेषी उत्पादनों को भी प्रधानमंत्री ने सराहा। कृषि स्टार्ट-अप प्रदर्शनी को देखने के बाद प्रधानमंत्री ने नया नारा देते हुए कहा कि जय जवान, जया किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान के माध्यम से हमारे नौजवान कृषि के क्षेत्र में जो अनुसंधान कर रहे है उनसे देश के लाखों किसानों को फायदा पहुंच रहा है।
देश के किसानों को अब उर्वरक के तौर पर एक ही ब्रांड का उर्वरक मिलेगा जिससे किसानों में भ्रम की स्थिति खत्म होगी। भारत ब्रांड के नाम से अब देशभर में यरिया, एनपीके, पोटाश,एमओपी और डीएपी किसानों को उपलब्ध होगा। दो दिवसीय किसान सम्मेलन में हिस्सा लेने वालों का हौसला बढ़ाते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र के स्टार्टअप न केवल किसानों की आमदनी में बढोत्तरी कर रहे है बल्कि लाखों लोगों को रोगजार प्रदान कर रह हैं। किसान सम्मान सम्मेलन में देशभर के सभी कृषि विश्वविद्यालयों, 600 प्रधानमंत्री किसान केंद्रों, 50 हजार प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों. 732 कृषि विज्ञान केंद्रो, 75 आईसीएआर संस्थानों सहित 2 लाख सामुदायिक सेवा केंद्रों ने भी वर्चुवल माध्यम से हिस्सा लिया।
इस मौके पर किसानों को समर्पित किए गए किसान समृध्दि केंद्रों के माध्यम से किसानों को बीज, उर्वरक, कृषि उपकरण, मिट्टी का परीक्षण, ऋण की सुविधा और फसलों के विक्रय की भी जानकारी किसानों को उपलब्ध होगी। देशभर में ब्लॉक स्तर पर जल्दी ही पीएमकेएसके की मॉडल दुकाने दिखाई देने लगेगी। सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने किसानों से खाद्य तेल के उत्पादन में वृध्दि करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के किसानों ने हमेशा कृषि चुनौतियों को पार करते हुए उत्पादन के भंडार भरने का काम किया है। आने वाले दिनों में देश के किसान खाद्य तेल के क्षेत्र में भी देश का आत्म निर्भर बनाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि खाद्य के क्षेत्र में हमारा आयात जितना कम होगा देश उतना मजबूत बनेगा। किसानों के इस सम्मेलन में देशभर से 13 हजार से ज्यादा किसानों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। सम्मेलन में कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडावियाकृषि एवं किसान कल्याण राजमंत्री शोभा कारंदलजे एवं कैलाश चौधरी और रसायन एवं उर्वरक राजमंत्री भगवंत खुबा सहित कृषि वैज्ञानिकों ने भी हिस्सा लिया।
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