दिल्लीः आज दो प्रसिद्ध हस्तियों का जन्मदिन है। पहला लोकनायक जयप्रकाश नारायण और दूसरा सदी के महानायक अमिताभ बच्चन। आपको बता दें कि दोनों ने अपनी-अपनी विधा में अलग पहचान कायम की है।
जयप्रकाश नारायण यानी जेपी का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार में सारन के सिताबदियारा में हुआ था। पटना से शुरुआती पढ़ाई के बाद अमेरिका में पढ़ाई की। 1929 में स्वदेश लौटे और स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय हुए। तब वे मार्क्सवादी होते थे। सशस्त्र क्रांति से अंग्रेजों को भगाना चाहते थे। हालांकि, महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू से मिलने के बाद उनका नजरिया बदला।
जेपी नेहरू की सलाह पर कांग्रेस से जुड़े। लेकिन, आजादी के बाद वे आचार्य विनोबा भावे के सर्वोदय आंदोलन से जुड़ गए। ग्रामीण भारत में आंदोलन को आगे बढ़ाया और भूदान को सपोर्ट किया। जेपी ने 1950 के दशक में राज्य व्यवस्था की पुनर्रचना नाम से किताब लिखी। इसके बाद ही नेहरू ने मेहता आयोग बनाया और विकेंद्रीकरण पर काम किया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जेपी ने कभी सत्ता का मोह नहीं पाला। नेहरू चाहते थे, लेकिन कैबिनेट से जेपी दूर ही रहे।
1975 में निचली अदालत में इंदिरा गांधी पर चुनावों में भ्रष्टाचार का आरोप सही साबित हुआ, तो जेपी ने उनसे इस्तीफा मांगा। उन्होंने इंदिरा गांधी के खिलाफ एक आंदोलन खड़ा किया, जिसे जेपी आंदोलन भी कहते हैं। उन्होंने इसे संपूर्ण क्रांति नाम दिया था। इससे घबरा कर इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी और जेपी के साथ ही अन्य विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
जेपी की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में एक लाख से अधिक लोगों ने हुंकार भरी थी। उस समय रामधारी सिंह “दिनकर” ने कहा था “सिंहासन खाली करो कि जनता आती है। जनवरी-1977 में इमरजेंसी हटी। लोकनायक के “संपूर्ण क्रांति आंदोलन” के चलते देश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी। जेपी को 1999 में भारत सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया।
नासा के स्पेस शटल प्रोग्राम का 100वां मिशनः नासा के इस प्रोग्राम को स्पेस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम या एसटीएस के तौर पर भी जाना जाता है। यह दुनिया का पहला प्रोग्राम था, जिसमें लोगों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए दोबारा इस्तेमाल होने वाले स्पेसक्राफ्ट शामिल किया। स्पेस शटल बेड़े की पहली फ्लाइट ने 12 अप्रैल 1981 को उड़ान भरी है। इसमें कोलंबिया, चैलेंजर, डिस्कवरी, एटलांटिस और एंडीवर शामिल थे। 100वीं फ्लाइट डिस्कवरी की थी और इस मिशन को STS-92 दिया गया था। 30वीं बार डिस्कवरी को अंतरिक्ष भेजा गया था। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 11 अक्टूबर को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर…
1521: पोप लियो दशम ने इंग्लैंड के राजा हेनरी अष्टम को ‘आस्था के रक्षक’ की उपाधि दी।
1737: कलकत्ता (अब कोलकाता) में आए चक्रवाती तूफान में करीब तीन लाख लोगों की मौत हो गयी।
1869ः अमेरिकी नागरिक थॉमस एडीसन ने अपने पहले आविष्कार पर एक पेटेंट के लिए आवेदन किया। इस इलेक्ट्रिक मशीन का इस्तेमाल वोटों की गिनती के लिए किया गया था।
1881ः अमेरिकी आविष्कारक डेविड हेंडरसन हॉस्टन ने कैमरों के पहले रोल फिल्म का पेटेंट कराया।
1902: लोकनायक के नाम से प्रसिद्ध राजनेता और स्वतंत्रता सेनानी जयप्रकाश नारायण का जन्म।
1911: स्वामी विवेकानन्द की सहयोगी एवं समाज सेविका सिस्टर निवेदित का निधन।
1916ः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे समाज सेवी नानाजी देशमुख का जन्म।
1930: जवाहरलाल नेहरू को नैनी सेंट्रल जेल से रिहा किया गया।
1932: पहली बार राजनीतिक कार्यक्रम का प्रसारण सीबीएस ने न्यूयॉर्क में किया।
1932ः न्यूयॉर्क में राजनीतिक अभियान के लिए पहला प्रसारण किया गया।
1939ः अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने अल्बर्ट आइंस्टीन को पत्र लिखकर अमेरिका के परमाणु कार्यक्रम को तेजी से विकसित करने का आग्रह किया।
1942ः फिल्म एक्टर अमिताभ बच्चन का जन्म।
1968ः अमेरिका का पहला मानवयुक्त ओपोलो मिशन ‘अपोलो 7’ के प्रक्षेपण का कक्षा से पहली बार टेलीविजन प्रसारण किया गया।
1984ः अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक कैथरीन डी सुलिवन अंतरिक्ष में सैर करने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनी। वह अंतरिक्ष शटल चैलेंजर पर सवार थीं।
1994ः अमेरिका में कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में समलैंगिक विरोधी अधिकारों को असंवैधानिक घोषित कर दिया।
2000ः दक्षिण अफ़्रीकी क्रिकेट बोर्ड द्वारा हैन्सी क्रोन्ये पर आजीवन प्रतिबंध।
2001ः त्रिनिदाद में जन्में भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक विद्याधर सूरज प्रसाद नॉयपाल को वर्ष 2001 के नोबेल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा।
2002ः नेपाल नरेश ज्ञानेन्द्र ने लोकेन्द्र बहादुर को प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
2005ः तीसरे अंतरिक्ष पर्यटक ग्रेगोरी ओल्सन पृथ्वी पर लौटे।
2007ः ब्रिटेन के उपन्यासकार डोरिस लैसिंग को वर्ष 2007 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया।
2008ः तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नौगांव स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर कश्मीर की घाटी में चलने वाली पहली रेलगाड़ी को रवाना किया।