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शिक्षा

आज का इतिहासः 10वें एवं अंतिम सिख गुरु गुरु गोविंद सिंह का आज है शहीदी दिवस, खालसा पंथ की स्थापना की, दिए ‘5 ककार’

दिल्लीः आज सिखों के 10वें एवं अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी का शहीदी दिवस है। गुरु गोविंद सिंह ऐसे वीर संत थे, जिनकी मिसाल दुनिया के इतिहास में कम ही मिलती है। उन्होंने मुगलों के जुल्म के सामने कभी भी घुटने नहीं टेके और खालसा पंथ की स्थापना की। 07 अक्टूबर 1708 को वे मुगलों के साथ लड़ाई में शहीद हुए।

वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह जैसे वाक्य गुरु गोविंद सिंह की वीरता को बयां करते हैं। आपको बता दें कि 15वीं सदी में गुरु नानक ने सिख पंथ की स्थापना की। गोविंद सिंह जी के पिता गुरु तेग बहादुर भी इस पंथ के गुरु थे।

गुरु गोविंद सिंह की शिक्षाएं

  • धरम दी किरत करनी, दसवंड देना यानी अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दें।
  • कम करन विच दरीदार नहीं करना यानी काम में खूब मेहनत करें और कोताही न बरतें।
  • धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना यानी अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर घमंडी होने से बचें।
  • गुरुबानी कंठ करनी: गुरुबानी को कंठस्थ करें।

गुरु गोविंद सिंह ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। आनंदपुर साहिब में वैशाखी के अवसर पर एक धर्मसभा के दौरान उन्होंने पंच प्यारों को चुना। उनके ही निर्देश पर सिखों के लिए खालसा पंथ के प्रतीक के तौर पर 5 ककार यानी केश, कंघा, कृपाण, कच्छ और कड़ा अनिवार्य हुआ।

अफगानिस्तान में युद्धः तालिबान ने 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को हैंडओवर करने से मना कर दिया तो अमेरिकी और ब्रिटिश सेनाओं ने 7 अक्टूबर 2001 को अफगानिस्तान में अल-कायदा और तालिबान ठिकानों को निशाना बनाया।

इसी के साथ अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक शुरू हुई और इस मिशन को नाम दिया गया- ऑपरेशन एंड्यूरिंग फ्रीडम। ये हमले ग्लोबल वॉर ऑन टेरर का हिस्सा थे।

चांद के अंधेरे हिस्से की पहली झलकः सोवियत संघ का स्पेसक्राफ्ट लूना 3 ने पहली बार चांद के दूर वाले हिस्से की तस्वीर 7 अक्टूबर 1959 को ली थी। इन तस्वीरों की मदद से ही एस्ट्रोनॉमर्स चांद के अंधेरे वाले हिस्से का एटलस बना सके थे।

यह तस्वीरें उन हिस्सों की हैं, जो पृथ्वी से नहीं दिखते। चांद का मूवमेंट कुछ इस तरह का है कि अलग-अलग समय में भी पृथ्वी से सिर्फ 59 फीसदी हिस्सा ही दिखता है। आइए एक नजर डालते हैं 07 अक्टूबर को देश और दुनिया में घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1586- मुगल सेना ने कश्मीर में प्रवेश किया।
1708- सिक्खों के गुरु गोविंद सिंह का निधन।
1714- नीदरलैंड्स के अल्कमार में बीयर पर टैक्स लगने के कारण लोगों ने दंगा किया।
1780- अमेरिकी मिलिशिया ने ब्रिटिश सेना को किंग्स माउंटेन, दक्षिण कैरोलिना के पास हराया।
1840- विलेम द्वितीय नीदरलैंड का राजा बना।
1868- अमेरिका में कोर्नोल विश्वविद्यालय खुला।
1886- स्पेन ने क्यूबा की गुलामी खत्म की।
1914- प्रसिद्ध ग़ज़ल और ठुमरी गायिका बेगम अख़्तर का जन्म।
1916- सिडनी के तारोंगा शहर में एक चिड़ियाघर बनाया गया, जिसमें जानवरों के लिए कोई पिंजरा नहीं था।

1919- गांधीजी की ‘नवजीवन’ पत्रिका प्रकाशित हुई।
1922- स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बली राम भगत का जन्म।
1942- अमेरिका और ब्रिटिश सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की घोषणा की।
1949- पूर्वी जर्मनी एक अलग देश बना।
1950- मदर टेरेसा ने कलकत्ता में मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी की स्थापना की थी।
1952- रूस के वर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का जन्म हुआ।
1952- चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी बना।
1959- सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान लूनर-3 ने चंद्रमा के छिपे हिस्से की तस्वीर ली ।
1977- सोवियत संघ ने चौथे संविधान को अंगीकार किया।
1978- प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी जहीर खान का जन्म ।
1979- भारतीय मॉडल, अभिनेत्री एवं मिस वर्ल्ड युक्ता मुखी का जन्म।
1987- सिख राष्ट्रवादियों ने भारत से खालिस्तान की स्वतंत्रता की घोषणा की।
1992- भारत में रैपिड एक्शन फोर्स की स्थापना की गई। इसका गठन सांप्रदायिक दंगों से सहानुभूति के साथ निपटने के लिए एक एक्सपर्टाइज फोर्स के तौर पर हुआ।
1997- सूर्य बहादुर थापा ने नेपाल के प्रधानमंत्री की शपथ ग्रहण की
2000- डब्ल्यूडब्ल्यूएफ – इंडिया ने पहला राजीव गांधी वन्यजीव संरक्षण पुरस्कार आज हासिल किया।
2000- जापान में मानव क्लोनिंग दंडनीय अपराध घोषित किया।
2008- टाटा के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि नैनो प्रोजेक्ट के लिए कंपनी ने गुजरात में 1,100 एकड़ जमीन हासिल कर ली है।
2009- भारतवंशी वेंकटरमन रामाकृष्णन, याले प्रोफेसर थॉमस स्टेट्ज और इजराइली अदा योनाथ को रसायन का नोबेल देने की घोषणा हुई।
2011- लाइबेरिया की राष्ट्रपति एलेन जानसन सरलीफ और शांति तथा महिला अधिकार कार्यकर्ता लीमेह जीबोई तथा यमन की तवाकुल करमान को शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा।

General Desk

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