दिल्लीः कांग्रेस नेता उदित राज विवादों में फंस गए हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने राष्ट्रपति पर विवादित बयान देने वाले कांग्रेस नेता उदित राज को गुरुवार को नोटिस दिया है। आपको बता दें कि उदित राज ने अपने बयान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चमचा कहा था। इससे पहले भी उदित राज अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं।
आपको बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात दौरे पर कहा था कि गुजरात में बना नमक सभी भारतीय खाते हैं। इसी पर उदित राज ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागीरी की भी हद है। कहती हैं 70 फीसदी लोग गुजरात का नमक खाते हैं। खुद नमक खाकर जिंदगी जिएं तो पता लगेगा।
इसके बाद बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने उदित राज के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि जैसे शब्द उदित राज ने राष्ट्रपति जी के लिए प्रयोग किए हैं, वह चिंताजनक है। हालांकि, पहली बार कांग्रेस ने इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग राष्ट्रपति जी के लिए नहीं किया है। इससे पहले अधीर रंजन चौधरी जी ने भी किया था।’
उदित राज को NCW ने नोटिस जारी कर सफाई मांगी। इसके बाद उदित राज ने जवाब दिया कि द्रौपदी मुर्मू जी से कोई दुबे, तिवारी, अग्रवाल, गोयल, राजपूत मेरे जैसा सवाल करता तो पद की गरिमा गिरती। हम दलित-आदिवासी आलोचना करेंगे और इनके लिए लड़ेंगे भी। हमारे प्रतिनिधि बनकर जाते हैं। फिर गूंगे-बहरे बन जाते हैं।
आपको बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू ने 4 अक्टूबर को गांधीनगर में एक कार्यक्रम में कहा कि देश में 76 प्रतिशत नमक का उत्पादन गुजरात करता है और यह कहा जा सकता है कि राज्य द्वारा उत्पादित नमक सभी भारतीयों द्वारा खाया जाता है। उन्होंने इस दौरान गुजरात मॉडल की भी तारीफ की। मुर्मू ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी गुजरात की प्रगतिशील एवं समावेशी संस्कृति के आदर्श प्रतिनिधि हैं।
अब आइए एक नजर डालते हैं कांग्रेस नेता उदित राज के विवादित बयान पर…
- 15 अक्टूबर 2020 को उदित राज ने इलाहाबाद में कुंभ को लेकर सवाल उठाए थे। राज ने लिखा था कि सरकार का कोई धर्म नहीं होता है। इसके बावजूद भाजपा सरकार कुंभ में 4200 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। विवाद बढ़ने पर उन्होंने बयान को निजी बताया था।
- पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के बाद 8 जनवरी 2022 को उदित राज ने एक ट्वीट किया था। राज ने लिखा था कि पीएम मोदी की सुरक्षा की नौटंकी की आड़ में पाखंडियों का झाड़-फूंक और पूजा-पाठ की दुकान चल पड़ी।