तेहरानः हिजाब के खिलाफ ईरान में 17वें दिन भी प्रदर्शन हो रहा है। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस चीफ की हत्या कर दी है। मारे गए अधिकारी का नाम कर्नल अब्दल्लाही है। आपको बता दें कि पुलिस कुर्दिस्तान के मारिवान में उन्हीं के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही थी।

ईरान के विभिन्न क्षेत्रों में हिजाब के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान रविवार तक 133 लोग मारे जा चुके हैं। यहां पर मॉरल पुलिस की कस्टडी में कुर्द मूल की लड़की महसा अमीनी की मौत के बाद 16 सितंबर से हिजाब और सरकार के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।

ईरान में मानवाधिकार के लिए काम कर रहे लोगों ने आशंका जताई है कि पुलिस चीफ की मौत के बाद ईरानी सेना IRGC (ईरान रिवोल्यूशनरी गॉर्ड कोर) नरसंहार शुरू कर सकती है। मानवाधिकार समूह हेंगाव ने बताया है कि सभी कुर्द बहुल शहरों को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है। लोगों पर एके-47 और शॉटगन्स से गोलियां चलाई जा रही हैं।

वहीं, नॉर्वे स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स समूह के मुताबिक, प्रदर्शनों में 133 प्रदर्शनकारियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मरने वालों की असल संख्या इससे ज्यादा हो सकती है। जैसे-जैसे मरने वालों की संख्या बढ़ रही है, प्रदर्शनकारियों का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है।

स्थानीय मीडिया मीडिया समूहों का कहना है कि अब तक IRGC ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल नहीं किया है। अगर ऐसा होता है तो कहीं ज्यादा लोग मारे जाएंगे।

ईरान की राजधानी तेहरान और अन्य शहरों में रविवार देर रात तक प्रदर्शन जारी रहे। सभी प्रमुख यूनिवर्सिटी में भी विरोध जारी रहा। ईरान की यूनिवर्सिटी में सत्ता समर्थक छात्रों के समूह भी हैं। ये भी प्रदर्शनकारी छात्रों से भिड़ रहे हैं।

तेहरान की यूनिवर्सिटी को भारी सुरक्षाबलों ने घेर लिया। मानवाधिकार समूह फराशगार्द फाउंडेशन के मुताबिक, तेहरान की शरीफ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (आर्यामहर यूनिवर्सिटी) में छात्रों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई। सुरक्षाबलों ने छात्रों पर गोलीबारी भी की है। इस घटना में मरने वाले या घायल होने वाले लोगों की संख्या अभी तक पता नहीं चल सकी है।

आपको बता दें कि सिस्तान और बलोचिस्तान प्रांत की राजधानी जाहेदान में IRGC के टॉप अफसर की बलोच प्रदर्शनकारियों ने हत्या कर दी थी। बलोच प्रदर्शनकारी एक 15 साल की सुन्नी मुस्लिम बलोच लड़की के बलात्कार का विरोध कर रहे थे। जाहेदान के पुलिस चीफ पर रेप के आरोप लगे हैं।

ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक, जाहेदान में सुरक्षाबलों पर हमले में 19 पुलिसकर्मी मारे गए थे। इनमे सिस्तान-बलोचिस्तान के इंटेलिजेंस चीफ भी शामिल थे।

सुरक्षाबलों के दमन और हिंसक कार्रवाई के बावजूद ईरानी शहरों में भारी तादाद में प्रदर्शनकारी सड़कों पर निकल रहे हैं। सौ से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत के बावजूद प्रदर्शनकारी बेखौफ हैं और ईरानी पुलिस और सैन्यबलों का सामना कर रहे हैं।

ईरान पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का कहना है कि ये युवा पीढ़ी बेखौफ है और पारंपरिक धार्मिक रूढ़िवादी विचारधारा से मुक्त हैं। प्रदर्शनों के दौरान युवा धार्मिक और सामाजिक प्रतिबंधों का खुलकर उल्लंघन कर रहे हैं। युवा लड़कियों और महिलाओं ने हिजाब उतार दिया और अपने बाल तक काट दिए हैं। ये चलन बढ़ता ही जा रहा है। कई शहरों में प्रदर्शनकारी युवतियां अपने हिजाब जलाकर विरोध जता रही हैं।

प्रदर्शन बढ़ने की वजहः कुर्द इलाकों में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन शुरू होने के बाद ईरानी सुरक्षा बलों ने कुर्द शरणार्थियों के कैंप पर भी हमले किए हैं। इसके अलावा IRGC ने कुर्दिस्तान क्षेत्र में विपक्षी दलों को भी निशाना बनाया है। IRGC के हमलों के बाद कुर्दिस्तान में विपक्षी दलों ने भी लोगों से प्रदर्शनों में शामिल करने की अपील कर दी है।

इस अपील के बाद अधिकतर कुर्द बहुल शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए और हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन और ताकतवर हो गए। जैसे-जैसे प्रदर्शनकारियों की तादाद बढ़ रही है, वैसे ही प्रदर्शनकारियों पर IRGC के हमले भी बढ़ते जा रहे हैं। इससे पूरे कुर्दिस्तान क्षेत्र में तनाव फैल गया है। इस क्षेत्र में ईरान विरोधी भावना पहले से ही है, जिसे भी अब और हवा मिल रही है।

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