दिल्लीः कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को एक नए विवाद को जन्म दे दिया। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे थरूर के चुनावी घोषणा पत्र पेज नंबर दो पर छपे भारत के नक्शे से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का कुछ हिस्सा गायब दिखा। विवाद बढ़ने पर थरूर ने अपने ट्विटर अकाउंट से विवादित नक्शे वाली पोस्ट हटा दी है। उन्होंने गलति सुधारते हुए संशोधित घोषणा पत्र ट्वीट किया और अपनी गलती के लिए माफी मांग ली।

सांसद शशि थरूर के घोषणा पत्र के जिस पेज पर विवादित नक्शा छपा है, उस पर उन्होंने लिखा है कि हर पार्टी को सिर्फ टॉप पर नहीं, बल्कि सभी लेवल पर नेतृत्व की जरूरत होती है। राज्यों में कांग्रेस को सशक्त बनाने के लिए पीसीसी (PCC) अध्यक्षों को वास्तविक अधिकार मिलने चाहिए। इससे पार्टी के जमीनी वर्कर्स सही मायने में सशक्त बनेंगे। हमें भाजपा के पार्टी और शासन के मामलों में सत्ता के सेंट्रलाइजेशन के लिए एक विश्वसनीय विकल्प प्रदान करना चाहिए। राज्य, जिला, ब्लॉक देना और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने से न केवल नए नेता को अत्यधिक प्रशासन के भारी बोझ से मुक्ति मिलेगी, बल्कि मजबूत राज्य नेतृत्व बनाने में भी मदद होगी।

शशि थरूर अपनी गलती के लिए माफी मांगते हुए ट्वीट किया कि घोषणापत्र के नक्शे पर ट्रोल तूफान आया है। ऐसी चीजें कोई भी जानबूझकर नहीं करता है। वॉलेंटियर्स की एक छोटी टीम ने गलती की। हमने इसे तुरंत ठीक कर दिया और गलती के लिए मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं।

आपको बता दें कि कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को तीन लोगों ने  नामांकन दाखिल किया। पहला नामांकन शशि थरूर, दूसरा नामांकन झारखंड के कांग्रेस लीडर केएन त्रिपाठी और तीसरा नॉमिनेशन मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया। इसके साथ ही तय हो गया है कि अगला अध्यक्ष गैर-गांधी ही होगा।

आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में खड़गे का पलड़ा भारी लग रहा है क्योंकि थरूर और त्रिपाठी के प्रस्तावकों में इक्का-दुक्का लीडर्स थे, लेकिन गांधी फैमिली की च्वॉइस बताए जा रहे मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावकों की लिस्ट में 30 बड़े नेताओं के नाम हैं। इनमें जी-23 के बड़े चेहरे आनंद शर्मा और मनीष तिवारी भी शामिल हैं। खड़गे के साथ नेताओं के हुजूम की तस्वीर यह साफ कर रही है कि नॉमिनेशन ही नतीजे हैं।

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