दिल्लीः अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे या फिर सत्ता की कमान सचिन पायलट के हाथों में चली जाएगी, इसका फैसला एक-दो दिन में हो जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गुरुवार शाम कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया को बताया कि एक बार फिर ऑब्जर्वर जयपुर जाएंगे। विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि गहलोत सीएम रहेंगे या नहीं।
इधर, पार्टी नेता सचिन पायलट गुरुवार रात करीब 8 बजे सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे। इस दौरान वेणुगोपाल भी वहां मौजूद रहे। करीब एक घंटे चली बैठक के बाद सचिन पायलट ने मीडिया को बताया कि राजस्थान स्थिति को लेकर पार्टी आलाकमान से विस्तार से चर्चा हुई। हमारा मकसद है कि हम अगली बार भी राजस्थान में सरकार बनाएं। सब कुछ ठीक कर लिया जाएगा। सोनिया गांधी ने बड़ी ही शांति से मेरी बात सुनी। जयपुर में जो कुछ हुआ, उस पर विस्तार से बात हुई। मैंने अपनी भावनाएं जाहिर कर दी हैं। जो भी निर्णय होगा, वह पार्टी लेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 30 साल से राजस्थान में सरकार बनाने का पांच-पांच साल की परिपाटी बनी है। 2023 में सरकार कैसे रिपीट हो, उस उद्देश्य से काम करना है। इस पर विस्तार से चर्चा की गई। फिर से राजस्थान में सरकार बनाना हमारी प्राथमिकता है। हमें साथ काम करना होगा। हालांकि उन्होंने राजस्थान का सीएम कौन होगा, इस सवाल का जवाब नहीं दिया।
वहीं राजस्थान में बयानबाजी करने वाले नेताओं के लिए वेणुगोपाल ने एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में पार्टी नेताओं को बयानबाजी से बचने की नसीहत दी है। साथ ही इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोनिया गांधी से करीब दो घंटे की मुलाकात हुई। मीटिंग के बाद गहलोत ने साफ कर दिया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठकर मैंने बात की है। मैंने हमेशा वफादार सिपाही के रूप में काम किया है। विधायक दल की बैठक के दिन हुई घटना ने सबको हिलाकर रख दिया। ऐसा लगा जैसे कि मैं मुख्यमंत्री बना रहना चाहता हूं, इसलिए मैंने उनसे माफी मांगी है।