दिल्ली: गैर-कानूनी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सरकार ने यूएपीए (UAPA) 1967 यानी विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 के तहत पीएफआई पर पांच साल के लिए पाबंदी लगा दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी गजट नोटिफिकेशन में पीएफआई को गैर-कानूनी संस्था घोषित कर दिया गया है। इसका सीधा सा मतलब है कि अब पीएफआई ना कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकता है, न तो उसका कोई दफ्तर होगा, न वो कोई सदस्यता अभियान चला सकता है और न ही फंडिंग ले सकता है। यानी वह किसी प्रकार की गतिवधि को अंजाम नहीं दे सकता है।
आपको बता दें कि अब तक के सबसे बड़े अभियान में पीएफआई के खिलाफ दो बार देशव्यापी छापेमारी हो चुकी है। इन छापेमारियों में संगठन के बड़े-बड़े नेता गिरफ्तार किए गए हैं। देश के 8 राज्यों में मंगलवार को भी पीएफआई के करीब 25 ठिकानों पर छापे पड़े थे और 170 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था।
सरकार ने नोटिफिकेश में क्या दी है दलील-
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