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आज से शारदीय नवरात्रि शुरू, कलश स्थापना, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, क्या करें और क्या न करें, जानिए सबकुछ - Prakhar Prahari
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आज से शारदीय नवरात्रि शुरू, कलश स्थापना, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, क्या करें और क्या न करें, जानिए सबकुछ

दिल्लीः शारदीय नवरात्रि आज से शुरू हो गई है और 4 अक्टूबर तक रहेगी। इस बार कलश स्थापना के लिए 3 शुभ मुहूर्त हैं। इस बार चित्रा नक्षत्र और वैधृति नाम का अशुभ योग भी नहीं होने से स्थापना के लिए ज्यादा समय मिलेगा।

26 सितंबर को केदार, भद्र, हंस, गजकेसरी, शंख और पर्वत नाम के शुभ योग बन रहे हैं। इन 6 राजयोग में नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। सूर्य, बुध, गुरु और शनि से बनने वाले इन शुभ योगों में कलश स्थापना होना शुभ संकेत हैं।

इस बार नवरात्रि में कोई भी तिथि नहीं घट रही है। इसलिए ये पर्व पूरे नौ दिनों का रहेगा। इनमें खास तिथियां जैसे दुर्गाष्टमी 3 अक्टूबर, महानवमी 4 अक्टूबर और दशहरा 5 अक्टूबर को मनेगा।

इस शक्ति पर्व के दौरान तिथि, वार, नक्षत्र और ग्रहों से मिलकर दो सर्वार्थसिद्धि, एक द्विपुष्कर और तीन रवियोग बनेंगे। इन दिनों खरीदारी के लिए 8 शुभ मुहूर्त रहेंगे। इनमें प्रॉपर्टी में निवेश के लिए दो और वाहन खरीदारी के लिए तीन दिन शुभ होंगे।

प्रतिपदा तिथि तथा घटस्थापना मुहूर्त-

शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की शुरुआत 26 सितंबर को सुबह 03 बजकर 24 मिनट से हो रही है और 27 सितंबर सुबह 03 बजकर 08 मिनट तक रहेगी। शारदीय नवरात्रि 2022 घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 26 सितंबर को सुबह 06 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर सुबह 10 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।

पूजा-विधि

  • सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
  • धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
  • मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट

  • लाल चुनरी
  • लाल वस्त्र
  • मौली
  • श्रृंगार का सामान
  • दीपक
  • घी/ तेल
  • धूप
  • नारियल
  • साफ चावल
  • कुमकुम
  • फूल
  • देवी की प्रतिमा या फोटो
  • पान
  • सुपारी
  • लौंग
  • इलायची
  • बताशे या मिसरी
  • कपूर
  • फल-मिठाई
  • कलावा

 

नवरात्रि पर क्या करें

  • नवरात्रि पर नौ दिनों तक रखें उपवास
  • नौ दिनों तक देवी दुर्गा की विशेष पूजा और श्रृंगार करें
  • नवरात्रि पर हर रोज जाएं मंदिर
  • देवी मां को प्रतिदिन करें जल अर्पित
  • नवरात्रि पर अखंड ज्योति जरूर जलाएं
  • अष्टमी-नवमी तिथि पर विशेष पूजा और कन्या पूजन करें
  • ब्रह्राचर्य का पालन करेंनवरात्रि पर क्या न करें
  • नवरात्रि पर घर में सात्विक भोजन ही बनाना चाहिए। घर के सदस्य अगर नौ दिनों तक व्रत नहीं रखे हुए हैं तो भी नौ दिनों तक भोजन में छौंक का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • नवरात्रि पर खाने में मांसाहार, लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
    नवरात्रि के दिनों में अगर आपने घर में कलश स्थापना किया हुआ है तो घर को खाली छोड़कर नहीं जाना चाहिए।
  • नवरात्रि पर दाढ़ी,नाखून और बाल नहीं कटवाना चाहिए।
    नवरात्रि पर बेवजह किसी वाद-विवाद में नहीं पड़ना चाहिए।

शारदीय नवरात्रि 2022  

26 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 1 प्रतिपदा मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना
27 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 2 द्वितीया मां ब्रह्मचारिणी पूजा
28 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 3 तृतीया मां चंद्रघंटा पूजा

 

29 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 4 चतुर्थी मां कुष्मांडा पूजा

 

30 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 5 पंचमी मां स्कंदमाता पूजा
01 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 6 षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
02 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 7 सप्तमी मां कालरात्रि पूजा
03 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 8 अष्टमी मां महागौरी दुर्गा महा अष्टमी पूजा

 

04 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 9 नवमी मां सिद्धिदात्री दुर्गा महा नवमी पूजा
05 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 10 दशमी नवरात्रि दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी

 

 

मां दुर्गा की आराधना के लिए नवरात्रि पर 9 दिनों तक अखंड ज्योति प्रज्जवलित करने का विधान है। ऐसे में अखंड ज्योति को कभी सीधे जमीन पर न रखें। अखंड ज्योतिष को हमेशा लकड़ी की चौकी पर ही रखें।

  • अखंड ज्योति के नीचे अष्टदर बनाकर रखें।
  • अखंड ज्योति की स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गंदे या झूठे हाथ से कभी भी नहीं छूना चाहिए।
  • अखंड ज्योति को कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। घर पर कोई न कोई सदस्य जरूर मौजूद होना चाहिए।
  • अखंड ज्योति को हमेशा शुद्ध देसी घी से प्रज्जवलित करना चाहिए।
    अखंड ज्योति कभी भी बुझनी चाहिए।
  • अखंड ज्योति को शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्रो के जाप के साथ जलना चाहिए।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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