देहरादूनः उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर लोगों में आक्रोश है। अंकिता का शव शनिवार सुबह नहर से मिला, जिसका ऋषिकेश एम्स (AIIMS) में पोस्टमार्टम हुआ। इस दौरान अस्पताल के बाहर भारी भीड़ जमा थी।
उधर, बीजेपी ने इस हत्याकांड के आरोपी पुलकित के पिता विनोद आर्य को पार्टी से निकाल दिया है। आपको बता दें कि अंकिता की हत्या का आरोप राज्य के पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित पर है। 19 वर्षीय अंकिता उसके रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। प्रशासन ने शुक्रवार रात को पुलकित के रिसॉर्ट को बुलडोजर चलाकर ढहा दिया। वहीं गुस्साए लोगों ने शनिवार को उसमें आग लगा दी।
विनोद आर्य बीजेपी ओबीसी (OBC) मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और यूपी के सह प्रभारी थे। वहीं आरोपी पुलकित के भाई अंकित आर्य को भी उत्तराखंड ओबीसी कल्याण आयोग के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला हुआ था। उधर, इस घटना से नाराज लोगों ने स्थानीय बीजेपी विधायक रेणु बिष्ट की गाड़ी के कांच फोड़ दिए।
पुलिस की प्राथमिकी (FIR) के मुताबिक अंकिता भंडारी 17-18 सितंबर से लापता थी। इसके बाद उसके पिता ने रिसॉर्ट पहुंचकर कर्मचारियों से पूछताछ की थी। बेटी का पता नहीं चलने पर उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अंकिता 17 सितंबर की रात करीब 8 बजे पुलकित आर्य, उसके रिजॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के साथ ऋषिकेश गई थी।
पुलिस के मुताबिक वापस आते समय तीनों आरोपियों ने चीला रोड के किनारे शराब पी। अंकिता उनके ड्रिंक खत्म होने का इंतजार करती रही। शराब पीने के बाद तीनों लड़की से झगड़ने लगे। हाथापाई में अंकिता ने पुलकित का मोबाइल भी नहर में फेंक दिया था। इस दौरान अंकिता ने रिसॉर्ट में अनैतिक गतिविधियों का विरोध किया था। पुलिस का कहना है कि उसने धमकी भी दी कि वह सभी को यहां चलने वाली अनैतिक गतिविधियों के बारे में बता देगी। इस बात से गुस्साए पुलकित और उसके साथियों ने लड़की को नहर में धकेल दिया।
पुलिस ने शक के आधार पर जब पुलकित से पूछताछ की, तो उसने पुलिस को बताया कि रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी रिसॉर्ट के एक कमरे में रहती थी। कुछ दिन से वह मानसिक तनाव से गुजर रही थी। इसलिए वह और उसके दोस्त 18 सितंबर को अंकिता को ऋषिकेश घुमाने ले गए थे। देर रात सभी वहां से वापस लौट आए। लौटकर सभी रिसॉर्ट में बने अलग-अलग कमरों में सोने चले गए। 19 सितंबर की सुबह अंकिता अपने कमरे से लापता थी। हालांकि पुलिस की पड़ताल में यह कहानी झूठी निकली।
पुलिस ने पुलकित के बाद रिसॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश जाते समय अंकिता इन लोगों के साथ थी, लेकिन वह इनके साथ लौटकर नहीं आई। इसके बाद पुलिस ने ऋषिकेश के रास्ते पर लगे हुए तमाम CCTV कैमरों के फुटेज चेक किए। इनसे यह बात साबित हुई कि रिसॉर्ट से जाते समय कुल चार लोग थे, लेकिन वापस तीन ही लौटे।
पुलकित की कहानी झूठ निकलते ही पुलिस का शक गहरा गया और उससे सख्ती से पूछताछ शुरू हुई। सोशल मीडिया पर भी अंकिता की तलाश के लिए कैंपेन चल रहा था। पुलिस ने शक के आधार पर पुलकित से पूछताछ की। आरोपी ने अंकिता को गंगा में धकेल देने की बात कबूल की। इसके बाद रेस्क्यू एजेंसियों ने अंकिता का शव चिल्ला पावर हाउस के पास एक नहर से बरामद किया।
उत्तराखंड के डीजीपी (DGP) यानी पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट राजस्व पुलिस में दर्ज हुई थी, जो उसी दिन रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर की गई। 24 घंटे के अंदर लक्ष्मण झूला पुलिस ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य सहित तीन आरोपियों ने गिरफ्तार कर लिया है। उनकी निशानदेही पर ही एसडीआरएफ (SDRF) ने बैराज की नहर में शव की तलाश शुरू की थी। एसडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि अंकिता के परिजन से शव की पहचान कराने के बाद बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए ऋषिकेश एम्स भेजा गया था।
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