न्यूयार्कः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संवेदनशीलता और काम के प्रति उनके समर्पण का जिक्र करते हुए कहा है कि आधी रात बीत चुकी थी, मेरे पास प्रधानमंत्री मोदी का फोन आया। उनका पहला सवाल था, “जागे हो क्या।“ मैंने उन्हें बताया कि भारतीयों को पहुंच रही मदद रास्ते में है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने मुझसे कहा था कि जब यह पहुंच जाए तो मुझे कॉल करना। उनका यही गुण दूसरों से उन्हें अलग करता है। आपको बता दें कि डॉ. जयशंकर इस समय संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी UNGA की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका में हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने न्यूयार्क में न्यूयॉर्क में ‘मोदी @20 : ड्रीम्स मीट डीलिवरी’ किताब पर हो रहे विशेष कार्यक्रम में चर्चा के दौरान अफगानिस्तान से भारतीयों को निकाले जाने के ऑपरेशन देवी शक्ति की कुछ यादें साझा कीं। उन्होंने पीएम मोदी की संवेदनशीलता और काम के प्रति उनके समर्पण का जिक्र करते हुए कहा कि आधी रात बीत चुकी थी, मेरे पास प्रधानमंत्री मोदी का फोन आया। उनका पहला सवाल था कि जागे हो क्या। मैंने उन्हें बताया कि भारतीयों को पहुंच रही मदद रास्ते में है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने मुझसे कहा था कि जब यह पहुंच जाए तो मुझे कॉल करना। जयशंकर बोले- उनका यही गुण दूसरों से उन्हें अलग करता है।

आपको बता दें कि इस ऑपरेशन के तहत अफगानिस्तान से भारतीयों की देश वापसी हुई थी। 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद कुछ भारतीय वहां फंस गए थे। इन्हें निकालने के लिए भारत सरकार लगातार कोशिश कर रही थी।

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां फंसे भारतीयों को वापस लेकर भारत सरकार की पहली स्पेशल फ्लाइट 10 दिसंबर को काबुल से दिल्ली पहुंची थी। इस ऑपरेशन का नाम देवी शक्ति रखा गया। इसके तहत 650 से ज्यादा लोगों को अफगानिस्तान से सुरक्षित निकाला गया था। इन लोगों में अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू/सिख अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी थे। अफगानिस्तान में चुनौतीपूर्ण मानवीय स्थिति को देखते हुए, भारत सरकार ने चिकित्सा आपूर्ति सहित मानवीय सहायता भी भेजी थी।

तालिबानी कब्जे के बाद अफगानिस्तान की स्थिति बदतर हो गई है। यहां भुखमरी जैसे हालात हैं। ऐसी स्थिति में भारत लगातार अफगानिस्तान में गेहूं और दवाइयों के साथ कई और तरह की मानवीय सहायता पहुंचा रहा है। भारत अभी तक 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं, कोविड वैक्सीन की 5 लाख खुराक और 13 टन दवाएं अफगानिस्तान में भेज चुका है। पोलियो के टीके के साथ सर्दियों के लिए गर्म कपड़े भी भेजे जा रहे हैं।

वहीं, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज में आयोजित ‘मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि पीएम मोदी देश के लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए दिन रात काम करते हैं। देश के लाखों लोग उन पर भरोसा करते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री जो कहते हैं उसे पूरा करके दिखाते हैं। यही उनका प्रयास रहता है।

मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी पीएम मोदी पर लिखी गई किताब है। इसे देश की जानी-मानी हस्तियों ने लिखा है। इस किताब में 21 चैप्टर्स हैं। इस किताब की प्रस्तावना दिवंगत सिंगर लता मंगेशकर ने लिखी थी। किताब के पहले चैप्टर ‘मोदी निर्विवादित यूथ आइकॉन क्यों हैं’ में बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने पीएम मोदी के साथ अपने अनुभवों के बारे में लिखा है।

अमेरिका के न्यूयॉर्क में चल रहे UNGA के 77वें सत्र को संबोधित करने इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह विदेश मंत्री जयशंकर ने शिरकत की है। वे यहां पीएम मोदी के UN को कुछ वक्त पहले दिए गए 5-S फॉर्मूला पर 24 सितंबर को विस्तार से बात करेंगे। पीएम मोदी के मुताबिक, 5-S फॉर्मूला के एलिमेंट – सम्मान (Respect), सम्वाद (Dialogue), सहयोग (Cooperation), शांति (Peace) और समृद्धि (Prosperity) हैं।

आपको बता दें कि जनरल असेंबली यूनाइटेड नेशंस के 6 मुख्य अंगों में से एक है। यूनाइटेड नेशंस के सभी 193 सदस्य बराबर अधिकारों और जिम्मेदारी के साथ इसका हिस्सा हैं। UN के बजट, सिक्योरिटी काउंसिल की सदस्यता, अस्थायी सदस्यों की नियुक्ति जैसे सभी काम जनरल असेंबली के जिम्मे हैं।

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