Subscribe for notification
शिक्षा

आज का इतिहासः आज के ही दिन मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर ने अंग्रेजों के समक्ष किया था आत्मसमर्पण

दिल्लीः आज के ही दिन यानी 20 सितंबर 1857 को अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह ज़फर को अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा था और उन्हें ब्रिटिश मेजर होसॉन ने पकड़ लिया था। दरअसल, मई 1857 में आज़ादी की पहली लड़ाई शुरू हुई थी, जिसके बाद अंग्रेजों ने मौजूदा पुरानी दिल्ली की तीन महीने तक घेराबंदी की थी।

14 सितंबर को ब्रिटिश फौजों की जीत हुई थी तथा शहर पर उनका कब्जा हो गया था। 17 सितंबर को बहादुर शाह ज़फर को लालकिला छोड़ना पड़ा था। 20 सितंबर को उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद उन्हें कैदी बनाकर उसी किले में लाया गया था जहां उनका हुक्म चलता था।

बहादुर शाह ज़फ़र (1775-1862) भारत में मुग़ल साम्राज्य के आखिरी शहंशाह और उर्दू भाषा के माने हुए शायर थे। उन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सिपाहियों का नेतृत्व किया।

बहादुर शाह ज़फ़र का जन्म 24 अक्तूबर सन् 1775 ई. को दिल्ली में हुआ था। बहादुर शाह अकबर शाह द्वितीय और लालबाई के बेटे थे। उनकी मां लालबाई हिंदू परिवार से थीं।

अंग्रेजों के ख़िलाफ़ भारतीय सैनिकों की बगावत को देख बहादुर शाह जफर का भी गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने अंग्रेजों को हिंदुस्तान से खदेड़ने का आह्वान कर डाला। 1857 में जब हिंदुस्तान की आजादी की चिंगारी भड़की तो सभी विद्रोही सैनिकों और राजा-महाराजाओं ने उन्हें हिंदुस्तान का सम्राट माना और उनके नेतृत्व में अंग्रेजों की ईंट से ईंट बजा दी।

अंग्रेजों ने जुल्म की सभी हदें पार कर दीं। जब बहादुर शाह जफर को भूख लगी तो अंग्रेज उनके सामने थाली में परोसकर उनके बेटों के सिर ले आए। उन्होंने अंग्रेजों को जवाब दिया कि हिंदुस्तान के बेटे देश के लिए सिर कुर्बान कर अपने बाप के पास इसी अंदाज में आया करते हैं। आजादी के लिए हुई बगावत को पूरी तरह खत्म करने के मकसद से अंग्रेजों ने अंतिम मुगल बादशाह को देश से निर्वासित कर रंगून भेज दिया।

बहादुर शाह ज़फ़र सिर्फ एक देशभक्त मुग़ल बादशाह ही नहीं, बल्कि उर्दू के प्रसिद्ध कवि भी थे। उन्होंने बहुत सी  उर्दू कविताएं लिखीं, जिनमें से काफ़ी अंग्रेजों के ख़िलाफ़ बगावत के समय मची उथल-पुथल के दौरान खो गई या नष्ट हो गईं।

मुल्क से अंग्रेजों को भगाने का सपना संजोए बहादुर शाह जफर का 7 नवंबर 1862 को निधन हो गया। बहादुर शाह ज़फ़र की मौत 86 साल की उम्र में रंगून (वर्तमान यांगून), बर्मा (वर्तमान म्यांमार) में हुई थी। उन्हें रंगून में श्वेडागोन पैगोडा के नजदीक दफनाया गया। उनके दफन स्थल को अब बहादुर शाह जफर दरगाह के नाम से जाना जाता है। लोगों के दिल में उनके लिए कितना सम्मान था उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हिंदुस्तान में जहां कई जगह सड़कों का नाम उनके नाम पर रखा गया है। वहीं, पाकिस्तान के लाहौर शहर में भी उनके नाम पर एक सड़क का नाम रखा गया है। बांग्लादेश के ओल्ड ढाका शहर स्थित विक्टोरिया पार्क का नाम बदलकर बहादुर शाह जफर पार्क कर दिया गया है। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 20 सितंबर को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1388 – दिल्ली के सुल्तान फिरोज तुगलक शाह तृतीय का निधन।
1854- क्रीमिया की पहली लड़ाई में ब्रिटेन-फ्रांसीसी गठबंधन ने तत्कालीन सोवियत रूस को पराजित किया।
1856 – भारत के महान संत एवं समाज सुधारक श्री नारायण गुरु का जन्म।
1857 – अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर ने आत्मसमर्पण किया। कैदी बनाकर लाल किले लाए गए।
1878 – मद्रास के अखबार द हिंदू के साप्ताहिक संस्करण का प्रकाशन शुरू। जी. एस. अय्यर इसके संपादक थे।
1933 – सामाजिक कार्यकर्ता एनी बेसेंट का निधन।
1942 – भारतीय महिला स्वतंत्रता सेनानी कनकलता बरुआ का निधन।
1946- पहला कांस फिल्म समारोह का आयोजन हुआ।
1949 – प्रसिद्ध फिल्म निर्माता निर्देशक महेश भट्ट का जन्म।
1970- रूसी प्रोब ने चांद के सतह से कुछ चट्टानें इकट्ठा की।
1983–एप्पल उपग्रह ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया।
1995–संयुक्त राष्ट्र महासभा का 50वें अधिवेशन की शुरुआत।
1999 : तमिल सिनेमा की स्वप्न सुंदरी के नाम से प्रसिद्ध अभिनेत्री राजकुमारी का निधन। उनकी फिल्म हरिदास 114 सप्ताह तक चेन्नई के सिनेमाघर में चली थी।
2001–अमेरिका ने लगभग 150 लड़ाकू विमान खाड़ी में उतारने का फैसला किया।
2006- ब्रिटेन के रॉयल बॉटैनिक गार्डन्स के वैज्ञानिकों को 200 वर्ष पुराने बीज उगाने में कामयाबी मिली।
2009- मराठी फिल्म ‘हरिशचन्द्राची फैक्ट्री’ आस्कर अवार्ड्स की विदेशी फिल्म कैटिगरी में शामिल हुआ।
2011- अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तालिबान से वार्ता के लिए गठित सरकारी शांति परिषद के शीर्ष वार्ताकार बुरहानुद्दीन रब्बानी की काबुल में हत्या।
2011- पाकिस्तान में शिया तीर्थयात्रियों के बस पर हमले में 26 लोग मारे गये।
2018 – भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और विश्व चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार देने की घोषणा।

General Desk

Recent Posts

Champions Trophy: फाइनल में पहुंची टीम इंडिया, सेमीफाइल में ऑस्ट्रेलिया को चार विकेट से हराया

स्पोर्ट्स डेस्कः टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है। दुबई के इंटरनेशनल स्टेडियम में मंगलवार…

6 days ago

CM रेखा गुप्ता ने खोले AAP सरकार के स्वास्थ्य मॉडल के पोले, पढ़िए सीएजी की रिपोर्ट पर विधानसभा में क्या बोलीं दिल्ली की मुख्यमंत्री

दिल्लीः दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को कहा कि CAG की पूर्ववर्ती सरकार के समय में स्वास्थ्य विभाग…

7 days ago

24 से 26 मार्च के बीच पेश होगा दिल्ली सरकार का बजट, ईमेल और व्हाट्सएप के जरिये लोगों से मांगे सुझाव

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया है कि प्रदेश सरकार का बजट 24 से 26…

7 days ago

श्री श्याम संकीर्तन महोत्सव में शामिल हुए दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता और कई मंत्री

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता रविवार को श्री श्याम कृपा मंडल खारी बावली 21वें वार्षिक…

1 week ago

सरकार के साथ मिलकर दिल्ली को खूबसूरत और वैश्विक स्तर का शहर बनाने का काम करेगी बीजेपी संगठन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि पार्टी संगठन सरकार से साथ…

1 week ago

सीएम रेखा गुप्ता ने पूर्वांचलवासियों को बताया हनुमान, बोलीं…आपकी तपस्या, मेहनत, लगन और समर्पण से मिली है बीजेपी को जीत

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्वांचलवासियों को हनुमान की उपाधि देते हुए कहा है…

1 week ago