लंदनः ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-II आज पंचत्व में विलीन हो जाएंगी। महारानी को भारतीय समय के अनुसार, रात करीब 12 बजे सेंट जॉर्ज मेमोरियल चैपल में पति प्रिंस फिलिप की कब्र के पास दफनाया जाएगा। उनके अंतिम संस्कार की रस्में जारी हैं। प्राइवेट फ्यूनरल की रस्में शुरू हो चुकी हैं। इसके लिए उनके पार्थिव शरीर को विंडसर कैसल लाया जा चुका है। किंग चार्ल्स की अगुआई में रॉयल फैमिली यहां पहुंच चुकी है।
आपको बता दें कि वेस्टमिंस्टर ऐबे से विंडसर कैसल का सफर करीब 40 किलोमीटर का है। इस दौरान कभी पैदल तो कभी गाड़ियों में रॉयल फैमिली साथ रही। विंडसर कैसल में तीन प्रेयर्स होंगी।
इसके पहले, स्टेट फ्यूनरल फंक्शन में हेड ऑफ द स्टेट्स ने क्वीन को श्रद्धांजलि दी। इनमें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल थे। शाही परिवार के सदस्य का दर्जा छोड़ चुके किंग चार्ल्स के बेटे प्रिंस हैरी ने क्वीन एलिजाबेथ के कॉफिन को सैल्यूट नहीं किया। इसकी काफी चर्चा हो रही है।
इसके पहले, रॉयल गार्ड्स की परेड के साथ महारानी का कॉफिन यानी ताबूत वेस्टमिंस्टर हॉल से वेस्टमिंस्टर ऐबे लाया गया। इस दौरान शाही परिवार के लोग गन कैरीज (तोपगाड़ी) के पीछे चल रहे थे।
महारानी एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार की तमाम रस्में डीन ऑफ वेस्टमिंस्टर डेविड होयले ने पूरी कराईं। उनके साथ केंटरबरी के आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी मौजूद रहे। शाही रीति-रिवाजों के मुताबिक क्वीन के निधन पर शोक जताया गया, प्रेयर्स हुईं। प्राइम मिनिस्टर लिज ट्रस ने छोटा भाषण दिया।
शाही परिवार की तरफ से एक प्रस्ताव पढ़ा गया। फिर दो मिनट का मौन रखा गया। इसके साथ ही स्टेट फ्यूनरल की रस्में पूरी हो गईं। इस दौरान भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, अमेरिकन प्रेसिडेंट बाइडेन समेत दुनियाभर से आए राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहे। स्टेट फ्यूनरल के बाद बाइडेन समेत कुछ राष्ट्राध्यक्ष अपने-अपने देशों के लिए रवाना हो गए।
महारानी एलिजाबेथ का ताबूत वेलिंग्टन आर्च से विंडसर कैसल ले जाया गया। यहां के सेंट जॉर्ज मेमोरियल चैपल में डीन ऑफ विंडसर रॉयल फैमिली क्वीन के पर्सनल स्टाफ के साथ प्रेयर करेंगे। ताबूत रॉयल वॉल्ट में रखा जाएगा। केंटरबरी के आर्कबिशप आशीष वचन (Blessings) बोलेंगे। रॉयल बैंड शोक धुन बजाएगा। रॉयल जूलर (शाही सुनार) क्वीन के ताबूत से क्राउन निकालेंगे। इसे राजमहल ले जाया जाएगा।
महारानी एलिजाबेथ के पार्थिव शरीर को ऐबे लाते समय ब्रिटेन के नए राजा यानी किंग चार्ल्स-III उनके ताबूत के पीछे चल रहे थे। इस दौरान प्रिंस ऑफ वेल्स और किंग चार्ल्स के बेटे विलियम भी साथ थे।
उधर, अमेरिका अखबार ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने प्रिंस हैरी का एक फोटो पोस्ट किया। इसमें रॉयल गार्ड्स क्वीन एलिजाबेथ के कॉफिन को सैल्यूट करते नजर आ रहे हैं। हैरी के दोनों हाथ सीधे पैरों की तरफ हैं। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि हैरी को रॉयल सैल्यूट से रोका गया या उन्होंने खुद ऐसा किया। आपको बता दें कि दो साल पहले हैरी और पत्नी मेगन मार्केल रॉयल स्टेट्स छोड़ चुके हैं और अमेरिका में रहते हैं।
जब हैरी सावधान मुद्रा में खड़े थे, तब उनके बड़े भाई प्रिंस विलियम और परिवार के बाकी सदस्य सैल्यूट कर रहे थे। शाही परिवार के एक और सदस्य प्रिंस एंड्रू ने भी सैल्यूट नहीं किया। पिछले साल वह सेक्स स्कैंडल को लेकर विवादों में थे और क्वीन ने उन्हें बचाया था। विशेष बात यह है कि हैरी ‘प्री फ्यूनरल’ सेरेमनी में भी शामिल नहीं हुए थे। हालांकि वह क्वीन के निधन वाले दिन यानी 8 सितंबर से ही लंदन में हैं।
आपको बता दें कि शाही परंपराओं के मुताबिक, क्वीन का अंतिम संस्कार उनके निधन के 10 दिन बाद किया जा रहा है। 12 सितंबर से वेस्टमिंस्टर हॉल में रखे महारानी के ताबूत को गन कैरिज में वेस्टमिंस्टर ऐबे लाया गया। इसे 142 रॉयल नेवी सेलर्स ने खींचा। इसी कैरिज का इस्तेमाल एडवर्ड VII, जॉर्ज V, जॉर्ज VI और सर विंस्टन चर्चिल के अंतिम संस्कार के दौरान भी किया गया था।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पार्थिव शरीर को जिस ताबूत में रखा गया, उसे रॉयल स्टैंडर्ड यानी शाही कपड़े में लपेटा गया। ताबूत को वेस्टमिंस्टर हॉल में रखे जाने के बाद इस पर इंपीरियल स्टेट क्राउन यानी राजमुकुट रखा गया। राजशाही का प्रतीक ऑर्ब यानी राजप्रतीक और स्कैप्टर यानी राजदंड भी रखे गए। ताबूत को दफन करने से पहले सभी शाही प्रतीक हटाकर उन्हें टावर ऑफ लंदन (राजमहल) ले जाया जाएगा।
महारानी एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 18 सितंबर को लंदन पहुंचीं। यहां वेस्टमिंस्टर हॉल में उन्होंने क्वीन को भारत के लोगों की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लंदन के लैंकेस्टर हाउस में महारानी एलिजाबेथ II की याद में कंडोलेंस बुक पर साइन भी किया। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने बकिंघम पैलेस में ब्रिटेन के नए राजा किंग चार्ल्स III से मुलाकात की।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के दिन यानी ‘डी डे’ की पूरी प्लानिंग पहले ही हो गई थी। साल 2021 में कुछ डॉक्यूमेंट्स लीक हुए थे, जिसमें अंतिम संस्कार की तैयारियों का सीक्रेट प्लान था। ‘ऑपरेशन लंदन ब्रिज’ के मुताबिक ही तैयारियां हो रही हैं। प्लानिंग के मुताबिक, रॉयल परिवार की वेबसाइट का पेज ब्लैक कर दिया गया। महारानी के निधन के बाद 10 मिनट के भीतर वॉइटहॉल के झंडे आधे झुकाने का जिक्र इस ऑपरेशन में किया गया था। ऑपरेशन स्प्रिंग टाइड में प्रिंस चार्ल्स की ताजपोशी का जिक्र था।
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