दिल्लीः बीडीएस (BDS) यानी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जन के छात्रों को अब इंटर्नशिप के बाद परीक्षा पास करनी होगी। जो छात्र परीक्षा पास कर पाएं उन्हें ही डिग्री मिलेगी।वहीं, फेल छात्रों को दोबारा परीक्षा पास करनी होगी।
दांतों के अच्छे डॉक्टर तैयार करने के लिए बीडीएस अहम कदम उठाने जा रही है। बीडीएस ने पाठ्यक्रम में बदलाव का प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा है। इसके तहत अब बीडीएस कोर्स एमबीबीएस की भांति साढ़े पांच साल का होगा। आपको बता दें कि इस समय छात्रों को पांच साल में बीडीएस की डिग्री मिल रही है। अधिकारियों ने जल्द ही प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद जाहिर की है।
केजीएमयू दंत संकाय के डीन डॉ. एपी टिक्कू ने बताया कि बीडीएस पाठ्यक्रम में एकरूपता लाने की दिशा में डीसीआई ने सराहनीय कदम उठाया है। इससे और अच्छे डॉक्टर तैयार हो सकेंगे। इससे दांतों की बीमारी से पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।