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पद पर बने रहेंगे गांगुली और जय शाह, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को संविधान संशोधन की मंजूरी दी

दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बीसीसीआई (BCCI) यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के कूलिंग ऑफ पीरियड में बदलाव को मंजूरी दे दी। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब कोई पदाधिकारी स्टेट बॉडी में तीन साल से ज्यादा और बीसीसीआई  में लगातार दो बार यानी 6 साल तक पद पर बने रह सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सबसे सबसे ज्यादा फायदा बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को मिल सकता है।

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि अब राज्य क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई  के कार्यकाल को एक साथ नहीं माना जाएगा। ऐसे में कोई अधिकारी राज्य क्रिकेट में छह साल काम करने के बाद बीसीसीआई  में भी छह साल काम कर सकता है। बीसीसीआई में लगातार छह साल पूरे होने के बाद तीन साल तक कोई भी पद पर नहीं रह सकता है।

क्या है कूलिंग ऑफ पीरियड क्या हैः  रिटायर जज जस्टिस आर एम लोढ़ा की अध्‍यक्षता में गठित समिति ने कूलिंग ऑफ पीरियड को लेकर 2018 में सिफारिश की थी। बाद में इन्हें तभी से लागू कर दिया गया। इसके मुताबिक, कोई भी पदाधिकारी पहले स्टेट बॉडी में तीन साल या उससे ज्यादा समय तक पद पर रहता है, तो वह बोर्ड में सिर्फ तीन साल और पद पर रह सकता है। सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद, अब कोई भी पदाधिकारी तीन साल स्टेट और बोर्ड में 6 साल तक किसी भी पद पर रह सकता है।

क्या था बीसीसीआई को क्या आपत्तिः 2019 में बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर तीन साल के कूलिंग ऑफ पीरियड के प्रावधान को खत्म करने की इजाजत मांगी थी। इस मामले में बीसीसीआई का कहना है कि कूलिंग ऑफ पीरियड किसी सदस्‍य के एक ही स्‍थान पर लगातार छह साल तक पद संभालने के बाद आना चाहिए, न कि स्टेट फेडरेशन या बीसीसीआई  या दोनों को मिलाकर।

आपको बता दें कि बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव, सचिव जय शाह समेत पांच पदाधिकारियों ने बोर्ड और स्टेट बॉडी में 6 साल पूरे कर लिए हैं। सौरव गांगुली 23 अक्टूबर 2019 को बीसीसीआई अध्यक्ष बने थे। इससे पहले वे 2014 में बंगाल क्रिकेट संघ के सचिव बने थे, फिर 2015 में उन्हें अध्‍यक्ष का पद मिला।

इसी तरह, जय शाह 2014 में गुजरात क्रिकेट संघ के संयुक्‍त सचिव बने थे। ऐसा कहा जाता है कि उनका कार्यकाल आठ सितंबर 2013 से ही शुरू हो गया था। यानी सितंबर 2013 से अक्‍टूबर 2019 तक वह गुजरात क्रिकेट संघ से जुड़े रहे। इसके बाद बीसीसीआई सेक्रेटरी का पदभार उन्होंने 24 अक्टूबर 2019 को संभाला था। ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों अगले तीन साल तक अपने पद पर बने रहेंगे।

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