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आज का इतिहासः पाकिस्तान की हरतों से नाराज पटेल ने आज के ही दिन तय किया था कि कश्मीर बनेगा भारत का हिस्सा - Prakhar Prahari
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आज का इतिहासः पाकिस्तान की हरतों से नाराज पटेल ने आज के ही दिन तय किया था कि कश्मीर बनेगा भारत का हिस्सा

दिल्लीः भारत को 1947 में आजादी के साथ-साथ कई समस्याएं भी मिली थीं। इनमें से एक बड़ी समस्या रियासतों के विलय की थी। ज्यादातर रियासतें भारत में आसानी से शामिल हो गई थीं, लेकिन कुछ रियासतें ऐसी थीं, जो आजादी की घोषणा कर चुकी थीं। इनमें से एक रियासत थी कश्मीर, जो आज भी भारत-पाकिस्तान के टकराव का मुद्दा बना हुआ है।

इन रियासतों को भारत में शामिल कराने की जिम्मेदारी मिली थी सरदार पटेल को। कश्मीर के राजा हरीसिंह ने अपनी रियासत जम्मू-कश्मीर को स्वतंत्र रखने का फैसला लिया। हरीसिंह का मानना था कि कश्मीर यदि पाकिस्तान में मिलता है, तो जम्मू की हिन्दू जनता के साथ अन्याय होगा और अगर भारत में मिलता है,  तो मुस्लिम जनता के साथ अन्याय होगा।

भारत की आजादी से दो महीने पहले तक लॉर्ड माउंटबेटन ने कश्मीर के राजा महाराजा हरीसिंह से कहा था कि यदि वे पाकिस्तान के साथ जाने का फैसला करते हैं, तो भारत कोई दखल नहीं देगा। ये बात लॉर्ड माउंटबेटन के राजनीतिक सलाहकार रहे वीपी मेनन की किताब ‘इंटिग्रेशन ऑफ द इंडिया स्टेट्स’ में लिखी है।

सरदार पटेल भी हैदराबाद के बदले पाकिस्तान को कश्मीर देने के लिए राजी थे। 13 सितंबर 1947 की सुबह पटेल ने रक्षा मंत्री बलदेव सिंह को चिट्ठी लिखी कि कश्मीर चाहे तो पाकिस्तान में शामिल हो सकता है। इसी दिन पटेल को जब पता चला कि पाकिस्तान ने जूनागढ़ के विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है, तो वे भड़क गए।

उनका कहना था कि यदि पाकिस्तान, हिंदू बहुल आबादी वाले मुस्लिम शासक के जूनागढ़ को अपना हिस्सा बना सकता है तो भारत, मुस्लिम बहुल आबादी वाले हिंदू शासक के कश्मीर को क्यों नहीं ले सकता? उस दिन से कश्मीर पटेल की प्राथमिकता बन गया था।

हैदराबाद में घुसी सेनाः भारत की आजादी के बाद हैदराबाद के नवाब मीर उस्मान अली ने अपनी रियासत को आजाद रखने का फैसला लिया था। वो चाहता था कि हैदराबाद का संबंध सिर्फ ब्रिटिश सम्राट से ही रहे।

हैदराबाद कांग्रेस चाह रही थी कि हैदराबाद का विलय भारत में हो, लेकिन दूसरी तरफ इत्तेहादुल मुस्लिमीन नाम का संगठन निजाम का समर्थन कर रहा था।

पटेल ने 13 सितंबर 1948 को भारतीय सेना को हैदराबाद पर चढ़ाई करने का आदेश दे दिया। इसे ऑपरेशन पोलो कहा गया। 3 दिनों के भीतर ही भारतीय सेना ने हैदराबाद पर कब्जा कर लिया। इस ऑपरेशन में 42 भारतीय सैनिक शहीद हुए और 2 हजार रजाकार मारे गए। हालांकि, अलग-अलग लोग इस आंकड़े को काफी ज्यादा बताते हैं। 17 सितंबर 1948 को निजाम ने हैदराबाद के भारत में विलय की घोषणा की।

जतिंद्र नाथ दास की शहादतः हम सभी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत को हम शहीद दिवस के तौर पर याद करते हैं, लेकिन उनके ही साथी थे- जतिंद्र नाथ दास, जिन्हें जतिन दा भी कहा जाता था। 27 अक्टूबर 1904 को जन्मे जतिंद्र नाथ 16 साल की उम्र में ही आजादी के आंदोलन से जुड़ गए थे। दक्षिणेश्वर बम कांड और काकोरी कांड के सिलसिले में 1925 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

सबूत नहीं थे, इस वजह से मुकदमा नहीं चला, पर उन्हें नजरबंद रखा गया। लाहौर असेंबली में बम फेंकने के मामले में भगत सिंह के साथियों के साथ ही जतिन दा भी पकड़े गए थे। जेल में अव्यवस्था के खिलाफ क्रांतिकारियों ने जतिन दा के नेतृत्व में 13 जुलाई 1929 को अनशन शुरू किया। उनका अनशन खत्म करने की हर कोशिश की गई, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए।

हड़ताल के 63वें दिन जतिन दास के कहने पर एक साथी ने ‘एकला चलो रे’ और फिर ‘वन्दे मातरम्’ गाया। यह गीत पूरा होते ही जतिन दा ने 13 सितंबर 1929 को सिर्फ 24 साल की उम्र में दुनिया से विदाई ले ली। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 13 सितंबर को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1791 – फ्रांस के राजा लुई 14वें ने नया संविधान अंगीकार किया।
1914 – प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी और फ्रांस के बीच एस्ने की लड़ाई शुरू हुई।
1922 – पोलैंड की संसद ने जिडायनिया बंदरगाह निर्माण अधिनियम पारित किया।
1922– लिबिया के एल अज़िज़िया में धरती पर उच्चतम तापमान दर्ज किया गया। छाया में मापा गया यह तापमान 136.4 डिग्री एफ (58 डिग्री सी) था।
1923 – स्पेन में सैन्य तख्ता पलट। मिगेल डे प्रिमो रिवेरा ने सत्ता संभाली। ट्रेड यूनियनों को 10 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया।
1929 – लाहौर जेल में भूख हड़ताल के 63 दिन के बाद प्रसिद्ध क्रांतिकारी जतीन्द्र नाथ दास का निधन हुआ।
1933- एलिजाबेथ मेकॉम्ब्स न्यूजीलैंड की संसद में पहुंचने वाली पहली महिला बनीं। उन्होंने लिटिलटन से चुनाव जीता। इससे पहले ये सीट उनके पति के पास थी।
1947 – तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 40 लाख हिंदुओं और मुसलमानों के पारस्परिक स्थानांतरण का सुझाव दिया।
1948- उप प्रधानमंत्री वल्लभ भाई पटेल ने सेना को हैदराबाद में घुस कर कार्रवाई करने और उसे भारतीय संघ के साथ एकीकृत करने का आदेश दिया।
1968 – अल्बानिया वारसा संधि से अलग हुआ।
2000 – भारत के विश्वनाथन आनन्द ने शेनयान में पहला फिडे शतरंज विश्व कप जीता।
2002 – इजरायल ने फ़िलीस्तीन के नियंत्रण वाले गाजा पट्टी पर हमला किया।
2005 – सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता हेतु समर्थन देने के लिए अमेरिका ने मानकों की घोषणा की।
2006 – इब्सा (भारत-ब्राजील-साउथ अफ़्रीका त्रिगुटीय संगठन) का पहला शिखर सम्मेलन ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में शुरू हुआ।
2007 – नेशनल एयरोनॉटिक्स स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वैज्ञानिकों ने बृहस्पति से तीन गुना बड़े ग्रह का पता लगाया।
2008 – दिल्ली में तीन स्थानों पर कुछ मिनटों के अंतराल पर चार सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए। इनमें 19 लोगों की मौत हुई और 90 से अधिक घायल हुए।
2009 – चन्द्रमा पर बर्फ़ खोजने का इसरो-नासा का अभियान असफल हुआ।
2013 – तालिबान आतंकवादियों ने अफग़ानिस्तान के हेरात शहर में अमेरिका के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया जिसमें अफगान नेशनल पुलिस के दो जवानों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए।

 

Shobha Ojha

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